Delhi Services Bill Is Not Violating Supreme Court Judgment Amit Shah – दिल्ली सरकार द्वारा सत्ता के दुरुपयोग को रोकने के लिए लाया गया सेवा विधेयक : अमित शाह



8gl8qu88 amit shah Delhi Services Bill Is Not Violating Supreme Court Judgment Amit Shah - दिल्ली सरकार द्वारा सत्ता के दुरुपयोग को रोकने के लिए लाया गया सेवा विधेयक : अमित शाह


दिल्ली सर्विस बिल पर जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस और पब्लिक ऑर्डर पर काम करने का अधिकार केंद्र को दिया है. सेवा का अधिकार राज्य को देने की बात कही है. इसमें यह भी कहा गया कि केंद्र सरकार को किसी भी विषय पर कानून बनाने का अधिकार है.” उन्होंने कहा, “संविधान कहता है कि केंद्र को किसी भी विषय पर कानून बनाने का अधिकार है. इस किसी भी में सेवाएं भी आती हैं. संसद को संविधान में संशोधन का अधिकार है.” गृह मंत्री अमित शाह के बयान के दौरान एनडीए सांसदों ने ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाए. जवाब में विपक्षी गठबंधन के नेता ‘INDIA-INDIA’ कहने लगे. 

कांग्रेस को लोकतंत्र पर बोलने का अधिकार नहीं

अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के खिलाफ शुरू से कांग्रेस ही रही है. कांग्रेस ने ही संविधान संशोधन करके दिल्ली के अधिकारों का हनन किया है.” उन्होंने कहा- “यह बिल पूर्व की तरह प्रधानमंत्रियों की सदस्यता बचाने नहीं लाए. इमरजेंसी लगाने नहीं लाए.” शाह के यह कहते ही कांग्रेस के सदस्य भड़क गए. इस पर शाह बोले- “कांग्रेस को लोकतंत्र पर बोलने का अधिकार नहीं है. आपने देश को इमरजेंसी दी थी.”


 

अमित शाह ने कहा, “दिल्ली में मदनलाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा, सुषमा स्वराज्य, शीला दीक्षित मुख्यमंत्री रहीं. किसी को केंद्र से कोऑर्डिनेशन में दिक्कत नहीं हुई. किसी को ट्रांसफर पोस्टिंग में दिक्कत नहीं हुई, लेकिन एक आंदोलन से बनी सरकार को इससे दिक्कत आने लगी. उन्हें लगता है कि हम केंद्र के ताकत बढ़ाने के लिए ये बिल लाए हैं. हम आपको बताना चाहते हैं कि इस देश की जनता के आशीर्वाद से हम ताकतवर हैं.”

मानसिकता बदलनी होगी

अमित शाह ने कहा, “जो लोग कह रहे हैं कि आज दिल्ली है, कल ओडिशा की बारी है, फिर दूसरे राज्य की बारी आएगी. ये गलत है. ये मानसिकता बदलनी होगी. दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है. इससे किसी को ऐतराज नहीं होना चाहिए.”

लोकसभा में 3 अगस्त को पास हुआ था बिल

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 को सरकार ने 3 अगस्त को लोकसभा में पेश किया था. उसी दिन विपक्षी गुट INDIA के सदस्यों के वॉकआउट के बावजूद यह बिल सदन से पास हो गया.

गृह मंत्री ने यह भी दावा किया कि यह विधेयक सबसे पहले कांग्रेस द्वारा लाया गया था, जब वह सत्ता में थी. अमित शाह ने कहा, ”मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि दिल्ली सर्विस बिल का कोई भी प्रावधान कांग्रेस शासन के विधेयक से अलग नहीं है. कोई बदलाव नहीं किया गया है.” उन्होंने कांग्रेस पर अपने द्वारा लाए गए विधेयक का विरोध करके आम आदमी पार्टी को खुश करने का भी आरोप लगाया. शाह की इस बात पर विपक्ष ने सदन में हंगामा किया.

विपक्षी गठबंधन पर उठाए सवाल

अमित शाह ने इस दौरान विपक्षी गठबंधन INDIA पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, “खरगे साहब आप जिस गठबंधन को बचाने के लिए इस बिल का विरोध कर रहे हैं, सदन के बाद केजरीवाल साहब आप से मुंह मोड़ लेंगे. कांग्रेस को पता है कि अकेले कुछ होने वाला नहीं है. इसलिए गठबंधन बना लिया है.” 

24 मई 2024 को नरेंद्र मोदी ही लेंगे शपथ

उन्होंने कहा, “ऐसा गठबंधन जो सैद्धांतिक रूप से एक नहीं है. केरल में कांग्रेस और लेफ्ट एक दूसरे के खिलाफ है, लेकिन गठबंधन में ईलू-ईलू कर रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस का जन्म ही लेफ्ट के विरोध में हुआ, लेकिन वे भी साथ हैं. मैं इन्हें बता दूं कि 4-5 दल और जोड़ लें, फिर भी 24 मई 2024 को नरेंद्र मोदी ही प्रधानमंत्री की शपथ लेंगे.”

11 अगस्त को मणिपुर पर करें चर्चा-शाह

मणिपुर पर चर्चा की मांग को लेकर उन्होंने कहा- ‘8 से 10 अगस्त तक लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होनी है, इसलिए विपक्ष मणिपुर पर 11 अगस्त को चर्चा करे. अमित शाह ने कहा, “मैं मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार हूं. हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है. आप (विपक्ष) ही हैं, जिनके पास छिपाने के लिए कुछ है. आप चर्चा नहीं होने दे रहे हैं. अगर खरगे जी 11 अगस्त को चर्चा के लिए हां कहते हैं, तो मैं भी इसके लिए तैयार हूं.”

11 मई 2023 सुप्रीम कोर्ट ने दिया था ये आदेश

बता दें कि 11 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की बेंच ने अफसरों पर कंट्रोल का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया था. साथ ही अदालत ने कहा कि उपराज्यपाल सरकार की सलाह पर ही काम करेंगे. इस फैसले के एक हफ्ते बाद 19 मई को केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर इस फैसले को बदल दिया. केंद्र ने अध्यादेश के जरिए ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार उपराज्यपाल को दे दिया. दिल्ली सर्विस बिल इसी अध्यादेश की जगह लेगा.

रामदास आठवले ने किया दिल्ली सर्विस बिल का समर्थन

रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रामदाम आठवले ने दिल्ली सर्विस बिल का समर्थन किया. उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने 70 साल कर विरोध क्यों नहीं किया? अमित भाई का इतना अच्छा आ गया है बिल, लेकिन सामने वालों को हो रहा है फील, नरेंद्र मोदी जी के पास है बहुत अच्छी व्हील, लेकिन दिल्ली में हो रही है दारू की डील, मोदी जी और अमित शाह की जम गई जोड़ी, फिर कांग्रेस और आप वालों की कैसे आगे जाएगी गाड़ी, मोदी जी जानते हैं जनता की नाड़ी, इसलिए मैंने बढ़ाई है दाढ़ी…” आठवले के इस अंदाज पर सदन में खूब ठहाके लगे.

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