Direct Tax Collection Grows 20 Percent To Rs 18.90 Lakh Crore Till 17 March

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डायरेक्ट Tax कलेक्शन 20% बढ़कर 18.90 लाख करोड़ रुपये हुआ, एडवांस टैक्स में वृद्धि का असर

Tax Collection: एडवांस टैक्स कलेक्शन 17 मार्च, 2024 तक 9.11 लाख करोड़ रुपये रहा जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि से 22.31 प्रतिशत अधिक है.

नई दिल्ली:

चालू वित्त वर्ष (2023-24) में एडवांस टैक्स कलेक्शन (Advance Tax Collection) बढ़ने से 17 मार्च तक नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन  (Net Direct Tax Collection) 19.88 प्रतिशत बढ़कर18.90 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड  यानी सीबीडीटी (CBDT) ने बयान में कहा कि 17 मार्च तक कुल डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 18,90,259 करोड़ रुपये रहा है जिसमें 9,14,469 करोड़ रुपये कॉरपोरेट टैक्स और पर्सनल इनकम टैक्स (Personal income tax) के अलावा 9,72,224 करोड़ रुपये का प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) भी शामिल है.

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चालू वित्त वर्ष में 17 मार्च तक करीब 3.37 लाख करोड़ का रिफंड

अग्रिम कर संग्रह यानी एडवांस टैक्स कलेक्शन 17 मार्च, 2024 तक 9.11 लाख करोड़ रुपये रहा जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि से 22.31 प्रतिशत अधिक है. कंपनियों से अग्रिम कर के तौर पर 6.73 लाख करोड़ रुपये मिले हैं जबकि व्यक्तिगत आयकरदाताओं का योगदान 2.39 लाख करोड़ रुपये है.इस बीच, चालू वित्त वर्ष में 17 मार्च तक करीब 3.37 लाख करोड़ रुपये का रिफंड भी जारी किया जा चुका है.

सकल आधार पर रिफंड समायोजन से पहले कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह 22.27 लाख करोड़ रुपये बैठता है. यह एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 18.74 प्रतिशत अधिक है.

सीबीडीटी ने कहा, “वित्त वर्ष 2023-24 में 17 मार्च तक प्रत्यक्ष कर संग्रह के अस्थायी आंकड़े बताते हैं कि शुद्ध कर संग्रह 18,90,259 करोड़ रुपये है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 15,76,776 करोड़ रुपये था. यह वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में 19.88 प्रतिशत अधिक है.“

टैक्स रेवेन्यू में करीब 20 प्रतिशत की वृद्धि

सरकार ने प्रत्यक्ष कर संग्रह के संशोधित अनुमान में पूरे वित्त वर्ष के लिए प्राप्तियां 19.45 लाख करोड़ रुपये रहने की उम्मीद जताई थी. प्रत्यक्ष कर संग्रह में वृद्धि के आंकड़ों पर डेलॉयट इंडिया में भागीदार सुमित सिंघानिया ने कहा कि कर राजस्व में करीब 20 प्रतिशत की वृद्धि पूरे साल कर नीति सुधारों की निरंतर गति को रेखांकित करती है. उन्होंने कहा कि अग्रिम कर संग्रह का बढ़ना करदाताओं की विभिन्न श्रेणियों के बीच बढ़ते स्वैच्छिक अनुपालन को दर्शाता है.

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