Diesel Trucks Allowed To Enter The City In Delhi, AQI Alert Level Reduced – दिल्ली में डीजल ट्रकों को प्रवेश की इजाजत दी गई, AQI अलर्ट का स्तर घटा

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दिल्ली में डीजल ट्रकों को प्रवेश की इजाजत दी गई, AQI अलर्ट का स्तर घटा

दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति में आंशिक सुधार हुआ है.

खास बातें

  • हवा की गति में तेजी आने के कारण वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ
  • गाजियाबाद में AQI 274, गुरुग्राम में 346, ग्रेटर नोएडा में 258 दर्ज
  • नोएडा में वायु गुणवत्ता 285 और फरीदाबाद में 328 दर्ज की गई

नई दिल्ली :

Delhi pollution: हवा की गुणवत्ता में सुधार के बाद दिल्ली-एनसीआर में केंद्र की वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना के चरण-4 के तहत निर्धारित प्रतिबंध हटा दिए गए हैं. इस बारे में आदेश जारी कर दिया गया है. दिल्ली का वायु गुणवत्ता स्तर (AQI) शनिवार को ‘गंभीर’ स्तर से सुधरकर ‘बहुत खराब’ स्तर पर आ गया. इसके बाद सरकार ने प्रदूषण को लेकर चेतावनी का स्तर कम कर दिया. सरकार ने डीजल ट्रकों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश की इजाजत दे दी है. हवा की गति में तेजी आने के कारण वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है.

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हवा की गुणवत्ता शुक्रवार को 405 से सुधरकर शाम 4 बजे 317 पर पहुंच गई. पड़ोसी क्षेत्र गाजियाबाद में आज वायु गुणवत्ता 274, गुरुग्राम में 346, ग्रेटर नोएडा में 258, नोएडा में 285 और फरीदाबाद में 328 दर्ज की गई.

वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार के बाद, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत स्टेज-IV के प्रतिबंध हटा दिए.

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने एक विज्ञप्ति में कहा, जीआरएपी के चरण I से चरण III के तहत प्रदूषण के खिलाफ प्रतिबंध जारी रहेंगे.

चरण IV के तहत प्रतिबंध 5 नवंबर को लगाए गए थे. इनमें बीएस-VI इमिशन मानदंडों का अनुपालन करने वाले वाहनों को छोड़कर सभी डीजल चार पहिया वाहनों पर प्रतिबंध शामिल था. आवश्यक या इमरजेंसी सर्विस के लिए उपयोग किए जाने वाले वाहनों को छोड़कर दिल्ली में मध्यम और भारी डीजल वाहनों पर रोक लगा दी गई थी. अब ट्रकों को दिल्ली में प्रवेश की इजजात होगी.

दिल्ली सरकार और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), कानपुर के एक ज्वाइंट प्रोजेक्ट के हालिया निष्कर्षों से पता चला है कि शुक्रवार को राजधानी के वायु प्रदूषण के लिए वाहनों का उत्सर्जन करीब 45 प्रतिशत जिम्मेदार था. शनिवार को इसके घटकर 38 फीसदी होने की संभावना है.

सेकेंडरी इनआर्गेनिक एरोसोल, सल्फेट और नाइट्रेट जैसे कण बिजली संयंत्रों, रिफाइनरियों और वाहनों से निकलने वाली गैसों में क्रिया के कारण प्रदूषक कण वायुमंडल में बनते हैं. दिल्ली की दूषित हवा का यह दूसरा प्रमुख कारण है. 

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