Delhi Election Result Who will stay in Sheeshmahal Delhi CM House where Arvind Kejriwal targeted by bjp


Delhi Election Result: दिल्ली में विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ रहे हैं, फिलहाल शुरुआती रुझानों में बीजेपी बड़ी जीत की तरफ बढ़ती दिख रही है. हालांकि अभी नतीजे सामने नहीं आए हैं, यानी ये आंकड़े अगले कुछ घंटों में थोड़ा बदल सकते हैं. अब आम आदमी पार्टी को वाकई अगर इतना बड़ा नुकसान हुआ तो ये अरविंद केजरीवाल के लिए बड़ा झटका साबित होगा. इस बार के चुनाव में बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल को भ्रष्टाचार और शीशमहल को लेकर जमकर घेरा. दिल्ली में सीएम आवास पर हुए करोड़ों रुपये के खर्च के बाद बीजेपी ने इसे शीशमहल का नाम दिया था. आइए हम आपको बताते हैं कि अगर आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं बन पाती है तो इस शीशमहल में कौन रहेगा?

क्या था शीशमहल का मुद्दा?
साल 2023 में अरविंद केजरीवाल के आवास पर करोड़ों रुपये खर्च कर इसे खूबसूरत बनाया गया. इसके बाद एक चैनल की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि इस आवास पर कितना खर्च हुआ है और घर में क्या-क्या सुविधाएं हैं. यहीं से बीजेपी ने इसे शीशमहल का नाम दे दिया और अरविंद केजरीवाल को जमकर घेरा गया. इसके अलावा कांग्रेस नेताओं ने भी इस मुद्दे को जमकर उछाला. 

ये आवास दिल्ली के सिविल लाइन्स इलाके में मौजूद है. आरोप था कि इस पर 45 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं और पूरे घर को लग्जरी होटल की तरह बनाया गया है. दिल्ली चुनाव में बीजेपी की तरफ से एक वीडियो लगातार वायरल किया गया, जिसमें दावा किया जा रहा था कि ये शीशमहल यानी दिल्ली सीएम आवास का वीडियो है. 

क्या वाकई केजरीवाल का है ये ‘शीशमहल’?
बीजेपी ने लोगों के बीच ये माहौल बनाने की कोशिश की थी कि अरविंद केजरीवाल ने खुद के लिए शीशमहल बनवा लिया है, यानी वही इस आलीशान घर के मालिक हैं. हालांकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है, ये दिल्ली के मुख्यमंत्री का सरकारी आवास है, जिसे PWD की तरफ से बनाया गया है. यानी जो भी सीएम की कुर्सी पर बैठेगे, उसके लिए इस घर के दरवाजे खुल जाएंगे. फिर चाहे वो बीजेपी का कोई नेता हो, कांग्रेस का हो या फिर आम आदमी पार्टी का…अगर वाकई ये शीशमहल है तो इसके मजे सत्ता में रहने वाले दल का कोई भी नेता उठा सकता है. 

क्यों घिरे थे अरविंद केजरीवाल?
अब सवाल है कि तमाम मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों के आवास काफी आलीशान होते हैं, उनमें दुनियाभर की वो तमाम सुख सुविधाएं होती हैं जो दिल्ली के सीएम आवास में थीं. तो अरविंद केजरीवाल को इस पर इतना क्यों घेरा गया? इसका जवाब केजरीवाल की कट्टर ईमानदार छवि और मुख्यमंत्री बनने से पहले उनके दिए गए बयान हैं. दरअसल केजरीवाल ने दिल्ली की सत्ता में आने से पहले नेताओं पर बड़े बंगलों में रहने और बड़ी गाड़ी से चलने के आरोप लगाए थे. तब वो चप्पल में उतरकर प्रचार करते थे और बाकी नेताओं पर ऐसे ही तमाम हमले करते थे. यही कारण है कि विपक्षी दलों ने केजरीवाल को उनके ही चक्रव्यूह में फंसा दिया.

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