Chhath Puja: जमशेदपुर के घाटों पर उमड़ी भीड़, डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर छठी मैया से मांगा आशीष
जमशेदपुर. जमशेदपुर में भी छठ पूजा का आयोजन बड़ी धूमधाम से किया गया. हजारों लोग शहर के विभिन्न घाटों पर एकत्रित हुए, जहां उन्होंने सूर्यास्त के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया. श्रद्धालुओं ने अपने सूप में फल, ठेकुआ और नारियल जैसे प्रसाद लेकर सूर्य देव की पूजा की. विभिन्न क्षेत्रों से आए लोगों में कई पैदल चलकर, तो कुछ लेटते हुए घाट तक पहुंचे. घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ा दिखा.
छठ पूजा बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के लोगों के लिए एक विशेष महत्व रखता है. यह पर्व सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित है और इसे चार दिन तक की कठिन तपस्या और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. छठ पूजा का मुख्य उद्देश्य प्रकृति के प्रति आस्था, समर्पण और सूर्य देव की कृपा की प्राप्ति है. इस पर्व में लोग सूर्योदय और सूर्यास्त के समय विशेष पूजा करते हैं.
छठ पूजा की शुरुआत ‘नहाय-खाय’ से होती है, जब व्रती (जो छठ व्रत करते हैं) शुद्ध होकर अरवा भोजन ग्रहण करते हैं. इसके बाद दूसरा दिन ‘खरना’ होता है, जिसमें उपवास रखा जाता है और सूर्यास्त के बाद गुड़-चावल का विशेष प्रसाद ग्रहण किया जाता है. तीसरे दिन व्रती शाम के समय नदी, तालाब या किसी जलाशय के किनारे जाकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं. चौथे और अंतिम दिन प्रातःकाल उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ यह महापर्व सम्पन्न होता है.
छठ पर्व की खूबसूरती इसकी सामूहिकता में है, जहां हर वर्ग के लोग एक साथ इकट्ठा होकर पूरे विधि-विधान और श्रद्धा के साथ इस महापर्व को मनाते हैं. लोग यह सुनिश्चित करते हैं कि पूजा के दौरान किसी भी तरह की भूल-चूक न हो. यह त्योहार सामाजिक एकता, प्रेम और समर्पण का प्रतीक है और भारतीय संस्कृति में अपनी अनूठी पहचान बनाए हुए है.
FIRST PUBLISHED : November 7, 2024, 20:40 IST