Core Issues Of State Should Never Be Compromised In Peace Talks: Manipur Chief Minister – शांति वार्ता में राज्य के मुख्य मुद्दों से कभी समझौता नहीं किया जाना चाहिए : मणिपुर के मुख्यमंत्री
इंफाल:
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने बुधवार को कहा कि संघर्षरत समुदायों के बीच किसी भी प्रकार की शांति वार्ता में राज्य की क्षेत्रीय अखंडता से समझौता नहीं किया जाना चाहिए और मूल निवासियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना चाहिए. सिंह ने यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यालय में ‘संकल्प पत्र’ जारी करते हुए कहा, ”शांति वार्ता में राज्य की क्षेत्रीय अखंडता और हमारे मूल निवासियों के कल्याण से समझौता नहीं किया जाना चाहिए. हम ऐसी शांति वार्ता को स्वीकार नहीं करेंगे, जो इन मूलभूत मुद्दों को कमजोर करती हो.”
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उन्होंने कहा, ”केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने हालिया दौरे के दौरान स्पष्ट रूप से कहा था कि भाजपा मणिपुर की एकता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. ”
एन. बीरेन सिंह ने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा इस तथ्य का संज्ञान लेने कि अवैध अप्रवासियों ने राज्य में जनसांख्यिकीय संतुलन को बाधित करने का प्रयास किया है, का उल्लेख करते हुए कहा कि इसकी जानकारी विपक्ष को नहीं है.
एन. बीरेन सिंह ने भाजपा के घोषणापत्र के बारे में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जो भी वादे करते हैं, उन्हें हमेशा पूरा किया जाता है. उन्होंने कहा, ”मोदी ने राज्य के 19 थाना क्षेत्रों से सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (अफस्पा) हटा दिया, जिसका प्रभाव युवाओं और समाज के वर्गों पर पड़ता था.”
एन. बीरेन सिंह ने जनता से ‘इनर’ मणिपुर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार बसंतकुमार सिंह को जिताने की अपील की. बसंतकुमार, राज्य में अवैध प्रवासियों की पहचान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित कैबिनेट उप-समिति के सदस्य भी हैं. सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए मेइती और कुकी के शीर्ष नागरिक निकायों के बीच औपचारिक शांति वार्ता फिलहाल शुरू नहीं हुई है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)