NEP 2020: नई शिक्षा नीति में आरक्षण खत्म होने के सवाल का शिक्षा मंत्री ने दिए ये जवाब, पढ़ें डिटेल

NEP 2020: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी व दिव्यांग श्रेणियों के आरक्षण नियमों को लेकर शिक्षा मंत्रालय ने बयान जारी किया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने उस पत्र का जवाब दिया है, जो सीपीआई-एम के महासचिव सीताराम येचुरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हाल ही में भेजा था। प्रधानमंत्री को भेजे गए अपने पत्र के माध्यम से सीताराम येचुरी ने सवाल उठाया था कि नई शिक्षा नीति में दाखिले या टीचिंग व नॉन-टीचिंग रिक्रूटमेंट में आरक्षण नीतियों का कहीं जिक्र नहीं किया गया है। क्या सरकार नई शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से आरक्षण खत्म करना चाहती है?

अब केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने एक पत्र के द्वारा सीताराम येचुरी के प्रश्नों का जवाब दिया है। शिक्षा मंत्री ने अपने जवाब में लिखा है कि नई शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी मिलने के बाद से जेईई, नीट, यूजीसी नेट, इग्नू आदि कई परीक्षाएं आयोजित हो चुकी हैं। कई शैक्षणिक संस्थानों में भर्ती प्रक्रियाएं भी हुईं। लेकिन, हमें कहीं से भी आरक्षण नियमों के भंग होने की किसी प्रकार की शिकायत नहीं मिली है। ऐसे में, एनईपी की घोषणा के चार से पांच महीने बीत जाने के बाद बिना किसी तथ्य के आधार पर इस तरह का सवाल उठाना फिजूल है।

शिक्षा मंत्री ने आगे लिखा कि मैं फिर से बताना चाहूंगा कि अनुसूचित जाति/जनजाति, ओबीसी, दिव्यांग वर्ग और अन्य सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को शिक्षा से जोड़ने के लिए जो भी सफल नीतियां व कार्यक्रम चलाए रहे हैं, वे पहले की तरह जारी रहेंगे। मैं यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि इस संबंध में किसी भी तरह की शिकायत मिलने पर शिक्षा मंत्रालय हर प्रकार से उचित कार्रवाई करेगा। रमेश पोखरियाल ने लिखा है कि आरक्षण खत्म करने के दावों के उलट नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पिछड़े वर्गों को शिक्षा से जोड़ने पर विशेष जोर दिया गया है। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत सोशियो-इकोनॉमिक डिप्राइव्ड ग्रुप्स (SEDG) नाम का एक क्लस्टर बनाया गया है। जिसके तहत पिछड़े वर्गों को शिक्षा से जोड़ने के लिए नई मुहिम व योजनाएं लागू की जाएंगी।

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