Chennai Mother Of Girl Rescued From Residential Building Commits Suicide – इंसानियत ने बच्ची को बचाया, ट्रोलर्स ने उससे मां छीन ली; चेन्नई का वो वायरल VIDEO


इंसानियत ने बच्ची को बचाया, ट्रोलर्स ने उससे मां छीन ली; चेन्नई का वो वायरल VIDEO

नई दिल्ली:

चेन्नई में एक मां ने सोशल मीडिया (Social media) की ट्रोलिंग से परेशान होकर अपनी जान दे दी. एक इमारत में एक बच्ची दूसरी मंजिल से गिरकर पहली मंज़िल के शेड पर लटक गई थी, जिसे बचा लिया गया था. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ.  कुछ लोगों ने बच्चे की मां को खूब ट्रोल किया और उन्हें लापरवाह बताया.  कहा जा रहा है कि महिला के किसी पड़ोसी ने ही सोशल मीडिया पर इसकी क्लिप डाल दी थी. ये घटना 28 अप्रैल की है. महिला इस घटना के बाद से काफी तनाव में आ गई थी. आईटी प्रोफेशनल महिला ट्रोलिंग से परेशान होकर पति और बच्चों के साथ अपने मायके चली गई थी लेकिन वहां भी परेशान रही और आखिर में उसने अपनी जान दे दी.

महिला 18 मई को अपने माता-पिता के घर बेहोश पड़ी मिली. उसके माता-पिता उसे तुरंत अस्पताल ले गए, लेकिन अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया.

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सोशल मीडिया यूजर्स लगातार कर रहे थे ट्रोल

बच्ची के गिरने के बाद का वीडियो सामने आया था. जिसमें देखा गया था कि एक शख्स फर्स्ट फ्लोर की बालकनी की रेलिंग पर चढ़कर बच्ची को बचा लेता है. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था. सोशल मीडिया में लोग तरह-तरह के कमेंट कर रहे थे. कुछ बच्चे को बचाने वाले की तारीफ कर रहे थे वहीं कुछ इस घटना के लिए मां को जिम्मेदार बता रहे थे.  कई स्थानीय न्यूज चैनलों ने भी महिला को लापरवाह मां बताया था. मृतक महिला इस तरह के ट्रोलिंग के बाद डिप्रेशन में चली गयी थी. 

सोशल मीडियाा ट्रोलिंग के ख़िलाफ क्या है क़ानून

  • धारा 354 A के तहत शिकायत दर्ज की जाती है
  •  इसके तहत 1 साल की क़ैद और जुर्माने का प्रावधान है.
  • अश्लील पोस्ट करने पर 3 साल की सज़ा, जुर्माना हो सकती है
  •  आपराधिक धमकी, यौन उत्पीड़न, मानहानि का केस भी संभव
  •  भारतीय दंड संहिता 1860 ट्रोलिंग को परिभाषित नहीं करती है
  •  सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के तहत ट्रोल्स के ख़िलाफ़ कार्रवाई संभव

ट्रोलिंग के दुष्प्रभाव से कैसे बचे? 

सामान्यत:  ज़्यादातर ट्रोलिंग की शुरुआत हंसी मज़ाक से होती है. लेकिन जल्द हंसी मज़ाक विकराल रूप ले लेता है. ट्रोलर सामान्य चर्चा पर भी बुरी तरह से पेश आने लगते हैं.  गाली, रेप, जान से मारने की धमकी तक कई बार बात पहुंच जाती है. जानकारों का कहना है कि सोशल मीडिया के इस्तेमाल में हो रहे दुरुपयोग को रोकने की जरूरत है. ‘आजादी’ का इस्तेमाल किसी को आहत करने के लिए नहीं होनी चाहिए. पोस्ट डालने से पहले नतीजों के बारे में दोबारा सोचना चाहिए. साथ ही लोगों को सोशल मीडिया के कमेंट से प्रभावित होने से बचना चाहिए.  

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(अगर आपको सहारे की ज़रूरत है या आप किसी ऐसे शख्‍स को जानते हैं, जिसे मदद की दरकार है, तो कृपया अपने नज़दीकी मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञ के पास जाएं)



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