CM सुक्खू को नहीं मिलेगी 125 यूनिट मुफ्त बिजली, घरों पर लगे थे 5 मीटर, खुद ही छोड़ी सब्सिडी, विक्रमादित्य सिंह ने भी किया ऐलान



Himachal CM Sukhu News 2025 01 4a9f6ac13c412d47f8aa524f90339ed0 CM सुक्खू को नहीं मिलेगी 125 यूनिट मुफ्त बिजली, घरों पर लगे थे 5 मीटर, खुद ही छोड़ी सब्सिडी, विक्रमादित्य सिंह ने भी किया ऐलान

शिमला. हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट के बीच नए साल के पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश के सभी साधन संपन्न लोगों से बिजली सब्सिडी छोड़ने की अपील की है. सीएम ने अपने निजी आवास पर लगे बिजली के 5 मीटरों पर सब्सिडी छोड़ने का एलान किया. ऐसे में अब सीएम सुक्खू को 125 यूनिट मुफ्त योजना का लाभ नहीं मिलेगा. इस दौरान सीएम ने ये भी घोषणा की कि सभी मंत्री और कांग्रेस विधायक बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी नहीं लेंगे. सीएम का दावा है कि अगर प्रदेश के सभी संपन्न लोग सब्सिडी छोड़ेंगे तो बिजली बोर्ड को सालाना 200 करोड़ की बचत होगी और घाटे में चल रहे बिजली बोर्ड को राहत मिलेगी. साथ ही बचत के पैसे से गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद की जाएगी.

सीएम सुखविंदर सिंह  ने बुधवार को शिमला में अपने सरकारी आवास ओक ओवर में 3 मंत्रियों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने निजी आवास पर लगे सभी बिजली मीटरों पर मिलने वाली सब्सिडी छोड़ने की घोषणा की. उन्होंने इस संबंध में हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के अध्यक्ष संजय गुप्ता को एक फार्म भर कर भी सौंपा.

प्रेस वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके नाम पर पांच बिजली के मीटर हैं और वह सब्सिडी छोड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में ऐसे कई सुविधा संपन्न लोग हैं जिनके नाम पर कई मीटर हैं. उन्होंने सभी को स्वेच्छा से बिजली की सब्सिडी छोड़ने की अपील की. सीएम ने प्रदेश के समर्थ एवं संपन्न बिजली उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों में भागीदार बनें और प्रदेश के विकास के लिए बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी का स्वेच्छा से परित्याग करें. उन्होंने कहा कि इच्छुक बिजली उपभोक्ता हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड द्वारा जारी किए गए विभिन्न माध्यमों से इस सब्सिडी का परित्याग करने के लिए आवेदन कर सकते हैं. उपभोक्ता विद्युत बोर्ड के ऑनलाईन पोर्टल, 1100  या 1912 नंबर पर फोन करके और अपने निकट के विद्युत उपमंडल में जाकर सब्सिडी का परित्याग कर सकते हैं.


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों और कांग्रेस विधायकों से इस बारे में विस्तृत चर्चा हुई है और सभी ने सब्सिडी छोड़ने पर सहमति जताई है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विद्युत बोर्ड को प्रति वर्ष 2,200 करोड़ रुपए का अनुदान दे रही है. सीएम ने कहा कि साधन संपन्न लोगों को सब्सिडी नहीं मिलनी चाहिए और उन्हें सब्सिडी छोड़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हमें समाज को लौटाना भी आना चाहिए, ताकि गरीबों को उनका हक मिल सके. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जरूरतमंदों को सब्सिडी जारी रखेगी.

विक्रमादित्य सिंह ने भी छोड़ी सब्सिडी

सुक्खू ने कहा कि बिजली बोर्ड के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की पेंशन और वेतन पर 200 करोड़ रुपये प्रति माह खर्च किए जा रहे हैं. राज्य सरकार व्यवस्था परिवर्तन से हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाना चाहती है. उन्होंने कहा कि सरकार के निणयों से प्रदेश की अर्थव्यवस्था पटरी पर आ रही है. प्रदेश सरकार ने इन्वेस्टमेंट ड्रेन को रोका है. उधर, सीएम के अलावा, कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी सब्सिडी छोड़ने का ऐलान किया. इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, विधायक हरीश जनारथा, चौधरी राम कुमार, हरदीप बावा, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, हिमुडा के उपाध्यक्ष यशवंत छाजटा, हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष नरदेव सिंह कंवर, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, विद्युत बोर्ड के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार मौजूद रहे.

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