Delhi Pollution Level recorded go down lowest aqi this year know all weather details


Delhi Pollution: दिल्ली में लोगों के साथ पॉल्युशन ने भी छुट्टी मनाई. ये 7320 घंटे बाद था जब दिल्ली साफ हवा में सांस ले रहा था. इस दिन AQI 50 या इससे भी कम दर्ज किया गया. जहां अलीपुर में 39 तो वहीं लोदी रोड पर 30 एक्यूआई दर्ज किया गया. आने वाले कुछ दिनों में भी प्रदुषण मुक्त दिल्ली का अनुमान लगाया जा रहा है. इसे साल 2024 का सबसे साफ दिन कहा जा रहा है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि आखिर किस पैमाने से हवा मापी जाती है?

कैसे मापा जाता है हवा में प्रदूषण?

वायु की गुणवत्ता मापने के लिए AQI में आठ प्रदूषक तत्वों का परीक्षण किया जाता है. यदि इनकी मात्रा सीमा से ज्यादा है तो हवा का स्तर खराब माना जाता है. ये आठ तत्व कुछ ऐसे हैं– PM10, PM2.5, NO2 (नाइट्रोजन ऑक्साइड), SO2 (सल्फर ऑक्साइड), CO2 (कार्बन ऑक्साइड), O3 (ओजोन का उत्सर्जन), NH3 (अमोनिया) और Pb (सीसा). इंडेक्स से ये पता चलता है कि हवा में किन गैसों की कितनी मात्रा घुली हुई है. यदि हवा शुद्ध होती है तो एक्यूआई कम होता है वहीं यदि हवा प्रदूषित होती है तो एक्यूआई ज्यादा होता है.

कितनी कैटेगरी में बटा AQI?

एक्यूआई को स्तर और सीडिंग के अनुसार 6 कैटेगरी में बांटा गया है. जैसे 0-50 के बीच AQI का मतलब अच्छा यानि वायु शुद्ध माना जाता है. वहीं 51-100 के बीच एक्यूआई का मतलब वायु की शुद्धता संतोषजनक है. इसके अलावा यदि एक्यूआई 101 से 200 के बीच है तो उसे मध्यम माना जाता है. यदि ये 201-300 के बीच  है तो उसे खराब माना जाता है. वहीं यदि एक्यूआई 301-400 के बीच है तो उसे बेहद खराब माना जाता है और यदि ये 401 से 500 के बीच है तो उसे गंभीर श्रेणी माना जाता है. इसकी रीडिंग के आधार पर लोगों को स्वास्थ्य संबंधी दिशा निर्देश समयसमय पर जारी किए जाते हैं.

PM10 और PM2.5 क्या है?

वायु में कई धूल के कण भी मौजूद होते हैं, ये भी हवा की गुणवत्ता को बताते हैं. PM2.5 या PM10 हवा में मौजूद सूक्ष्म कणों के बारे में बताते हैं. बता दें PM2.5 सबसे छोटे वायु कणों में से हैं. इनका आकार 2.5 माइक्रोमीटर के आसपास होता है. हवा में इतने अति सूक्ष्म कण होने की वजह से ये आसानी से हमारे शरीर में घुस जाते हैं. इसके अलावा PM10 कणों को रेस्पॉयरेबल पर्टिकुलेट मैटर भी कहा जाता है. ये कण फैक्ट्रियों या निर्माण कार्यों से निकलते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि प्रदूषण की समस्या को गंभीर बनाने में PM2.5 और PM10 कण बहुत अहम होते हैं.

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