Damask Rose farming in Uttarakhand brings new opportunities for farmers prosperity


देहरादून: उत्तराखंड में खेती के क्षेत्र में अब एक नई क्रांति देखने को मिल रही है और इस बार इसका प्रमुख कारण बना है ‘डेमस्क गुलाब’ (Damask Rose). यह गुलाब न केवल अपनी सुंदरता और अद्भुत सुगंध के लिए जाना जाता है, बल्कि इसके औषधीय गुणों के कारण भी इसका महत्व बढ़ता जा रहा है.

डेमस्क गुलाब, जिसका वैज्ञानिक नाम Rosa damascena है, एक सुगंधित और औषधीय गुणों से भरपूर पौधा है. इसका उपयोग इत्र, सुगंधित तेल और गुलाब जल बनाने में होता है. इसकी ख़ासियत यह है कि यह ठंडी जलवायु में बहुत अच्छे से पनपता है और उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों के लिए यह एक आदर्श खेती साबित हो रही है.

कैसे हुआ उत्तराखंड में डेमस्क गुलाब का आगमन?
सगन्ध पौधा केंद्र (CAP) के निदेशक नृपेंद्र चौहान के मुताबिक, “उत्तराखंड में डेमस्क गुलाब की शुरुआत लगभग 12 साल पहले की गई थी. इसकी उत्पत्ति सीरिया की राजधानी दमिश्क (Damascus) से मानी जाती है और मुगल काल में इसे भारत लाया गया था. पहले उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में इसकी खेती की जाती थी, लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण अब वहां इसकी पैदावार बहुत कम हो गई है.

उत्तराखंड की जलवायु में डमस्क गुलाब को बेहद अनुकूल माना गया है. खासकर जोशीमठ और अल्मोड़ा के ताकुला क्षेत्रों में, जहां 1000-1000 हेक्टेयर की दो एरोमा वैली तैयार की जा रही हैं, वहां इसकी खेती को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया जा रहा है.

किसानों के लिए नई उम्मीद
सगन्ध पौधा केंद्र ने उत्तराखंड के किसानों के लिए डेमस्क गुलाब की खेती को एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में प्रस्तुत किया है. अगर कोई किसान इसकी खेती करना चाहते हैं, तो वे सगन्ध पौधा केंद्र से संपर्क कर सकते हैं. केंद्र उन्हें अच्छे गुणों के बीज और पौध उपलब्ध कराता है, साथ ही मनरेगा के माध्यम से प्लांटेशन भी करवाता है. किसानों को खेती के लिए 75% सब्सिडी भी दी जाती है और फसल तैयार होने के बाद केंद्र इसे खरीदता भी है.

डेमस्क गुलाब का आर्थिक महत्व
डमस्क गुलाब का उत्पादन न केवल किसानों के लिए फायदेमंद है, बल्कि इसका बाजार भी बेहद आकर्षक है. इसके रोज़ एसेंशियल ऑयल की कीमत बाजार में लगभग 12 लाख रुपये प्रति लीटर है, जो इसे एक अत्यधिक मूल्यवान फसल बनाता है. आधुनिक वैज्ञानिक तरीकों से इसका तेल निकाला जाता है और पर्वतीय क्षेत्रों में इसकी पैदावार बहुत अच्छी होती है.

इन गुणों के कारण है यह ख़ास
जलवायु अनुकूलता: 1500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में इसकी खेती बहुत अच्छी होती है.
सुरक्षा: जंगली जानवर डमस्क गुलाब के पौधों को नुकसान नहीं पहुंचाते, जिससे यह खेती और भी सुरक्षित हो जाती है.
ऊंचे मुनाफे का अवसर: रोज़ एसेंशियल ऑयल की ऊंची कीमतें इसे किसानों के लिए बेहद लाभदायक फसल बनाती हैं.

डेमस्क गुलाब बना रहा किसानों को समृद्ध
उत्तराखंड में डमस्क गुलाब की खेती किसानों के लिए एक नया समृद्धि का रास्ता खोल रही है. इसका औद्योगिक और औषधीय उपयोग इसे और भी अधिक लाभदायक बना रहा है. सगन्ध पौधा केंद्र के प्रयासों से उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में इसे बड़े पैमाने पर प्रोत्साहन मिल रहा है और यह निश्चित रूप से राज्य की कृषि और आर्थिक स्थिति को एक नई ऊंचाई पर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. अगर आप भी डमस्क गुलाब की खेती करना चाहते हैं, तो अब समय आ गया है. सेलाकुई स्थितसगन्ध पौधा केंद्र से संपर्क कर अपनी जमीन पर इस विशेष गुलाब की खुशबू फैलाएं और अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूती दें.

Tags: Agriculture, Local18



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