Congress Accuses Central Government Our Delegation Was Not Allowed To Visit Manipur – हमारे प्रतिनिधिमंडल को मणिपुर जाने की नहीं मिली इजाज़त : कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर लगाया आरोप
नई दिल्ली:
मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर कांग्रेस (Congress) ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश, मुकुल वासनिक और भक्त चरण दास ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर हमला बोला. मुकुल वासनिक ने आरोप लगाया कि हमारे प्रतिनिधिमंडल को इंफाल जाने की इजाज़त केंद्र सरकार की तरफ से नहीं दी गई. वासनिक ने कहा कि हम हिंसा रोकने में सरकार की हर तरह से मदद को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि बहुत गंभीर स्थिति है, लाखों लोग विस्थापित हुए हैं, सरकार उचित क़दम नहीं उठा रही, गृहमंत्री हिंसा प्रभावित राज्य जाने में 25 दिन का समय लगाये हैं, पीएम आज भी चुप हैं. मणिपुर पर कुछ नहीं बोल रहे हैं.
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रिलीफ़ कैंप में लोगों को हो रही है दिक्कतें: कांग्रेस
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पीस कमिटी बनाने में सरकार को 42 दिन लग गए. रिलीफ़ कैंप में ज़रूरी चीज़ें मिल नहीं रही है. कांग्रेस नेता ने कहा कि हम सरकार को फिर आश्वस्त करते हैं कि कांग्रेस पार्टी हर प्रकार की मदद देगी लेकिन सरकार को जागना होगा. बड़ी मात्रा में हथियार और गोलाबारूद लूटे गए. बरामद बहुत कम हुए हैं. जब इतनी बड़ी मात्रा में हथियार और गोलाबारूद जनता के बीच मौजूद हो तो शांति कैसे होगी?
जयराम रमेश ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम मोदी 100 बार मन की बात कर चुके हैं. वे मणिपुर पर बात करें उन्हें चुप्पी तोड़ कर इस मुद्दे पर बयान देना चाहिए. पीएम बालासोर जा सकते हैं तो मणिपुर क्यों नहीं जा सकते? कांग्रेस नेता ने कहा कि पीएम तूफ़ान पर बैठक ले सकते हैं तो मणिपुर क्यों नहीं जा सकते? क्यों मणिपुर के लिए समय नहीं निकाल पा रहे?
पीएम मोदी को मणिपुर जाना चाहिए : भक्त चरण दास
कांग्रेस के एक अन्य नेता भक्त चरण दास ने कहा कि हम मांग करते हैं कि पीएम मणिपुर जाएं, मणिपुर की हालत पर बोलें. शांति की अपील के बाद भी शांति स्थापना क्यों नहीं हो रही? क्या सरकारी व्यवस्था इतनी लचर है? वहां स्थानीय प्रशासन कारगर नहीं है क्योंकि प्रशासन इसमें ख़ुद शामिल है. लोकतांत्रिक पहल की ज़रूरत है, ऑल पार्टी डेलीगेशन भेजने की ज़रूरत है. हिल और वैली दोनों की जनता को साथ लेने की ज़रूरत है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति भी आदिवासी हैं उन्हें भी शांति स्थापित करने के लिए कोशिश करनी चाहिए.
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