Congress-AAP Came Together Yet Central Government Can Get The Delhi Ordinance Passed In Rajya Sabha Know How – कांग्रेस-AAP आए साथ, फिर भी दिल्ली अध्यादेश राज्यसभा में पारित करा सकती है केंद्र सरकार, जानें- कैसे



77pfe5v interior of new parliament Congress-AAP Came Together Yet Central Government Can Get The Delhi Ordinance Passed In Rajya Sabha Know How - कांग्रेस-AAP आए साथ, फिर भी दिल्ली अध्यादेश राज्यसभा में पारित करा सकती है केंद्र सरकार, जानें- कैसे

नई दिल्‍ली:

राज्य सभा में कांग्रेस के समर्थन के बावजूद दिल्ली का अध्यादेश पारित कराने में सरकार को दिक्कत नहीं आएगी. बहुमत न होने के बावजूद केंद्र सरकार, दिल्ली का अध्यादेश राज्य सभा में पारित करा सकती है. हालांकि, यह काफी कुछ बीजू जनता दल और वाई एस आर कांग्रेस पार्टी के रुख पर भी निर्भर करेगा. दरअसल, आम आदमी पार्टी लगभग सभी विपक्षी पार्टियों के इस अध्‍यादेश को लेकर उसका समर्थन करने का दावा कर रही है. लेकिन राजसभा के बदलते आंकड़े भाजपा को मजबूत करते नजर आ रहे हैं.  

यह भी पढ़ें

राज्य सभा की ग्यारह सीटों पर 24 जुलाई को चुनाव होना है. जहां कांग्रेस की एक सीट कम हो जाएगी, वहीं बीजेपी की एक सीट बढ़ेगी. राज्य सभा की कुल 245 सीटों में 24 जुलाई के बाद 7 सीटें खाली रहेंगी. जम्मू-कश्मीर की चार, मनोनीत की दो और उत्तर प्रदेश से एक सीट खाली हो जाएगी. यानी 24 जुलाई के बाद सदन की संख्या 238 और बहुमत का आंकड़ा 120 रहेगा. 

24 जुलाई के बाद बीजेपी की सीटें बढ़ कर 93 हो जाएंगी, जबकि कांग्रेस की 31 से घट कर 30 रह जाएंगी. बीजेपी और सहयोगी दलों की सीटें मिलाकर 105 रहेंगी. बीजेपी को पांच मनोनीत और दो निर्दलीय सांसदों का समर्थन मिलना भी तय है. इस तरह सरकार के पक्ष में 112 सांसद हैं, जो बहुमत के आंकड़े से 11 दूर है. 

सरकार को बहुजन समाज पार्टी, जेडीएस और टीडीपी के एक-एक सांसदों से भी समर्थन की उम्मीद है. वहीं, दिल्ली के अध्यादेश के विरोध में 105 पार्टियां हैं. ऐसे में सरकार को बीजेडी और वायएसआरसीपी के मदद की जरूरत होगी. इन दोनों पार्टियों के 9-9 सांसद हैं. बीजेडी ने कहा है कि वह बिल सदन में चर्चा और मतदान के लिए आने पर सदन में ही फैसला करेगी. वायएसआरसीपी ने भी अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं.

इससे पहले पिछले साल जब इसी तरह का एक बिल आया था, तो इन दोनों पार्टियों ने मतदान के समय सदन से वॉकआउट कर दिया था. इससे सरकार को मदद मिली थी. इस बार भी अगर वे ऐसा ही करती हैं, तो बहुमत का आंकड़ा कम होकर 111 रह जाएगा, जिससे एनडीए की ताकत एक ज्यादा होगी. लेकिन अगर इन दोनों दलों ने विरोध में वोट डाला तो सरकार बिल पारित नहीं करा सकेगी. 

सरकार दिल्ली अध्यादेश पर मतदान से पहले राज्य सभा में दो सांसद मनोनीत भी कर सकती है. इस तरह उसके समर्थक सांसदों की संख्या बढ़ कर 114 पहुंच सकती है.

ये भी पढ़ें :- 
सपा के पूर्व विधायक दारा सिंह चौहान आज होंगे बीजेपी में शामिल
VIDEO: गुंडों ने कार का पीछा किया, ड्राइवर को धमकाया, कैमरे में कैद हुई पूरी घटना



Source link

x