China Moon Mission What will happen from the soil that China brought from the darkest part of the moon


चीन ने मून मिशन चैंग-6 के रीएंट्री मॉड्यूल ने इतिहास रच दिया है. दरअसल इस मिशन के जरिए चीन चांद के सुदूर हिस्से से जहां सबसे ज्यादा अंधेरा है, वहां से दो किलो मिट्टी लेकर आया है. चीन का ये मिशन 25 जून की सुबह 11.30 बजे तब पूरा हुआ जब उसके मिशन चैंग-6 के रीएंट्री मॉड्यूल चीन के उत्तरी हिस्से में लैंड हुआ. चलिए जानते हैं कि आखिर इस मिट्टी में ऐसा क्या खास है और इससे चीन को आखिर क्या फायदा होगा?

चांद से क्यों अरबों रुपये खर्च कर मिट्टी लाया चीन?

चीन चांद से जो मिट्टी लेकर आया है वो आम नहीं है. ये मिट्टी 4 अरब साल पुरानी बताई जा रही है. चीन ने चांद पर सैंपल इकट्ठा करने के लिए ड्रिल और रोबोटिक आर्म्स जैसी चीजों का इस्तेमाल किया है. इसके बाद इस सैंपल को एक कैप्सूल में डाला गया और रीएंट्री व्हीकल के जरिए धरती तक भेज दिया गया. बता दें चीन का मून मिशन चैंग-6 3 मई को चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड हुआ था.

दरअसल चांद के जिस हिस्से से चीन मिट्टी लेकर आया है वो चांद का फार साइड यानी सबसे डार्क हिस्सा है. जो धरती से कभी नजर नहीं आता. जब भी हम चांद को कहीं से भी देखते हैं वो एक जैसा ही दिखता है, ऐसे में फार साइड हिस्सा वो इलाका है जहां बहुत अंधेरा है और जो दिखाई नहीं देता.

फार साइड में क्या है खास?

चीन चांद के जिस फार साइड से मिट्टी लेकर आया है उस जगह के बारे में किसी को कोई खास जानकारी नहीं है. वैज्ञानिक इस बात का अनुमान लगाते आए हैं कि चांद के इस हिस्से में बर्फ के रूप में पानी मौजूद है, जो वहां जीवन का सबसे बड़ा स्रोत हो सकता है. गौरतलब है कि चीन लंबे समय से चंद्रमा पर अपना बेस बनाना चाहता है, इसी क्रम में उसने फार साइड से सैंपल लिया है.

मिट्टी से क्या मिलेगी चीन को जानकारी?

चीन चांद के इस फार साइड हिस्से से मिट्टी लेकर ये जानकारी निकालेगा कि क्या वाकई वहां बर्फ के रूप में पानी की मौजूदगी है? साथ ही चंद्रमा का निर्माण कैसे हुआ होगा और उसकी मिट्टी कैसी है, उसमें क्याक्या खास चीजें मौजूद हैं. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन इस मिट्टी का इस्तेमाल अपने मून बेस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए करना चाहता है. जो इसी दशक के आखिरी में शुरू होने की आशंका जताई जा रही है.

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