Delhi Chor Bazaar Timing And Location Which Type Of Things You Can Buy From Here Read Here All Details
आप देश के किसी भी कोने में दिल्ली की बात कर लीजिए… दिल्ली के लाल किले की तरह दिल्ली के ‘चोर बाजार’ के बारे में भी सबको पता होगा. लोगों का मानना है कि दिल्ली में एक खास ‘चोर बाजार’ लगता है और इस ‘चोर बाजार’ में चोरी का या फिर सेकेंड हैंड सामान मिलता है, जिनकी रेट बाजार से काफी कम होती है. इसे लेकर लोगों के मन में अलग अलग तरह की कहानियां हैं. कई लोग यहां मिलने वाले सस्ते सामान के बारे में बात करते रहते हैं तो कई लोगों का कहना है कि यहां ऐसा कुछ नहीं है और कोई भी ढंग का सामान नहीं मिलना चाहिए.
तो हम आपको बताते हैं कि दिल्ली के इस ‘चोर बाजार’ की क्या कहानी है… इसके साथ ही कुछ सवालों के जवाब देते हैं, जो इसे लेकर पूछे जाते हैं. इन सवालों में ये बाजार है कहां, इसकी टाइमिंग क्या है, यहां क्या क्या मिलता है, क्या सही में सामान खरीदा जा सकता है… शामिल होते हैं. तो जानते हैं इन सवालों के जवाब, जिसके बाद आपको भी चोर बाजार की हकीकत पता चल जाएगी.
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कहां लगता है ‘चोर बाजार’?
दरअसल, दिल्ली के हर इलाके में हर हफ्ते एक मार्केट लगता है, जैस कई जगह बुधवार को तो कई जगह सोमवार को बाजार लगता है. इन बाजार में छोटे छोटे व्यापारी सामान बेचने आते हैं, जहां कुछ इलेक्ट्रॉनिक सामान, कपड़े, जूते आदि मिलते हैं. यहां काफी कम रेट में सामान मिल जाता है. ऐसा ही एक बाजार है, जिसे चोर बाजार का नाम दिया गया है. ये बाजार लाल किले के सामने लगता है, जिसे लोग ‘चोर बाजार’ कहते हैं, मगर इसका नाम पुराना बाजार है.
कब लगता है ये बाजार?
ये बाजार लालकिले के सामने रविवार को सुबह लगता है. करीब 9-10 बजे तक ये बाजार रहता है, जहां ना सिर्फ दिल्ली बल्कि दिल्ली से बाहर के लोग भी शॉपिंग करने आते हैं.
यहां के बारे में क्या सोचते हैं लोग?
# यहां चोरी का सामान मिलता है और यहां खुले में ये सामान मिल जाता है.
# अगर यहां सुबह 4 बजे चले जाएं तो अच्छा सामान मिलता है, इसके बाद माल छंट जाता है.
# यहां काफी कम रेट में इलेक्ट्रॉनिक सामान मिलता है.
# अगर किसी को सामान की अच्छी नॉलेज है तो यहां जाकर सस्ते में सामान खरीद सकते हैं.
# वहां का सामान अच्छा नहीं होता है और सभी सामान चोरी के नहीं, बल्कि डुप्लीकेट होते हैं.
# वहां जो कपड़े मिलते हैं, वो अस्पताल, होटल या श्मशान आदि से उठाए हुए होते हैं.
वैसे हकीकत क्या है?
दिल्ली के इस बाजार में जा चुके लोगों के यहां को लेकर अलग अलग अनुभव है. कई लोगों का कहना है कि यहां सही में इलेक्ट्रॉनिक सामान सस्ते में मिलता है, लेकिन अधिकतर लोगों का कहना है कि वो दिखने में ऑरिजनल हो सकता है, लेकिन उसमें अंदर से कुछ नहीं होता है. जैसे अगर आप हार्ड डिस्क ले रहे हैं तो उसके अंदर कुछ नहीं होगा, मगर दिखने में वो ऑरिजनल हार्ड डिस्क होगी. इसके अलावा जो कपड़े ठेलों पर छांटकर मिलते हैं, उसमें देखकर आप सामान खरीद सकते हैं, जो 100 रुपये से कम में मिल जाते हैं. लेकिन, वो कपड़े नए नहीं होते हैं.
इसके अलावा जो सामान पैकिंग में मिलता है, उसकी कोई जिम्मेदारी नहीं है. वो उस वक्त काफी अच्छा लग सकता है, लेकिन बाद में आप इसे लेकर पछताएंगे. वैसे कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो वहां से लाए सामान से संतुष्ट हैं और उनका मानना है कि वहां सही में ढूंढने पर सही सामान मिल जाता है.
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