Dangerous chlorine gas leaked in Nainital know how much devastation it can cause


उत्तराखंड के नैनीताल में क्लोरीन गैस रिसाव के कारण स्थानीय लोगों को काफी समस्या हुई है. गैस रिसाव के कारण कई लोगों की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है. अब सवाल ये है कि आखिर क्लोरीन गैस कितनी खतरनाक होती है, जिसके कारण लोगों को इतनी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. आज हम आपको क्लोरीन गैसे के बारे में बताएंगे.

क्लोरीन गैस लीक मामला

नैनीताल में क्लोरीन गैस लीक होने के कारण स्थानीय लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि बीते गुरुवार शाम नैनीताल के सूखाताल जल संस्थान पंप हाउस में रखे सिलेंडर से क्लोरीन गैस लीक होने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया था. इतना ही नहीं रिसाव इतना भयानक था कि चंद मिनटों में ही आसपास रहने वाले लोगों की तबीयत खराब होने लगी थी. कई लोगों को उल्टी, चक्कर आने और बेहोश होने के मामले सामने आए थे. वहीं अधिकारियों को सूचना मिलते ही प्रशासन एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, दमकल और स्वास्थ्य विभाग की टीमें मौके पर पहुंच गई थी. अग्निशमन अधिकारी किशोर उपाध्याय ने बताया था कि क्लोरीन गैस को बेकिंग सोडा के साथ रासायनिक क्रिया कर निस्तारित किया जाता है. वहीं क्षेत्र में गहरा गड्ढा करके करीब एक कुंतल के गैस सिलेंडर को डिस्पोज किया गया था. जिसके बाद गैस रिसाव बंद हुआ है.

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 क्लोरीन गैस?

सबसे पहले ये जानते हैं कि आखिर क्लोरीन गैस क्या होती है. बता दें कि ये गैस पीले और हरे रंग की हवा से भी हल्की गैस होती है. ये एसिड के साथ ब्लीच (सोडियम हाइपोक्लोराइट) को मिलाने पर बनती है. ये पृथ्वी के साथ ही समुद्र में भी पाई जाती है. वहीं क्लोरीन का उपयोग आमतौर पर कीटनाशक की तरह किया जाता है. इसके अलावा इसका इस्तेमाल औद्योगिक कार्यों में भी किया जाता है. वहीं कई बार ये धुलाई के कार्यों में ब्लीचिंग एजेंट के रूप में कार्य करती है.

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खतरनाक होती है क्लोरीन गैस?

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर क्लोरीन गैस कितनी खतरनाक होती है. बता दें कि क्लोरीन गैस बहुत ही विषैली गैस होती है. जिसमें सांस लेना बहुत ही पीड़ादायी होता है. इसकी तेज गंध आंख, त्वचा को नुकसान पहुंचाती है और श्वास लेने में बहुत तकलीफ होती है. इतना ही नहीं बार-बार इस गैस के संपर्क में आने से अस्थमा और कैंसर जैसी बीमारियां हो सकती है. कुछ गंभीर मामलों में ज्यादा समय तक क्लोरीन के संपर्क में रहने से व्यक्ति की मौत भी हो सकती है. क्लोरीन गैस का असर इंसान के स्वास्थ्य पर तुरंत दिखना शुरू हो जाता है.

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