Diwali 2024: कल यहां लगेगा कुंवारों का मेला, दर्शन मात्र से हो जाएगा चट मंगनी पट विवाह!


अजमेर: राजस्थान के अजमेर में आनासागर स्थित रामप्रसाद घाट के ऊपर पहाड़ी पर स्थित प्राचीन खोबरा नाथ भैरव मंदिर सदियों से आस्था का केंद्र बना हुआ है. इस मंदिर में विराजमान खोबरा नाथ भैरव को ‘शादी देव’ के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि यहां दर्शन और पूजन करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. हर रविवार भक्त मंदिर में आते हैं और अपनी मनोकामनाओं को चिट्ठी में लिखकर बाबा खोबरा नाथ भैरव की प्रतिमा के पास छोड़ देते हैं. कहा जाता है कि अविवाहित युवक-युवतियां यहां आकर खोबरा नाथ भैरव से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं, जिसके बाद उनकी शादी जल्दी हो जाती है.

हर वर्ष दीपावली के दिन यहां मेले का आयोजन होता है, जिसमें बड़ी संख्या में अविवाहित लोग दीपक जलाकर पूजा-अर्चना करते हैं. मंदिर के पुजारी के अनुसार, इस दिन कायस्थ समाज के लोग भी विशेष पूजा के लिए यहां आते हैं. मान्यता है कि दीपावली के दिन मंदिर में सात दीए जलाने से खोबरा नाथ भैरव कुंवारे युवाओं को शादी का आशीर्वाद देते हैं.

दीपावली का कुंवारे बेसब्री से करते है इंतजार
पूरे वर्ष कुंवारे युवक-युवतियां दीपावली के दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं. कई लोग शादी हो जाने के बाद मन्नत पूरी होने पर दीपावली के दिन प्रसाद चढ़ाने और वितरण करने भी आते हैं. हर साल यहां बड़े संख्या में कुंवारे दर्शन करने के लिए पहुंचते है.

चौहान वंश के राजा ने की थी इस मंदिर की स्थापना
मंदिर के पुजारी के अनुसार, खोबरा नाथ भैरव भगवान शिव के द्वारपाल माने जाते हैं और हर भक्त की मनोकामना पूरी करते हैं. कहा जाता है कि चौहान वंश के राजा अजय पाल के शासनकाल में पहाड़ी पर यह मंदिर स्थापित हुआ. बाद में, मराठाओं के शासनकाल में भी इस मंदिर में मराठाओं ने अपनी आस्था व्यक्त की. मान्यता यहां दर्शन करने से सभी मनोकामना पूरी होती है.

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