Dress code implemented in Siddhivinayak temple of Mumbai know in which temples of the country the dress code is implemented
देश के कई मंदिरों में भक्तों के लिए ड्रेस कोड लागू है. इसी क्रम में अब मुंबई के लोकप्रिय सिद्धिविनायक मंदिर ने भी अब भक्तों के लिए नए नियम लागू किए हैं. मंदिर प्रशासन ने अब मंदिर आने वाले भक्तों को भारतीय परिधान पहनने की सलाह दी है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में सबसे पहले किस मंदिर ने ड्रेस कोड लागू किया था. आज हम आपको उसके बारे में बताएंगे.
मंदिरों में ड्रेस कोड लागू
मुंबई में स्थित सिद्धिविनायक मंदिर दुनियाभर में फेमस है. इस मंदिर पर अभिनेता-अभिनेत्रियों समेत दुनिया से भक्त दर्शन के लिए आते हैं. लेकिन अब मंदिर प्रशासन ने भक्तों के लिए गाइडलाइंस जारी किया है. नए गाइडलाइंस के मुताबिक मंदिर में आने वाले भक्तों को शालीन और शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनने होंगे. इतना ही नहीं स्कर्ट या रिवीलिंग ड्रेस (खुले कपड़े) पहनकर आने वालों को मंदिर में एंट्री नहीं दी जाएगी. बता दें कि ये नया नियम अगले हफ्ते से लागू होगा.
इन मंदिरों में भी लागू है ड्रेस कोड
बता दें कि इससे पहले दिसंबर 2024 में ही वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में भक्तों के आने के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिया गया था. इसके तहत ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं से छोटे कपड़े, हाफ पैंट और चमड़े की बेल्ट पहनकर दर्शन न करने की अपील की गई थी. उससे पहले पिछले साल ही ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड जारी हुआ था. जगन्नाथ मंदिर में 1 जनवरी 2024 से ड्रेस कोड लागू किया गया था. श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के मुताबिक हाफ पैंट, शॉर्ट्स, फटी जींस, स्कर्ट और स्लीवलेस ड्रेस पहनने वाले भक्तों को मंदिर में एंट्री नहीं है. वहीं मध्य-प्रदेश के उज्जैन में मौजूद 12 ज्योतिर्लिंग में शामिल महाकाल मंदिर के गर्भगृह में एंट्री के लिए श्रद्धालुओं के लिए सितंबर 2023 में ड्रेस कोड लागू किया गया था. वहां नियम के मुताबिक पुरुषों को धोती-सोला और महिलाओं के लिए साड़ी में ही एंट्री दी जाती है.
किस मंदिर में सबसे पहले लागू हुआ था ड्रेस कोड?
अब सवाल ये है कि देश में सबसे पहले किस मंदिर में ड्रेस कोड लागू हुआ था. बता दें कि गुरुवायुर कृष्ण मंदिर में 15 साल पहले से ही ड्रेस कोड लागू है. ये भगवान कृष्ण का मंदिर है, जोकि केरल में स्थित है. इस मंदिर में ड्रेस कोड के मुताबिक पुरुष सिर्फ पारंपरिक लूंगी पहनकर ही भगवान के दर्शन पा सकते हैं. वहीं लूंगी पुरुषों के सीने तक बंधी होनी चाहिए. वहीं महिलाओं को सिर्फ साड़ी या सूट पहनकर ही भगवान के दर्शन करने की अनुमति है.
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