Concussion Substitute: टीम इंडिया ने इंग्लैंड के खिलाफ इस्तेमाल किया कंकशन रूल, जानें क्या होता है ये नियम?


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शिवम दुबे की जगह हर्षित राणा को कंकशन सब्स्टीट्यूट के तौर पर प्लेइंग 11 में शामिल किया गया।

Concussion Substitute: भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टी20 सीरीज का चौथा मुकाबला पुणे में खेला गया। इस मुकाबले को टीम इंडिया ने भले ही 15 रनों से अपने नाम कर लिया, लेकिन उनके एक फैसले ने इस मैच को पूरी तरह से विवादों में डाल दिया है। टीम इंडिया ने इस मैच में आईसीसी के कंकशन रूल का इस्तेमाल किया था। जिसके तहत भारतीय टीम ने हर्षित राणा को दूसरी पारी में शिवम दुबे के स्थान पर सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी के रूप में मैदान पर उतारा था। जिस फैसले के बाद इंग्लैंड की टीम और उनके फैंस खुश नजर नहीं आए। ऐसे में आइए जानते हैं कि यह कंकशन रूल क्या है।

क्या कंकशन का नियम?

क्रिकेट के खेल में आईसीसी द्वारा कई नियम बनाए गए हैं। जिसे फॉलो करके इंटरनेशनल मैचों का आयोजन किया जाता है। इन्हीं नियमों में से एक कंकशन रूल भी है। जिसके तहत यदि मैच के बीच किसी खिलाड़ी को सिर से लेकर गर्दन के बीच कही भी चोट लगती है तो इस नियम का इस्तेमाल करके टीम अन्य खिलाड़ी को बीच मैच में ही प्लेइंग 11 में शामिल कर सकती है। हालांकि आईसीसी टी-20 इंटरनेशनल खेलने की शर्तों के अनुसार, धारा 1.2.7.3 में कहा गया है कि आईसीसी मैच रेफरी को लाइक टू लाइक कंकशन रिप्लेसमेंट अनुरोध को स्वीकार करना चाहिए, यदि सब्स्टीट्यूट एक समान खिलाड़ी है, जिसके शामिल होने से मैच के शेष भाग में उसकी टीम को अधिक लाभ नहीं होगा।

वहीं इंग्लैंड के खिलाफ टीम इंडिया ने लाइक टू लाइक कंकशन रिप्लेसमेंट का इस्तेमाल नहीं किया था। जिसके बाद इस बात पर बहस छिड़ गई कि क्या हर्षित राणा, शिवम दुबे के लिए उपयुक्त रिप्लेसमेंट थे। इस नियम के उप-अनुभाग 1.2.7.4 और 1.2.7.5 में यह भी कहा गया है कि मैच रेफरी को इस बात पर विचार करना चाहिए कि कंकशन के तौर पर प्लेइंग 11 में शामिल होने वाला खिलाड़ी समान खिलाड़ी होना चाहिए। ऐसा नहीं कि किसी गेंदबाज की जगह बल्लेबाज और बल्लेबाज की जगह गेंदबाज को प्लेइंग 11 में शामिल कर लिया जाए और मैच के शेष समय में कंकशन वाले खिलाड़ी के कारण टीम को फायदा हो जाए।

क्या शिवम दुबे और हर्षित राणा हैं एक जैसे खिलाड़ी?

भारत बनाम इंग्लैंड चौथे टी20 मैच के बाद खड़े हुए नए विवाद पर एक नजर डालें तो सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या शिवम दुबे और हर्षित राणा एक जैसे खिलाड़ी हैं। ऐसे में इसका जवाब साफ तौर पर ना है। शिवम दुबे ने टीम इंडिया के लिए 34 टी20 मैच खेला है, लेकिन उन्होंने सिर्फ 23 पारियों में ही गेंदबाजी की है। वहीं उन्होंने इन 23 पारियों में सिर्फ दो बार ही अपने 4 ओवर के कोटे को पूरा किया है। वहीं हर्षित राणा ने चौथे टी20 मैच में इंग्लैंड के खिलाफ पूरे 4 ओवर किए और तीन अहम विकेट झटके। वहीं अगर शिवम दुबे अगर दूसरी पारी में फील्ड पर होते तो शायद ही कप्तान सूर्या उनसे गेंदबाजी तक करवाते। कुल मिलाकर इस मुद्दे पर इंग्लैंड के कप्तान और उनकी टीम का विरोध सही है।

टाइमलाइन से समझे पूरा मामला

  1. शिवम दुबे को प्लेइंग 11 में शामिल किया गया
  2. मैच की पहली पारी में शिवम दुबे बल्लेबाजी करने के लिए उतरे
  3. शिवम दुबे ने इस मैच में 34 गेंदों पर 53 रनों की पारी खेली
  4. शिवम दुबे को पारी के आखिरी ओवर में सिर पर चोट लगी
  5. मैच की दूसरी पारी में दुबे फील्ड पर नहीं उतरे
  6. दूसरी पारी के दो ओवर गुजर जाने के बाद हर्षित राणा को बताया गया कि वह कंकशन सब्स्टीट्यूट के तौर पर प्लेइंग 11 में शामिल होंगे
  7. हर्षित राणा पारी के 12वें ओवर में वह गेंदबाजी करने के लिए आए
  8. हर्षित राणा ने 4 ओवर में 33 रन देकर 3 विकेट झटके
  9. मैच के बाज प्रेस कॉन्फ्रेंस में इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर इस पूरे मामले से निराश दिखे और उन्होंने विरोध जताया

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