Do train drivers also have a license Know where they are tested


बता दें ट्रेन के ड्राइवर को लोको पायलट कहा जाता है, जिसके लिए हर साल रेलवे भर्ती निकालता है. इस पद पर चयन प्रक्रिया परीक्षा, इंटरव्यू और मेडिकल टेस्ट के बाद पूरी होती है.

बता दें ट्रेन के ड्राइवर को लोको पायलट कहा जाता है, जिसके लिए हर साल रेलवे भर्ती निकालता है. इस पद पर चयन प्रक्रिया परीक्षा, इंटरव्यू और मेडिकल टेस्ट के बाद पूरी होती है.

इसके बाद ही किसी व्यक्ति को लोको पायलट की ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है. इस ट्रेनिंग में लोको पायलट को ट्रेन से जुड़ी बारिकियों के बारे में बताया जाता है.

इसके बाद ही किसी व्यक्ति को लोको पायलट की ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है. इस ट्रेनिंग में लोको पायलट को ट्रेन से जुड़ी बारिकियों के बारे में बताया जाता है.

इस दौरान उन्हें ट्रेन चलाने से लेकर उसके इंजन के बारे में भी बताया जाता है. इसके बाद उनके मंडल द्वारा इंडीनियर टेस्ट लिया जाता है.

इस दौरान उन्हें ट्रेन चलाने से लेकर उसके इंजन के बारे में भी बताया जाता है. इसके बाद उनके मंडल द्वारा इंडीनियर टेस्ट लिया जाता है.

इस टेस्ट में पास होने वाले को एक सर्टिफिकेट दिया जाता है. इसी के बाद ट्रेन चलाने की परमिशन दी जाती है.

इस टेस्ट में पास होने वाले को एक सर्टिफिकेट दिया जाता है. इसी के बाद ट्रेन चलाने की परमिशन दी जाती है.

यही सर्टिफिकेट लोको पायलट के लिए लाइसेंस का काम करता है. इसके बाद वो ट्रेन चला सकते हैं. पहले लोको पायलट को मालगाड़ी में तैनात किया जाता है, फिर उन्हें पैसेंजर, फिर एक्सप्रेस और उसके बाद सुपरफास्ट ट्रेन चलाने की अनुमति मिलती है.

यही सर्टिफिकेट लोको पायलट के लिए लाइसेंस का काम करता है. इसके बाद वो ट्रेन चला सकते हैं. पहले लोको पायलट को मालगाड़ी में तैनात किया जाता है, फिर उन्हें पैसेंजर, फिर एक्सप्रेस और उसके बाद सुपरफास्ट ट्रेन चलाने की अनुमति मिलती है.

Published at : 17 May 2024 08:46 PM (IST)

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