Crowd of people gathered to watch the dangal in Bhagalpur, there were more than 40 thousand spectators.
Agency:News18 Bihar
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भागलपुर के घोघा में हर साल सरस्वती पूजा के अवसर पर कुश्ती का भव्य आयोजन होता है, जिसमें इस बार 70 पहलवानों ने हिस्सा लिया. पंजाब, हरियाणा, गाजियाबाद और नेपाल से पहलवान पहुंचे, जबकि 40 हजार से अधिक दर्शकों ने इस…और पढ़ें
![दंगल दंगल](https://i0.wp.com/images.news18.com/ibnkhabar/uploads/2025/02/दंगल-2025-02-fe01db9d8fabe03b9e656b08684bb1c4.jpg?resize=418%2C480&ssl=1)
दंगल प्रतियोगिता
हाइलाइट्स
- भागलपुर में कुश्ती देखने 40 हजार से अधिक दर्शक पहुंचे.
- घोघा में 70 पहलवानों ने सरस्वती पूजा पर कुश्ती में हिस्सा लिया.
- पंजाब, हरियाणा, गाजियाबाद और नेपाल से पहलवान पहुंचे.
सत्यम कुमार/भागलपुर. भागलपुर में कुश्ती का आयोजन पिछले कई सालों से हो रहा है. यहां कई जगहों पर कुश्ती खेली जाती है, जिसमें घोघा का भव्य आयोजन विशेष रूप से प्रसिद्ध है. इस आयोजन में नेपाल से भी पहलवान पहुंचते हैं. आपको बता दें कि इस साल 35 जोड़ी यानी 70 पहलवानों ने अपना दमखम दिखाया. यह आयोजन हर साल सरस्वती पूजा के अवसर पर किया जाता है.
इन जगहों से पहुंचते हैं पहलवान
आपको बता दें कि घोघा के दंगल में कई राज्यों से पहलवान पहुंचते हैं, जिनमें पंजाब, हरियाणा, गाजियाबाद और नेपाल के पहलवान भी शामिल होते हैं। यह खेल सिर्फ दम ही नहीं, बल्कि दांव-पेंच का भी है। अक्सर देखने में आता है कि एक छोटा पहलवान भी बड़े पहलवान को चित कर देता है. जब इस बारे में पहलवान नंदू से बात की गई, तो उन्होंने कहा, “पहलवानी सिर्फ ताकत से नहीं लड़ी जा सकती, इसके लिए टेक्निक भी अति आवश्यक है. अगर आपके पास टेक्निक की कमी है, तो कोई भी आपको पटखनी दे सकता है. इतना ही नहीं, कुश्ती फुर्ती पर भी निर्भर करती है. उन्होंने यह भी बताया कि जब भी वह सीनियर पहलवानों से मिलते हैं, तो वे हमेशा टेक्निक पर ही जोर देते हैं. आयोजकों ने बताया कि अगले साल से जाने-माने पहलवान थापा को बुलाने की तैयारी चल रही है.
40 हजार से अधिक दर्शक थे मौजूद
इस अखाड़े को देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ी. सुमित यादव ने बताया कि दंगल का रोमांच देखने के लिए 40 हजार से अधिक लोग पहुंचे थे, जिन्होंने पहलवानों का उत्साहवर्धन किया. इस अखाड़े में पंजाब के पहलवानों का दबदबा रहा, जबकि हरियाणा के पहलवानों ने भी जोरदार प्रदर्शन किया. लोकल पहलवानों ने भी अपनी ताकत आजमाई. इसके साथ ही पीरपैंती, शाहकुंड, नाथनगर समेत अन्य जगहों पर भी कुश्ती खेली जाती है. घोघा को कुश्ती का गढ़ माना जाता है.
Bhagalpur,Bihar
February 07, 2025, 12:56 IST