Early childhood education increasing read the full ASER report Explainer by Dr Rukmini Banerji


अर्ली चाइल्डहुड केयर एजुकेशन को लेकर कई महत्वपूर्ण सुझाव सरकार को भेजे गए हैं. इसमें बच्चों को स्कूल में कब एनरोल होना चाहिए उसकी उम्र भी बताई गई है. ये खुलासा ASER में हुआ है. 2005 से, एनजीओ ‘प्रथम’ ने हर साल ‘ऐन्यूअल एजुकेशन स्टेटस रिपोर्ट’ (ASER) जारी की है, जिसका उद्देश्य स्कूल के बच्चों के बीच बुनियादी पढ़ाई और अरिथमेटिक लेवल, स्कूल में अटेंडेंस और अन्य महत्वपूर्ण मानकों को मापना है. इस डेटा से एजुकेशन के विभिन्न पहलुओं में बदलाव के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई है. इसको लेकर विस्तार से प्रथम की सीईओ डॉ. रुक्मिणी बनर्जी ने विस्तार से इस रिपोर्ट को इक्स्प्लेन किया है. 

2024 सर्वेक्षण की मुख्य बातें  

2024 का सर्वेक्षण 17,997 गांवों और 605 ग्रामीण जिलों में 6,49,491 बच्चों तक पहुंचा. इसने प्री-प्राइमरी एज ग्रुप (3 से 5 साल) के बच्चों के लिए शिक्षा में महत्वपूर्ण सुधार दिखाए. इसके अलावा, कोविड-19 महामारी के दौरान हुए शिक्षा के नुकसान के बाद पढ़ाई और अरिथमेटिक में काफी सुधार हुआ है. यह सर्वेक्षण पहली बार डिजिटल साक्षरता की जानकारी भी शामिल करता है, खासकर 15 और 16 साल के बच्चों के लिए.

2024 में शिक्षा का ये रहा है स्तर
  
क्लास 1 से 3 के बच्चों में 2022 की ASER रिपोर्ट के मुकाबले पढ़ाई और अरिथमेटिक में बहुत सुधार दिखा है. वहीं, 3 से 6 साल के बच्चों के लिए दो प्रमुख बदलाव सामने आए हैं. पहले, 2018 से 2024 तक प्री-स्कूल शिक्षा में बढ़ोतरी हुई है, और 2024 में 3 साल के ग्रामीण बच्चों का 77.4% किसी न किसी प्रारंभिक शिक्षा कार्यक्रम में एनरोल है, जो एक बड़ी उपलब्धि है.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के बाद बदलाव  

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) ने 3 से 6 साल के बच्चों को शिक्षा के बड़े ढांचे में शामिल किया. NEP का उद्देश्य बुनियादी साक्षरता और अरिथमेटिक (FLN) को प्राथमिकता देना है. फाउंडेशनल लिटरेसी ऐंड न्यूमेरेसी (FLN) का मतलब है, पढ़ने, लिखने, और गणित में बुनियादी कौशल है. 2021 में शुरू हुई NIPUN भारत योजना का उद्देश्य कक्षा 3 तक FLN प्राप्त करना है. सर्वेक्षण में यह पाया गया कि 83% स्कूलों ने FLN गतिविधियों को लागू करने के लिए सरकारी निर्देश प्राप्त किए हैं, और 75% स्कूलों को इसके लिए जरूरी शैक्षिक सामग्री मिली है.

अर्ली चाइल्डहुड केयर एजुकेशन पर हो ज्यादा ध्यान  

NEP के अनुसार, कक्षा 1 में नामांकन 6 साल की उम्र में होना चाहिए, क्योंकि अगर बच्चा बहुत जल्दी स्कूल जाने लगे तो यह काउन्टर प्रोडक्टिविटी हो सकता है. ECCE पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, ताकि बच्चों को कक्षा 1 में प्रवेश से पहले की तीन वर्षों की तैयारी मिल सके. अधिकांश 3 से 5 साल के बच्चे आंगनवाड़ी में जाते हैं, और कई राज्य अब आंगनवाड़ी कर्मचारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है. 

15-16 साल के बच्चों के बारे में क्या पाया गया?  

2024 के सर्वेक्षण के अनुसार, 15-16 साल के बच्चों के बीच स्कूल में एनरोल न होने का प्रतिशत घटकर 7% रह गया है. डिजिटल साक्षरता के मामले में, 90% से अधिक ग्रामीण किशोरों के पास स्मार्टफोन की पहुंच है. बच्चों को ऑनलाइन जानकारी खोजने या अलार्म सेट करने जैसी गतिविधियों पर भी परीक्षण किया गया. हालांकि, कुछ क्षेत्रों में लड़कियों और लड़कों के बीच डिजिटल कौशल में अंतर दिखाई दिया.

ECCE के लिए भविष्य की दिशा  

अर्ली चाइल्डहुड केयर एजुकेशन (ECCE) की गुणवत्ता प्राप्त करने के लिए सबसे पहले वर्तमान वास्तविकताओं को समझना जरूरी है. इसके लिए अधिक विस्तृत और लगातार डेटा कलेक्शन की आवश्यकता है. साथ ही, शिक्षा बजट में भी परिवर्तन करने की आवश्यकता है, ताकि ECCE के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित शिक्षकों को भर्ती और प्रशिक्षित किया जा सके. 

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