CM Nitish Kumar Gave Instructions In Review Meeting Of The Tourism Department In Patna
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने एक अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक की. बैठक में पर्यटन विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह ने पर्यटन विभाग द्वारा किए जा रहे अद्यतन कार्यों की प्रगति की जानकारी दी. उन्होंने गयाजी धाम धर्मशाला, विष्णुपद मंदिर गया, सीतामढ़ी के पुनौरा धाम मंदिर, केसरिया स्तूप के विकास को लेकर बनाये गये विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट के संबंध में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि गयाजी धर्मशाला को 6 फ्लोर की बिल्डिंग बनाने की योजना प्रस्तावित है, जहां 1,100 लोगों को सभी सुविधाओं के साथ रहने की व्यवस्था होगी. विष्णुपद मंदिर तक के पहुंचने के रास्ते को और सुगम बनाया जाएगा. सीतामढ़ी के पुनौरा धाम मंदिर क्षेत्र को बेहतरीन तरीके से विकसित किया जाएगा.
‘मिथिला हाट के विकास के लिए कार्य किए जा रहे हैं’
अभय कुमार सिंह ने बताया कि राजगीर में सम्राट जरासंध स्मारक, बांका में ओढनी डैम का विकास, बांका में मंदार पर्वत गेस्ट हाउस-होटल का निर्माण, प्रकाश पुंज के सामने पार्क में वॉच टावर का निर्माण, बक्सर में ब्रह्मेश्वर स्थान का विकास, पटना सिटी में खानकाह मुजीबिया और मधुबनी में मिथिला हाट के विकास के लिए कार्य किए जा रहे हैं. वहीं, समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने सभी धर्म के स्थलों को विकसित किया है. हमलोगों का उद्देश्य रहता है कि वहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो. तीर्थयात्रियों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इसके लिए सरकार प्रयासरत है.
ईको टूरिज्म को मिलेगा बढ़वा- सीएम
नीतीश कुमार ने कहा कि गयाजी में देश के कई हिस्सों एवं विदेशों से लाखों की संख्या में तीर्थ यात्री आते हैं. गया का अपना विशेष महत्व है. हमलोगों ने गयाजी डैम का निर्माण कराया है ताकि श्रद्धालुओं को सहूलियत हो हर वर्ष पितृपक्ष मेले का आयोजन बेहतर ढंग से किया जाता है, जिसमें सारी सुविधाओं का ख्याल रखा जाता है. बिहार में आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ी है. ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिये हमलोग शुरू से काम कर रहे हैं. पर्यटन विभाग ने जो योजना बनाई है, वह बेहतर है. बिहार में पर्यटन को और बढ़ावा देने के लिये योजनाबद्ध ढंग से काम करते रहें. बिहार ऐतिहासिक और पौराणिक स्थल है. पर्यटकों को सभी चीजों की जानकारी मिलेगी तो यहां की विरासत को ठीक ढंग से समझेंगे और जानेंगे. पर्यटकों को हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में ठीक ढंग से जानकारी देने की व्यवस्था रखें.
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