दयाल सिंह कॉलेज के ‘गाँधी स्टडी सर्कल’ और ‘2-दिल्ली नेवल यूनिट’ के संयुक्त तत्वाधान में गाँधी जयंती के सुअवसर पर आयोजित वेबिनार
रिपोर्ट:
Dayal Singh College: (दयाल सिंह कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय)
Gandhi Jayanti: (गाँधी जयंती विशेष, 02 अक्तूबर 2021)
दिल्ली विश्वविद्यालय से सम्बद्ध दयाल सिंह कॉलेज के ‘गाँधी स्टडी सर्कल’ और ‘2-दिल्ली नेवल यूनिट’ के संयुक्त तत्वाधान में गाँधी जयंती के सुअवसर पर ‘पोस्टर मैकिंग काम्पिटिशन एण्ड सेल्फ हाईजिन ड्राइव’ के साथ एक राष्ट्रीय वेबीनार आयोजित किया गया। जिसका विषय “गाँधी इन हिस टाइम्स एण्ड ऑउर्स” था। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर क्रमश: राजीव गाँधी स्टडी सर्कल के राष्ट्रीय संयोजक प्रो सतीश कुमार, मानव संसाधन विकास केंद्र बीपीएस महिला विश्वविद्यालय खानपुर कलाँ आई/सी यूजीसी निदेशक डॉ सैफाली नागपाल, महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय में अंग्रेजी के विभागाध्यक्ष डॉ बिमलेश कुमार सिंह ने गाँधी के सम्पूर्ण व्यक्तित्व और भारत निर्माण में उनकी भूमिका पर अपने-अपने अमूल्य शोधपरक ज्ञान से सभी प्राध्यापक सहित छात्राओं को संबोधित किया जिससे वे अधिकाधिक लाभान्वित हुए ।
कार्यक्रम का आरम्भ सभी छात्राओं, प्राध्यापकों की उपस्थिति में सभी मुख्य अतिथियों का महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो वी के पल्लीवाल तथा कार्यक्रम के संयोजक सब लेफ्टिनेंट डॉ हिमांशु शर्मा के साथ औपचारिक एवं वर्चुअल स्वागत किया गया। इसके पश्चात कार्यक्रम संयोजक डॉ शर्मा ने कार्यक्रम की रूपरेखा और उद्देश्य को विस्तार पूर्वक बताया और कहा कि गांधीजी के बारे में जितना कहा जाय उतना ही कम है तथा आगे भी कहा कि गांधीजी की शिक्षा वर्तमान में बहुत प्रासंगिक है। तत्पश्चात महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो पल्लीवाल ने कहा कि गांधीजी ने सत्य, अहिंसा, और सत्याग्रह का प्रयोग कर उनका प्रचार-प्रसार किया जो राष्ट्र निर्माण में अत्यधिक सहायक सिद्ध हो रही है और उन्होंने आगे भी कहा कि आज राष्ट्र को गांधीजी की शिक्षा की जरूरत है जिसे हर किसी को उनकी शिक्षा अनुकरण की जरूरत हैं।
इसके पश्चात् प्रथम मुख्य अतिथि प्रो सतीश कुमार ने गाँधी, व्यक्तित्व और उनका भारत में योगदान पर क्रमबद्ध रूप से तथ्यात्मक एवं विशद वर्णन किया। प्रो कुमार ने कहा कि गांधीजी के जीवन में घटी दक्षिण अफ्रीका में वैदेशिक घटना और सम्पूर्ण भारत का भ्रमण ने एक नवीन अभिनव गाँधी को जन्म दिया जिससे गाँधी ने गोरे अंग्रेजों से मुक्ति के लिय सत्य और अहिंसा जैसे टूल का प्रयोग किया और विभिन्न रचनात्मक कार्यक्रमों, राजनैतिक-सामाजिक के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत तथा स्वदेशीपन को बढ़ावा दिया। प्रो कुमार ने आगे भी कहा कि गांधी के समय के विभिन्न आंदोलन और आईकॉनिक लीडर्स की चर्चा की जिन्होंने देश को आजाद कराने तथा राष्ट्र को मजबूत करने में महती भूमिका निभाई, ने कहा आज उनकी शिक्षा को जीवन में उतारने और देश को प्रबल बनाने की जरूरत है। इसके पश्चात अन्य मुख्य अतिथियों जिनमें डॉ सैफाली एवं प्रो सिंह ने गांधीजी और उनके राष्ट्र निर्माण पर विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत की, ने कहा कि गांधीजी ने अपने विभिन्न ग्रंथों के माध्यम से नैतिकता, चरित्र निर्माण, निर्भयता और बुनियादी शिक्षा तथा रचनात्मक कार्यक्रम पर अधिक जोर दिया था जिससे राष्ट्र का निर्माण हो सके परंतु आजादी के बाद विभिन्न सरकारों ने विदेशी मॉडल को अपनाया, इससे भारत अपने पुरातन गौरव सोने की चिड़िया बनने से वंचित हो गया और आगे भी कहा कि आज हमे गांधीजी की शिक्षा को अपनाने की जरूरत हैं, जिससे राष्ट्र सर्वोत्तम अवस्था में पहुंच सके।
कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम के प्रभारी डॉ शर्मा, गाँधी स्टडी सर्कल की अध्यक्षा नेहल आहूजा आदि के धन्यवाद भाषण के साथ गांधीजी के जीवन से जुड़ी चित्र प्रदर्शनी और उनका प्रिय भजन “रघो पति राघव राजा राम पतित पावन सीताराम” के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। इस तरह छात्राओं तथा प्राध्यापकों ने राष्ट्रीय वेबीनार “गाँधी इन हिस टाइम्स एण्ड ऑउर्स” में उनका योगदान के महत्व को जाना और अपने-अपने ज्ञान को पल्लवित कर लाभ उठाया।
सधन्यवाद!