Education News What is the salary of the District Magistrate and how is it appraised
District Magistrate (DM) या फिर जिलाधिकारी एक आईएएस अफसर होता है जो पूरे जिले के लिए जिम्मेदार होता है. एक जिले में डीएम से बड़ा कोई प्रशासनिक अधिकारी नहीं होता है, जब तक की वो जिला संभाग मुख्यालय ना हो. इस पद को पाने के लिए यूपीएससी की सिविल परीक्षा जैसे कठिन रास्ते को पार करना होता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि एक डीएम यानी कलेक्टर का वेतन कितना होता है? अगर नहीं पता तो आज हम आपको कलेक्टर के वेतन से लेकर उसके अप्रेजल तक की सारी जानकारी विस्तार से देंगे. जिससे बाकी लोग जो इस पद को पाना चाहते हैं उन्हें और ज्यादा मोटिवेट किया जा सके.
कौन होता है डीएम
डीएम भारत सरकार का एक प्रशासनिक पद है जो जिला स्तर से शुरू होता है और बढ़ते हुए आगे जाकर मंत्रालय के सचिव और फिर प्रधानमंत्री तक के सचिव बनने तक जाता है. लेकिन अगर बात करें किसी जिले के डीएम की तो उसके अंडर में काफी सारी जिम्मेदारियां होती है जिनका निर्वहन करते हुए उसे कई सारे अनुभव मिलते हैं. इसके लिए एक डीएम को सरकार की तरफ से मोटा वेतन और बाकी भत्ते भी दिए जाते हैं. एक आईएएस अधिकारी को वैसे तो ट्रैनिंग के दौरान ही 50 हजार रुपये का मासिक वेतन मिलने लग जाता है. लेकिन जब वो आगे चलकर किसी जिले का डीएम बनता है तो यह वेतन 1 लाख से 1.25 लाख रुपये तक हो सकता है.
इतना मिलता है वेतन
आपको बता दें कि किसी जिले के जिला मजिस्ट्रेट (DM) का वेतन उनके पद, अनुभव और वेतन आयोग की सिफारिशों पर निर्भर करता है. डीएम आमतौर पर IAS अधिकारी होते हैं, और उनका वेतन 7वें वेतन आयोग के अनुसार निर्धारित होता है. हालांकि अब सरकार 8 वें वेतन आयोग को लागू करने जा रही है. डीएम की बेसिक सैलरी 56,100 रुपये से 2,50,000 रुपये प्रति माह होती है. इसमें ग्रेड पे 16,500 होता है जो प्रारंभिक स्तर पर होता है. इसके अलावा महंगाई भत्ता, हाउस रेंट अलाउंस, यातायात भत्ता जिसमें वाहन, ड्राइवर आदि की सुविधा दी जाती है. इसके अलावा मेडिकल भत्ता वगैरह भी सरकार आईएएस अधिकारी को मुहैया कराती है.
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ऐसे मिलता है प्रमोशन और अप्रैजल
जहां तक बात है अप्रैजल की तो IAS अधिकारी जब जिला कलेक्टर (DM) बनते हैं, तो वे लेवल 11 पर या उससे ऊपर होते हैं. जिसके बाद हर 5-10 साल में प्रमोशन होता है और वेतन भी बढ़ता है.सर्विस रिकॉर्ड, प्रदर्शन, केंद्र या फिर राज्य सरकार की अप्रेजल रिपोर्ट के आधार पर वे कमिश्नर, सचिव, चीफ सेक्रेटरी जैसे उच्च पदों पर प्रमोट होते हैं. जिसके बाद उनका वेतन 2 लाख 50 हजार रुपये प्रतिमाह तक जाता है.
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