Dehradun News: बैडमिंटन मुकाबले में उत्तराखंड के नौनिहालों का जलवा, जीता ब्रॉन्ज; जानें कौन हैं दोनों खिलाड़ी?
देहरादून. जब जुनून और मेहनत का संगम होता है, तो उम्र सिर्फ एक नंबर बन जाती है. उत्तराखंड के दो होनहार खिलाड़ी, मूल रूप से टिहरी के अभिन्य सिंह नेगी और हरिद्वार के कनिष्क अरोड़ा ने अपनी कड़ी मेहनत और हौसले से साबित कर दिया कि सफलता के लिए केवल दृढ़ संकल्प चाहिए. नोएडा में आयोजित डीएवी राष्ट्रीय अंडर-14 बैडमिंटन डबल्स प्रतियोगिता में इन दोनों खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए ब्रॉन्ज मेडल जीतकर उत्तराखंड का नाम रोशन किया है. लोकल 18 ने इन बच्चों से सफलता का राज जाना.
अभिन्य सिंह नेगी और कनिष्क अरोड़ा ने उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करते हुए पंजाब और तमिलनाडु की मजबूत टीमों को हराया. हालांकि सेमीफाइनल में दिल्ली से हार का सामना करना पड़ा लेकिन दोनों ने अपना जज्बा बनाए रखते हुए ब्रॉन्ज मेडल जीतकर राज्य का नाम रोशन किया. कक्षा 6 के छात्र अभिन्य ने लोकल 18 से बातचीत में कहा, ‘मेरा सपना बैडमिंटन में करियर बनाने का है. माता-पिता और कोच मेरे सबसे बड़े सपोर्ट सिस्टम हैं. पढ़ाई और खेल में संतुलन बनाना मुश्किल है लेकिन मैं इसे पूरा कर रहा हूं. मेरे आदर्श खिलाड़ी लक्ष्य सेन हैं और मैं भी उनकी तरह देश का नाम रोशन करना चाहता हूं.’
‘तो हम उसकी इच्छा पूरी करने में जुट गए’
अभिन्य सिंह नेगी के पिता महावीर सिंह नेगी बताते हैं कि जब पहली बार हमें अहसास हुआ कि बच्चा बैडमिंटन में अपना करियर बनाना चाहता है, तो हम उसकी इच्छा पूरी करने में जुट गए. खेल में कई महंगी वस्तुएं जैसे- रैकेट, जूते, कपड़े आदि की जरूरत होती है. अपनी तनख्वाह से घर खर्च और बच्चे के खेल की जरूरतों को पूरा करना कठिन होता है लेकिन हम उसे कोई कमी नहीं होने देते हैं.
देश के लिए खेलना है सपना
हरिद्वार के कनिष्क अरोड़ा ने कहा कि उनका लक्ष्य देश के लिए खेलना है. नोएडा में ब्रॉन्ज मेडल जीतना मेरे परिवार और मेरे लिए गर्व का क्षण है. हमारे कोच ने हम पर कड़ी मेहनत की और हमें सही मार्गदर्शन दिया. अपने इस सफर में उन्होंने अपने माता-पिता और कोच को धन्यवाद दिया. देश के सभी राज्यों की टीमें यहां पहुंची थीं.
बच्चों को बड़े मंच तक पहुंचाने पर फोकस
कोच करण बिष्ट ने दोनों खिलाड़ियों की तारीफ करते हुए कहा कि इन बच्चों में विशेष प्रतिभा है. जैसे लक्ष्य सेन ने अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है, वैसे ही ये भी बना सकते हैं. हमारा फोकस इन्हें बड़े मंच तक पहुंचाने पर है. आशा करता हूं कि राज्य सरकार इसमें हमारी मदद करेगी. यह प्रतियोगिता दो दिसंबर से चार दिसंबर तक चली थी, जिसमें सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों से टीमें आई थीं. यह प्रतियोगिता स्कूल स्तर पर चयनित खिलाड़ियों के बीच आयोजित हुई थी. उत्तराखंड की टीम ने अपने पहले मुकाबले में पंजाब की टीम को हराया. उसके बाद तमिलनाडु पर भी जीत दर्ज की. सेमीफाइनल में दिल्ली से हार के बावजूद बच्चों ने हार नहीं मानी और शानदार खेल के साथ ब्रॉन्ज मेडल जीता. यह उपलब्धि सिर्फ एक शुरुआत है. अभिन्य और कनिष्क जैसे खिलाड़ी उत्तराखंड के भविष्य की नई उम्मीदें हैं. उनकी मेहनत और जज्बा यह साबित करता है कि प्रतिभा को उम्र का कोई बंधन नहीं रोक सकता.
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FIRST PUBLISHED : December 12, 2024, 14:13 IST