Do 11th Class Marks Also Matter For Studying Abroad Know What Is The Rule
भारत से हर साल हजारों कई बार लाखों की संख्या में छात्र विदेश पढ़ने जाते हैं. लेकिन जो छात्र अभी स्कूल में हैं और वो विदेश में पढ़ने का सपना देख रहे हैं…उनके मन में कई तरह के सवाल उठ रहे होंगे. इस आर्टिकल में हम आपके इन्हीं सवालों का उत्तर देने की कोशिश करेंगे. खासतौर से इस सवाल का कि क्या कक्षा 11वीं में मिले नंबर आपकी विदेश में पढ़ने की इच्छा को प्रभावित कर सकते हैं. इसके साथ ही इस सवाल का भी जवाब जानेंगे कि क्या 11वीं के नंबर किसी भी विदेशी यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने में सहायक या फिर बाधा डालने का काम करते हैं या नहीं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
इस प्रश्न का उत्तर उतना सीधा नहीं है जितना आप समझ रहे हैं. इस पर स्टडी मेट्रो (Study Metro) के सह-संस्थापक अभिषेक बजाज का कहना है कि प्रवेश प्रक्रिया में 11वीं कक्षा के अंकों पर विचार किया जाता है, लेकिन विश्वविद्यालय छात्रों का चयन करने के लिए केवल यही मानदंड नहीं रखते हैं. विश्वविद्यालय उन छात्रों की तलाश करते हैं जिन्होंने अपने अकादमिक करियर में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है. इसलिए, जिन छात्रों के 12वीं कक्षा के अच्छे अंक हैं, उनके पास विदेश में किसी विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने का बेहतर मौका हो सकता है. इसके अलावा विदेश की बड़ी बड़ी यूनिवर्सिटी भारतीय छात्रों को एडमिशन देने के लिए कई और पहलुओं पर भी विचार करती हैं. जैसे कि छात्रों ने SAT, ACT, GRE, GMAT जैसी परीक्षाओं में क्या स्कोर प्राप्त किए हैं.
किन मामलों में 11वीं नंबर ज्यादा देखे जाते हैं
इस सवाल पर अभिषेक बजाज आगे कहते हैं कि कुछ मामलों में 11वीं के मार्क्स को 12वीं के मार्क्स से ज्यादा वेटेज दिया जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि 11वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में ऐसे विषय शामिल हैं जो विदेशों के विश्वविद्यालयों में पेश किए जाने वाले पाठ्यक्रमों के लिए प्रासंगिक हैं. इसलिए, जिन छात्रों ने 11वीं कक्षा में अच्छा प्रदर्शन किया है, उनके पास विदेश के किसी विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने का बेहतर मौका हो सकता है. वहीं प्रवेश प्रक्रिया के अलावा, स्कॉलरशिप प्राप्त करने के लिए भी 11वीं कक्षा के नंबर आवश्यक हो सकते हैं. कई यूनिवर्सिटी छात्रों को उनके शैक्षणिक प्रदर्शन के आधार पर स्कॉलरशिप देती हैं. इसलिए, जिन छात्रों के 11वीं कक्षा में अच्छे अंक हैं, वे स्कॉलरशिप के लिए पात्र हो सकते हैं.
11वीं में मन लगाकर पढ़ें
इससे यह साफ पता चलता है कि अगर आप विदेश में किसी अच्छी यूनिवर्सिटी में पढ़ना चाहते हैं तो कक्षा 11वीं से ही मेहनत करना शुरू कर दें. क्योंकि हो सकता है कि इस नंबर से आपके एडमिशन पर फर्क ना पड़े, लेकिन इसकी मदद से आपको अच्छी स्कॉलरशिप मिल सकती है, जिसकी मदद से आप विदेश में अपनी पढ़ाई का खर्च उठा पाएंगे.
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