Corruption Exposed In The Form Of Mountains Of Notes In Jharkhand Increased The Problems Of Indi Alliance – झारखंड में नोटों के पहाड़ की शक्ल में सामने आए भ्रष्टाचार ने इंडी गठबंधन की मुश्किलें बढ़ाई


झारखंड में नोटों के पहाड़ की शक्ल में सामने आए भ्रष्टाचार ने इंडी गठबंधन की मुश्किलें बढ़ाई

आलमगीर आलम से जब पत्रकारों ने इस रकम के बारे में पूछा तो उनके पास भी कोई ठोस जवाब नहीं था.

रांची:

जब लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी शबाब पर है, उसी वक्त झारखंड में नोटों के पहाड़ की शक्ल में उजागर हुए भ्रष्टाचार ने इंडी गठबंधन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. गठबंधन के नेताओं के लिए इस पर जवाब देना मुश्किल हो रहा है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी 7 मई को झारखंड के चाईबासा और गुमला जिले के बसिया में चुनावी रैलियां करने वाले हैं, लेकिन उसके ठीक एक रोज पहले रांची में उन्हीं की पार्टी के सबसे वरिष्ठ मंत्री आलमगीर आलम के पीएस के घरेलू नौकर के यहां ईडी ने दबिश दी तो करीब 30 करोड़ की रकम बरामद हुई. विपक्ष पूछ रहा है कि राहुल किस मुंह से वोट मांगेंगे? क्या वह इस बात से इनकार कर सकते हैं कि यह रकम भ्रष्टाचार के जरिए जुटाई गई है और इसका संबंध उनकी ही पार्टी के मंत्री से जुड़ रहा है?

नोटों के जखीरे का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसे शेयर करने वाले कई लोग यही सवाल उठा रहे हैं कि जब नौकर के यहां 25-30 करोड़ के नोट मिल रहे हैं तो उसके मालिक नोटों के कितने बड़े पहाड़ पर बैठे होंगे?

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सोमवार दोपहर मंत्री आलमगीर आलम से जब पत्रकारों ने इस रकम के बारे में पूछा तो उनके पास भी कोई ठोस जवाब नहीं था. उन्होंने कहा, “हम भी टीवी पर खबर देख रहे हैं. ईडी की जांच चल रही है और इसपर कोई टिप्पणी नहीं कर पाऊंगा.” ज्यादा दिन नहीं हुए, जब झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के ठिकानों पर कई दिनों तक चली छापेमारी में आयकर विभाग ने तीन सौ करोड़ से भी ज्यादा कैश बरामद किया था. इस छापेमारी में मिले नोटों के पहाड़ की तस्वीरें पूरे देश में वायरल हुईं थीं. इस मामले को लेकर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व तक पर सवाल उठे थे, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया. हैरत तो इस बात पर हुई कि धीरज साहू के खिलाफ कांग्रेस ने कोई कार्रवाई नहीं की.

तीन दिन पहले पीएम मोदी जब लोहरदगा आए तो उन्होंने अपने भाषण में यह मामला प्रमुखता से उठाते हुए कांग्रेस-जेएमएम को घेरा. उन्होंने जनता से पूछा, “आपके यहां के सांसद के ठिकानों से नोटों का पहाड़ मिला था. यह किसका पैसा था? यह आपके हक और पसीने का पैसा था, जिसे उन्होंने लूटकर इकट्ठा किया.”

सोमवार को जब रांची में हुई छापेमारी में मंत्री के पीएस के नौकर के घर से करोड़ों की रकम मिलने की खबर फैली, तब पीएम मोदी ने ओडिशा के नवरंगपुर की चुनावी सभा में इसका जिक्र किया. उन्होंने कहा, “अभी आप घर जाकर टीवी में देखना, यहां पड़ोस में झारखंड में नोटों के पहाड़ मिल रहे हैं. लोगों का चोरी किया हुआ माल मोदी पकड़ रहा है. अगर मैं इनकी चोरी और लूट बंद कर दूं तो ये मोदी को गाली देंगे या नहीं? लेकिन, मुझे गाली खाकर आपकी पाई-पाई और आपके हक का पैसा बचाना चाहिए या नहीं?”

झारखंड में चल रही झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन की सरकार और उसके नेता पिछले चार सालों में भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोपों में घिरे हैं. 1200 करोड़ का माइनिंग स्कैम, मनरेगा घोटाला, माइनिंग लीज का अवैध आवंटन, कोल लिंकेज स्कैम, सेना और आदिवासियों की जमीन के घोटाले की आंच सीधे सीएमओ तक पहुंची.

सीएम रहते हुए हेमंत सोरेन से ईडी ने माइनिंग और जमीन घोटाले में कई बार पूछताछ की और आखिरकार बीते 31 जनवरी को उन्हें गिरफ्तार कर लिया. वह 96 दिनों से जेल में बंद हैं. ईडी ने उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है. इस मामले में हेमंत की ओर से राहत की गुहार लगाते हुए दायर की गई याचिका हाईकोर्ट ने बीते 3 मई को खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा है कि ईडी के पास उनके खिलाफ कार्रवाई और उनकी गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं.

जाहिर है, चुनाव प्रचार अभियान के दौरान भ्रष्टाचार के ये तमाम मुद्दे प्रमुखता से उठ रहे हैं और “इंडी” गठबंधन के लिए मुश्किल यह है कि उसके नेताओं के पास अपनी “बेगुनाही” पर सफाई देने के लिए माकूल और मुकम्मल जवाब नहीं है.



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