Election 2024 Opposition Grand Rally In Patna Nitish Kumar Saamana Reacll Jp Movement | Patna Rally: ‘2024 में मोदी झोला टांग चल देंगे’, पटना रैली का सामना ने बताया प्लान, कहा
Patna Opposition Rally: आज 23 जून में पटना में विपक्षी दलों की महारैली होने जा रही है, जिसमें मोदी विरोधी खेमा अपना शक्ति प्रदर्शन करेगा. इस बैठक में पीएम मोदी को 2024 में सत्ता से हटाने पर विपक्षी दलों के बीच सिंगल प्वाइंट पर एजेंडे पर सहमति बनाने की कोशिश होगी. रैली से पहले शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) ने सामना में संपादकीय लिखकर कहा है कि पटना वही भूमि है, जहां से जेपी के आंदोलन की शुरुआत हुई और कांग्रेस के मजबूत किले को ध्वस्त कर दिया था.
संपादकीय में कहा गया है कि एक बार फिर पटना से शुरुआत हो रही है, जो अच्छा है. शिवसेना (यूबीटी) ने चिंता जताई है कि अगर 2024 में फिर से मोदी आते हैं, तो लोकतंत्र नहीं बचेगा. सामना में लिखा गया है कि बीजेपी के विरोधी पटना में एकत्रित होंगे, ऐसा कहना गलत होगा. लोकतंत्र, संविधान की रक्षा के लिए देशभक्त दल एक साथ आ रहे हैं, ऐसा कहना ही तार्किक होगा.
पटना की जमीन एकदम सही जगह- सामना
सामना में कहा गया है कि वर्ष 1975 में इसी पटना की भूमि से जयप्रकाश नारायण ने दूसरी आजादी व क्रांति का नारा दिया था और देश में क्रांति की ज्वाला भड़की थी. कांग्रेस के विरोध में उसी समय सभी राजनीतिक दल एकजुट हुए और एक-दूसरे में विलीन हुए थे. उस एकजुटता से इंदिरा गांधी की भी पराजय हुई थी. उस क्रांति की चिंगारी पटना से भड़की इसलिए देशभक्त दलों की आज पहली बैठक के लिए पटना की भूमि का चुनाव उचित ही है.
2024 का चुनाव देश का आखिरी चुनाव होगा- सामना
सामना में उद्धव ठाकरे गुट ने केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा गया है कि बीजेपी शामिल होने वाले भ्रष्टाचारियों, गुनहगारों को अभयदान मिल रहा है. यही तानाशाही के कदम हैं. ऐसे ही जारी रहा तो 2024 का लोकसभा चुनाव देश का आखिरी चुनाव साबित होगा और इस देश में लोकतंत्र था, इस पर भावी पीढ़ी सिर्फ शोध करती रहेगी. आज होने वाला पटना का ये ‘मेला’ देश बचाओ आंदोलन है.
इसमें कहा गया है कि कम से 450 सीटों पर एक के खिलाफ एक (बीजेपी के खिलाफ विपक्ष का एक उम्मीदवार) का मुकाबला होगा और इस लड़ाई में बीजेपी की पराजय होगी. मोदी कितना भी नाटकीय प्रयोग कर लें, उनकी पराजय होगी. इस देश के कई राज्यों ने ये दिखा दिया है.
कानून, संविधान, न्यायपालिका की परवाह किए बगैर सत्ता हासिल करनेवालों का राज खत्म करने को लेकर पटना की बैठक में थोड़ा चिंतन-मंथन हुआ और मुठ्ठी तानी तो 2024 में मोदी को ‘झोला’ कंधे पर टांग कर जाना ही पड़ेगा. पटना में इसीलिए एकजुटता का नारा देना है.
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