Du convocation 2020: कोरोना असर :दिल्ली विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह इस बार अधर में

Du convocation 2020: कोरोना काल में इस बार दिल्ली विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के आयोजन पर संशय बना हुआ है। हर साल नवंबर में आयोजित होने वाले दीक्षांत समारोह को लेकर इस बार अभी तक तैयारियां तक शुरू नहीं हुई हैं।
डीयू में इस बार 97वां दीक्षांत समारोह आयोजित होना है। लेकिन, समारोह के आयोजन को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन में भी किसी तरह की कोई सुगबुगाहट सुनाई नहीं दे रही है। पहले हर साल अक्तूबर के अंतिम सप्ताह से समारोह की तैयारी में विश्वविद्यालय के शैक्षिक व गैर शैक्षिक कर्मचारियों की टीम इस कार्य में लग जाती थी। लेकिन, इस बार कुलपति प्रो. त्यागी के निलंबन के बाद से इसको लेकर अभी तक कोई टीम नहीं बनाई है जो इसकी देखरेख करे।
अभी तक गठित नहीं हुई कमेटी
दीक्षांत समारोह में विभिन्न विषयों के विश्वविद्यालय टॉपर छात्रों को गोल्ड मेडल व पीएचडी करने वाले शोधार्थियों को डिग्री दी जाती है। आम आदमी पार्टी के शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन के प्रभारी प्रोफेसर हंसराज सुमन के मुताबिक दीक्षांत समारोह से पूर्व कमेटी गठित की जाती है। इसमें स्टेज कमेटी, डिग्री कमेटी, खानपान कमेटी, अतिथि कमेटी, पूर्व छात्रों आदि के लिए कमेटी बनती है। उनका कहना है कि पिछले काफी समय से विश्वविद्यालय में टीचर्स की नियुक्ति व पदोन्नति न होने से शिक्षकों में गहरा असंतोष व्याप्त था। इसलिए कार्यवाहक कुलपति ने इसे प्राथमिकता देते हुए कॉलेजों में प्रमोशन व विभागों में स्थाई नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की है। इन सब कारणों के चलते इस साल समारोह की ओर डीयू प्रशासन का ध्यान नहीं गया। उनका कहना है कि यह पहला मौका है जब दीक्षांत समारोह में देरी हो रही है। अभी तक किसी तरह की कोई सूचना पीएचडी डिग्री संबंधी नहीं मिली है।
जल्द गठित करने की मांग
प्रो. हंसराज सुमन ने कहा कि जिन शोधार्थियों को डिग्री दी जानी है उन्हें सूचना देना, सूचना के बाद उसकी डिग्री लेने की दो बार रिहर्सल कराना। उन्हें गाउन व डिग्री संबंधी सामान उपलब्ध कराना होता है। इस प्रक्रिया से गुजरने के बाद ही समारोह में किसी विशिष्ठ अतिथि द्वारा डिग्री दी जाती है। प्रोफेसर सुमन ने कार्यवाहक कुलपति से मांग की है कि 97वें दीक्षांत समारोह के लिए जल्द ही कमेटी गठित की जाए और दिसंबर माह में दिल्ली विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह मनाया जाए। ताकि इस वर्ष के टॉपर व पीएचडी किए शोधार्थियों को डिग्री मिल सके।

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