Court Seeks Response From ED On Hemant Sorens Interim Bail Application For Campaigning In Lok Sabha Elections. – हेमंत सोरेन की चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत अर्जी पर कोर्ट ने ED से जवाब मांगा



Court Seeks Response From ED On Hemant Sorens Interim Bail Application For Campaigning In Lok Sabha Elections. - हेमंत सोरेन की चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत अर्जी पर कोर्ट ने ED से जवाब मांगा

पीठ ने मामले को 21 मई को अवकाशकालीन पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करते हुए कहा, ‘अंतरिम जमानत देने से पहले, हमें खुद को संतुष्ट करने की जरूरत है. ईडी को अंतरिम जमानत के सवाल पर अपना जवाब दाखिल करने दीजिये. हम मामले पर अगले हफ्ते सुनवाई करेंगे. यह सबसे कम समय है, जो हम दे सकते हैं.’

सोरेन की ओर से अदालत में पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि यदि अंतरिम जमानत दी गई, तो झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) नेता दो जून को आत्मसमर्पण करेंगे. सिब्बल ने कहा, ‘मामले में मेरे (सोरेन) खिलाफ कोई सामग्री नहीं है. यदि अंतरिम जमानत नहीं दी गई तो चुनाव खत्म हो जाएंगे.’

मामले में सोरेन की ओर से पेश सिब्बल और वरिष्ठ अधिवक्ता अरुणाभ चौधरी ने कहा कि झामुमो नेता सोरेन के पास मामले से संबंधित जमीन का कब्जा नहीं है और उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है.

मामले में ईडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने कहा कि सोरेन को बहुत पहले गिरफ्तार किया गया था और उन्होंने अपनी नियमित जमानत याचिका खारिज होने को चुनौती भी नहीं दी है.

राजू ने जांच एजेंसी की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा और दावा किया कि पूर्व मुख्यमंत्री सोरेन सीधे तौर पर मामले में लिप्त हैं.

सिब्बल ने कहा, ‘उन्हें (राजू को) सभी दस्तावेज दाखिल करने दीजिए, मैं पांच मिनट में दिखा सकता हूं कि याचिकाकर्ता का उक्त जमीन से कोई लेना-देना नहीं है.’

न्यायमूर्ति खन्ना ने सिब्बल से कहा कि कुछ ऐसी सामग्री हैं जिन पर जांच एजेंसी भरोसा कर रही है – कि एक व्यक्ति संबंधित भूमि पर रह रहा है, भूमि पर एक चारदीवारी का निर्माण किया गया है और ईडी ने इसकी तस्वीरें संलग्न की हैं, फाइल नोटिंग की तस्वीरें हैं और भूमि पर रहने वाले उक्त व्यक्ति के बयान हैं.”

पीठ ने सिब्बल से पूछा, ‘एक और परिस्थितिजन्य साक्ष्य है जिस पर जांच एजेंसी भरोसा कर रही है कि मामले में जांच शुरू होने के बाद, एक अन्य व्यक्ति गया और उसने जमीन का मूल मालिक होने का दावा किया. इन सामग्री पर आपका क्या कहना है?’

वरिष्ठ वकील ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि किसी व्यक्ति ने कहा है कि जमीन मंत्रीजी की है, इसका मतलब यह नहीं है कि सोरेन जमीन के मालिक हैं.

सिब्बल ने कहा, ‘मैं अपनी लिखित दलील दाखिल करूंगा और इन सामग्री का खंडन करूंगा.’ उन्होंने कहा कि झारखंड की शेष 10 लोकसभा सीट के लिए मतदान अगले तीन चरणों में 20 मई, 25 मई और एक जून को होने वाला है.

न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि अदालत हर चीज पर विचार करेगी और संभवत: न्यायमूर्ति दत्ता वाली एक पीठ अगले सप्ताह गर्मी की छुट्टियों के दौरान बैठेगी और मामले पर सुनवाई करेगी.

सोरेन ने झारखंड उच्च न्यायालय के तीन मई के आदेश को चुनौती दी है, जिसने ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी याचिका खारिज कर दी थी. उन्होंने लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत का अनुरोध भी किया है, जब तक कि अदालत उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी याचिका पर फैसला नहीं सुना देती.

सोरेन ने 13 मई को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जुड़े धनशोधन मामले में शीर्ष अदालत के आदेश का हवाला देते हुए लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत का अनुरोध किया था.

वकील प्रज्ञा बघेल के माध्यम से दायर अपनी अपील में झामुमो नेता ने कहा कि उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज करके गलती की है. सोरेन फिलहाल न्यायिक हिरासत के तहत रांची की बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल में बंद हैं.

ईडी ने आरोप लगाया है कि सोरेन द्वारा करोड़ों रुपये मूल्य के भूखंड हासिल करने के लिए जाली या फर्जी दस्तावेजों की आड़ में ‘डमी’ विक्रेता और खरीदार दिखाकर आधिकारिक रिकॉर्ड में हेरफेर के माध्यम से ‘भारी मात्रा में अपराध की आय’ अर्जित की.

सोरेन के खिलाफ जांच रांची में 8.86 एकड़ जमीन से संबंधित है, जिसे ईडी के अनुसार, उनके द्वारा अवैध रूप से हासिल किया गया था.

तेरह मई को झारखंड की चार लोकसभा सीट- खूंटी, सिंहभूम, लोहरदगा और पलामू में मतदान हुआ था.

भाषा अमित दिलीप

दिलीप

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)



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