Cheetah Project: कूनो से नौरादेही में शिफ्ट होंगे चीते, 6 मौतों के बाद सरकार अलर्ट



3006989 HYP 0 FEATUREIMG 20230531 010307 Cheetah Project: कूनो से नौरादेही में शिफ्ट होंगे चीते, 6 मौतों के बाद सरकार अलर्ट

अनुज गौतम/सागर: एमपी के सबसे बड़ी नौरादेही सैंक्चुअरी में टाइगर प्रोजेक्ट सफल होने के बाद अब यहां पर चीता लाने की तैयारी की जा रही है. संभवता नवंबर से पहले यहां पर चीते शिफ्ट भी कर दिए जाएंगे. करीब 1200 किलोमीटर में फैली इस सैंक्चुअरी को बेहद सुरक्षित माना जाता है.

इसका अंदाजा आप ऐसे लगा सकते हैं कि साल 2018 में बाघ पुनरुत्थान प्रोजेक्ट के तहत बाघिन राधा और बाघ किशन को लाया गया था, जिनका कुनबा बढ़कर आज 16 पर पहुंच गया है और सबसे अच्छी बात यह है कि 5 सालों में यहां से किसी भी प्रकार की कोई नुकसान की खबर नहीं आई है.

नौरादेही सैंक्चुअरी प्रदेश के सागर, दमोह और नरसिंहपुर जिले की सीमाओं में फैली हुई है. इस इलाके में पेड़, पहाड़, मैदान, नदी, घास, गुफा, झाड़ी हैं, तो वहीं चीतल, चिंकारा, हिरण, नीलगाय, भेड़िया सहित 183 प्रकार के पशु-पक्षी पाए जाते हैं. सैंक्चुअरी के बीच में ऐसी जगह होने की वजह से जानवरों के लिए यह बेहद ही सुरक्षित, समृद्ध, वातानुकूल है.

नौरादेही में ये सुविधाएं
नौरादेही सैंक्चुअरी के डीएफओ डॉ. एए अंसारी ने बताया कि वन्यजीवों के लिहाज से यह बेहद ही अनुकूल जगह है. नौरादेही में वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए 150 वन कर्मी तैनात हैं. शिकारियों को ट्रैप करने के लिए डॉग स्क्वायड मौजूद है. वहीं निगरानी के लिए हाथी दल भी हैं. नौरादेही सैंक्चुअरी के वातावरण, खुशनुमा माहौल और सुरक्षित इलाके को देखते हुए सबसे पहले यहीं पर चीता लाने की तैयारी की जा रही है, जिसका प्रोजेक्ट बना कर भी सरकार के पास भेजा था, जिसमें नौरादेही सैंक्चुअरी को चीता के लिए अनुकूल पाया गया था.

6 चीतों की हो चुकी मौत
कूनो नेशनल पार्क के बाद गांधी सागर सैंक्चुअरी और नौरादेही का ही नंबर आने वाला था, लेकिन कूनो पार्क से आई खबरों के बाद इसमें और जल्दी की जा रही है. कूनो में अब तक 6 चीतों की मौत हो चुकी है, जिसके बाद सरकार अलर्ट मोड पर है. पिछले दिनों हुई बैठक में चीतों को नवंबर महीने से पहले गांधी सागर और नौरादेही अभ्यारण में शिफ्ट करने को लेकर तैयारी करने के निर्देश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा दिए गए थे.

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