economic Survey report says dropout rate decreasing in 70 percent Government schools in the country
Economic Survey Report: दिल्ली, नोएडा, बेंगलुरू जैसे बड़े शहरों में भले ही प्राइवेट स्कूलों की संख्या में इजाफा हो रहा हो, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों की तरफ लोगों का भरोसा बढ़ रहा है. आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़ों के मुताबिक, देश के 70 प्रतिशत स्कूल आज भी सरकारी हैं, जिनमें कुल छात्रों में 50 फीसदी शिक्षा ग्रहण करते हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के आंकड़े जारी किए. इसमें बताया गया कि स्कूली शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत देश के 14.72 लाख स्कूलों में 98 लाख शिक्षक 24.8 करोड़ छात्रों को शिक्षा प्रदान करते हैं। आंकड़ों में बताया गया है कि 69 प्रतिशत विद्यालय सरकारी हैं, जिनमें 50 प्रतिशत विद्यार्थी नामांकित हैं और 51 प्रतिशत शिक्षक कार्यरत हैं। वहीं, 22.5 प्रतिशत निजी विद्यालयों में 32.6 प्रतिशत छात्र नामांकित हैं जहां 38 प्रतिशत शिक्षक कार्यरत हैं।
2030 तक 100% नामांकन का लक्ष्य
आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 का लक्ष्य 2030 तक स्कूलों में छात्रों का 100 प्रतिशत सकल नामांकन अनुपात (GER) हासिल करना है। रिपोर्ट में बताया गया है कि प्राथमिक स्तर पर 93% जीईआर है। माध्यमिक स्तर पर यह अनुपात 77.4% और उच्चतर माध्यमिक स्तर पर 56.2 प्रतिशत है। इस अंतर को खत्म करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.रिपोर्ट में कहा गया है कि कि हाल के वर्षों में स्कूली शिक्षा अधूरी छोड़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या में गिरावट आई है। प्राथमिक स्तर पर 1.9 प्रतिशत छात्रों ने स्कूली शिक्षा अधूरी छोड़ी. उच्च प्राथमिक स्तर पर 5.2 प्रतिशत और माध्यमिक स्तर पर यह 14.1 प्रतिशत है।
कम्प्यूटर की सुविधा वाले स्कूलों की संख्या भी बढ़ी
यूडीआईएसई 2023-24 की रिपोर्ट के हवाले से बताया गया है कि देश में कम्प्यूटर की सुविधा वाले विद्यालयों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है. 2019-20 के 38.5 प्रतिशत से बढ़कर यह 57.2 प्रतिशत हो गई। इसके साथ ही इंटरनेट की सुविधा वाले विद्यालयों की संख्या भी बढ़ी है, जो 2019-20 में 22.3 फीसदी से बढ़कर 53.9 पहुंच गई है. आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, समग्र शिक्षा अभियान और इसके तहत शुरू की गई ‘निष्ठा’, ‘विद्या प्रवेश’, ‘जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट)’, ‘कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी)’ जैसी पहलों के माध्यम से एनईपी 2020 के उद्देश्यों को प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है.
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