Doordarshan 90s Gumshuda Talash Kendra Segment Was Worked As Social Media Helpful For Missing Children


नब्बे के दशक में दूरदर्शन का ये शो करता था सोशल मीडिया का काम, यूं मिलाता था बिछड़ों को अपनों से

नब्बे के दशक में दूरदर्शन का ये शो करता था सोशल मीडिया का काम

नई दिल्ली:

फेसबुक या इंस्टाग्राम या किसी भी सोशल मीडिया पर आपने अक्सर ऐसी पोस्ट देखी होगी जिसमें किसी गुमे हुए बच्चे की जानकारी होती है. साथ ही ये रिक्वेस्ट भी कि ये बच्चा कहीं दिखे तो उसे किस एड्रेस पर वापस पहुंचाना है. सोचिए जब ये सोशल मीडिया नहीं हुआ करता था, तब ये काम कैसे होता होगा. जाहिर सी बात है पुलिस के पास तो गुमशुदा होने की शिकायत और रिकॉर्ड दोनों दर्ज होते ही थे. लेकिन कोई ऐसा जरिया था जो गुमशुदा लोगों की जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा सके.

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दूरदर्शन का ये सेगमेंट बना मददगार

उस दौर में दूरदर्शन पर एक सेगमेंट आया करता था. जो आज के दौर के इस सोशल मीडिया की भूमिका निभाता था और इससे कहीं ज्यादा इफेक्टिव भी था. द नाइंटीज इंडिया नाम के इंस्टाग्राम हैंडल ने दूरदर्शन के उस सेगमेंट का एक वीडियो शेयर किया है. जिसमें शुरुआत में एक एंकर नजर आती है जो कहती है कि ये दूरदर्शन का गुमशुदा तलाश केंद्र है. इसके बाद एक एक कर उन लोगों की तस्वीर सामने आती है जो गुम हो चुके हैं. उन तस्वीरों के साथ नाम, उम्र और जगह की जानकारी भी शेयर की जाती थी.

बच्चों को मिला घर

ये सेगमेंट काफी मददगार भी साबित हुआ जिसकी वजह से कुछ बच्चे जो अनजाने में घर से भटक जाते थे वो दोबारा घर पहुंचे. कमेंट सेक्शन में भी एक यूजर ने जानकारी शेयर की कि वो खुद अपना घर भटक गया था. लेकिन एक अंकल ने दूरदर्शन पर गुमशुदा तलाश केंद्र में उनकी तस्वीर देखी, पहचाना और घर पहुंचा दिया. एक यूजर ने लिखा कि उनकी दादी हिंदी नहीं समझती थी. लेकिन जैसे ही ये सेगमेंट आता था वो प्रेयर करने लगती थीं कि सारे बच्चों को उनका घर मिल सके. कुछ यूजर्स इस वीडियो को देखकर ये भी जानना चाह रहे हैं कि जिनकी तस्वीर दिख रही है वो आज कहां हैं.

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