Earthquake In Delhi Know Why Delhi Feels Earthquake Again And Again Read Here Reason Behind This
रविवार सुबह दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किए गए और इस भूकंप का ज्यादा असर नेपाल में देखने को मिला. पिछले कुछ दिनों में कई बार दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. इन दिनों के अलावा भी आए दिन दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस होते रहते हैं. कभी आपने सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों होता है और बार-बार दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस होते हैं. तो जानते हैं कि दिल्ली-एनसीआर में भूकंप आने की क्या वजह है…
दिल्ली में क्या है भूकंप का कारण?
दिल्ली समेत नॉर्थ भारत को भूकंप के लिए प्रोन एरिया माना जाता है यानी भूकंप के झटके ज्यादा महसूस किए जाते हैं. ज्योग्राफी कंडीशन के हिसाब से इस क्षेत्र में भूकंप ज्यादा आता है. दरअसल, भारत के नॉर्थ में हिमाचल सबसे ऊंचा पर्वत और इसका निर्माण ये कुछ नेपाली प्लेट्स की वजह से हुआ है. ये दो विशाल टेक्टोनिक प्लेटों की सीमा पर है, जिस वजह से इसके आस पास के क्षेत्र में भूकंप का डर ज्यादा रहता है और आए दिन भूकपं के झटके महसूस होते हैं.
इन प्लेट्स के आधार पर भारत के राज्यों को भूंकप की संभावना के आधार पर अलग अलग जोन में बांटा गया है. भारत में 60 फीसदी भूमि को अलग अलग भूकंप संभावना के हिसाब से बांटा है. इन जोन में जोन V सबसे अधिक सक्रिय है और जोन II सबसे कम सक्रिय है. यानी जोन फाइव में वो इलाके आते हैं, जहां ज्यादा भूकंप आते हैं. वहीं, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र को इस क्षेत्र में ही शामिल किया गया है, इसका मतलब है कि हिमालय और ज्योग्राफी परिस्थितियों को देखते हुए यहां भूकंप का डर रहता है.
अफगानिस्तान में भी क्यों आता रहता है भूकंप?
एक्सपर्ट्स के अनुसार, भूगोल के हिसाब से अल्पाइड बेल्ट में स्थित होने की वजह से अफगानिस्तान विशेष रूप से भूकंप के प्रति संवेदनशील है, जो प्रशांत रिंग ऑफ फायर के बाद दुनिया का दूसरा सबसे भूकंपीय सक्रिय क्षेत्र है. इसी क्षेत्र में ही हिंदूकुश क्षेत्र आता है, जिसका कनेक्शन अटलांटिक से है. ये ही कारण है कि कई भूकंप का केंद्र हिंदूकुश ही होता है और भारतीय और यूरेशियन प्लेटों के बीच की सीमा पाकिस्तान के साथ अफगानिस्तान की सीमा के पास मौजूद है. इस वजह से इन इलाकों में भूकंप आता रहता है.
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