Congress Targets Center For Awarding Gandhi Peace Prize To Gita Press – गोडसे को इनाम देने जैसा … : गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार पर कांग्रेस| BJP ने भी दिया जवाब


2b3mh6 gita press Congress Targets Center For Awarding Gandhi Peace Prize To Gita Press - गोडसे को इनाम देने जैसा ... : गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार पर कांग्रेस| BJP ने भी दिया जवाब

गांधी शांति पुरस्कार में 1 करोड़ रुपये की राशि दी जाती है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने आज उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से प्रकाशक गीता प्रेस को 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार देने की घोषणा पर केंद्र की खिंचाई की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली जूरी द्वारा लिए गए फैसले को ‘उपहास भरा’ बताते हुए कांग्रेस सांसद ने इसकी तुलना हिंदुत्व के विचारक सावरकर और महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को पुरस्कार देने से की. उन्होंने पत्रकार अक्षय मुकुल द्वारा लिखित गीता प्रेस पर 2015 की एक किताब का भी हवाला दिया. जिसमें महात्मा गांधी के संस्थान के साथ उतार-चढ़ाव वाले संबंधों और राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक एजेंडे पर उनके साथ चली लड़ाइयों का खुलासा किया.

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गीता प्रेस इस वर्ष अपनी शताब्दी मना रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक प्रकाशक ने पिछले 100 वर्षों में “सराहनीय कार्य” किया है. पीएम मोदी ने ट्वीट किया, “मैं गीता प्रेस, गोरखपुर को गांधी शांति पुरस्कार 2021 से सम्मानित किए जाने पर बधाई देता हूं. उन्होंने लोगों के बीच सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन को आगे बढ़ाने की दिशा में पिछले 100 वर्षों में सराहनीय काम किया है.” एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है, “गांधी शांति पुरस्कार 2021 मानवता के सामूहिक उत्थान में योगदान देने में गीता प्रेस के महत्वपूर्ण और अद्वितीय योगदान को मान्यता देता है, जो सच्चे अर्थों में गांधीवादी जीवन का प्रतीक है.”

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गोरखपुर स्थित प्रसिद्ध गीता प्रेस को वर्ष 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार प्रदान किए जाने की घोषणा की आलोचना करने को लेकर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया और आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टी गीता प्रेस से इसलिए नफरत करती है क्योंकि वह सनातन का संदेश फैला रहा है. बीजेपी प्रवक्ता पूनावाला ने कांग्रेस पर हमला करते हुए एक अन्य ट्वीट में कहा, “कांग्रेस गीता प्रेस से नफरत करती है क्योंकि सनातन और हिंदू धर्म के वास्तविक संदेश को हर नुक्कड़ पर फैलाया जाता है.”  उन्होंने कहा, “कांग्रेस मुस्लिम लीग को धर्मनिरपेक्ष मानती है, लेकिन गीता प्रेस सांप्रदायिक है; जाकिर नाइक शांति का मसीहा है, लेकिन गीता प्रेस सांप्रदायिक है.”

पिछले गांधी शांति पुरस्कार विजेताओं में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), रामकृष्ण मिशन, अक्षय पात्र, सुलभ इंटरनेशनल जैसे संगठन और दिवंगत डॉ. नेल्सन मंडेला, बाबा आमटे और आर्कबिशप डेसमंड टूटू जैसे दिग्गज शामिल हैं. गीता प्रेस की शुरुआत वर्ष 1923 में हुई थी और यह दुनिया के सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक है, जिसने 14 भाषाओं में 41.7 करोड़ पुस्तकें प्रकाशित की हैं, जिनमें श्रीमद्‍भगवद्‍गीता की 16.21 करोड़ प्रतियां शामिल हैं.इस संस्था ने कभी भी राजस्व सृजन के लिए अपने प्रकाशनों में विज्ञापन पर भरोसा नहीं किया. गांधी शांति पुरस्कार एक वार्षिक पुरस्कार है, जिसकी शुरुआत सरकार ने 1995 में महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के अवसर पर गांधी द्वारा प्रतिपादित आदर्शों को सम्मान देते हुए की थी.

मंत्रालय ने कहा कि पुरस्कार किसी भी व्यक्ति को दिया जा सकता है चाहे उसकी राष्ट्रीयता, नस्ल, भाषा, जाति, पंथ या लिंग कोई भी हो. मंत्रालय ने कहा कि पुरस्कार में एक करोड़ रुपये, एक प्रशस्ति पत्र, एक पट्टिका और एक उत्कृष्ट पारंपरिक हस्तकला/हथकरघा वस्तु शामिल है.

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