Divya Negi the pioneer of rural and spiritual tourism in Uttarakhand


श्रीनगर गढ़वाल: उत्तराखंड में पर्यटन की बहुत संभावनाएं हैं. यहां की समृद्ध संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता के कारण उत्तराखंड का देश में एक विशिष्ट स्थान है. इसके साथ ही, उत्तराखंड के चार धाम न केवल देश के बल्कि विदेशी पर्यटकों के भी आकर्षण का केंद्र हैं. इन संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए, पौड़ी जिले की दिव्या नेगी पिछले 10 वर्षों से उत्तराखंड में ग्रामीण और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा दे रही हैं. वे उत्तराखंड के गांवों को इको-टूरिज्म से जोड़कर, विदेशी पर्यटकों को यहां की संस्कृति और त्योहारों से रूबरू करा रही हैं. उनका मुख्य उद्देश्य लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना और उत्तराखंड की संस्कृति को विदेशों तक पहुंचाना है.

10 वर्षों से ग्रामीण और आध्यात्मिक पर्यटन में सक्रिय
दिव्या नेगी ने लोकल 18 को बताया कि वे पिछले 10 वर्षों से ग्रामीण और आध्यात्मिक पर्यटन के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं. अब तक उन्होंने कई पर्यटकों को उत्तराखंड की संस्कृति, त्योहारों और प्राकृतिक सौंदर्य से परिचित करवाया है. इसके अलावा, वे बतौर टूर गाइड पर्यटकों को न केवल पर्यटन स्थलों की सैर कराती हैं, बल्कि उन्हें पर्यटन के विभिन्न पहलुओं और सलीके के बारे में भी जानकारी प्रदान करती हैं. उनके इसी योगदान के लिए, विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर गढ़वाल विश्वविद्यालय के पर्यटन विभाग द्वारा उन्हें ‘सैर-सलीका’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

विदेशी पर्यटकों को उत्तराखंड की संस्कृति से अवगत करा रही हैं
दिव्या नेगी विदेशी पर्यटकों को उत्तराखंड की संस्कृति, खान-पान और परंपराओं के बारे में जानकारी देती हैं. वे उत्तराखंड के गांवों को इको-टूरिज्म से जोड़ने का कार्य कर रही हैं और यहां आयोजित होने वाले विभिन्न त्योहारों के माध्यम से पर्यटकों को उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर से परिचित कराती हैं. दिव्या एक बेहतरीन फोटोग्राफर भी हैं, और अपनी फोटोग्राफी के माध्यम से उत्तराखंड की संस्कृति का प्रचार-प्रसार कर रही हैं, ताकि अधिक से अधिक लोग इसके बारे में जान सकें.

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स्थानीय लोगों को पर्यटन के महत्व के प्रति जागरूक करना
दिव्या नेगी न केवल पर्यटकों को जानकारी प्रदान कर रही हैं, बल्कि स्थानीय लोगों को भी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जागरूक कर रही हैं. वे उन्हें पर्यटन के महत्व के बारे में जानकारी देती हैं, ताकि स्थानीय समुदाय भी इस क्षेत्र से लाभान्वित हो सके.

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