Election 2024 where do the crores of rupees seized during elections go


Seized Cash And Liquor:  इन दिनों महाराष्ट्र और झारखंड में चुनावी माहौल गर्म है. हर पार्टी जीतने के लिए अपना पूरा जोर लगा रही है. महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की वोटिंग से एक दिन पहले मंगलवार, 19 नवंबर को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े पर पैसे बांटने का आरोप लगा. विरार के होटल में चुनाव आयोग के अफसरों ने तावड़े के कमरे से 9 लाख रुपये और कागजात बरामद किए हैं. हालांकि इसके इतर भी चुनावों के दौरान काले धन की जब्ती की खबरें आती रहती हैं. ऐसे में सवाल ये उठता है कि चुनाव के दौरान जब्त हुए करोड़ों रुपये आखिर जाते कहां हैं? चलिए इसका जवाब जान लेते हैं.

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चुनाव के दौरान जब्त होने वाले पैसे

चुनाव के दौरान, खासकर भारतीय चुनावों में, बड़ी मात्रा में कैश जब्त किया जाता है. यह पैसे अलग-अलग रूपों में हो सकते हैं. जैसे कि नकद, सोनेचांदी की ज्वैलरी, शराब और नकली नोट. चुनावी प्रक्रिया में यह सब सामान आमतौर पर वोटरों को प्रभावित करने या राजनैतिक पार्टियों के लिए चुनावी खर्च के तौर पर इस्तेमाल किए जाते हैं.

चुनाव आयोग और अन्य संबंधित एजेंसियां चुनाव में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए बहुत सख्त होती हैं. वो यह सुनिश्चित करते हैं कि चुनावी प्रक्रिया को धन के अवैध इस्तेमाल से बचाया जा सके. इसीलिए, चुनाव के दौरान अलग-अलग एजेंसियां जैसे आयकर विभाग, एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED), सीबीआई, राज्य पुलिस आदि चुनावी प्रक्रिया के दौरान लगातार निगरानी रखते हैं. वो अवैध तरीके से खर्च किए जा रहे पैसे और अन्य वस्तुओं को जब्त करते हैं. चुनाव में अवैध धन का इस्तेमाल खासकर रिश्वत देने, धन की लूट-खसोट, और मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए किया जाता है. इसीलिए चुनाव आयोग और अन्य विभाग इन पैसों को जब्त करके चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाए रखने की कोशिश करते हैं.

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चुनाव के दौरान जब्त हुए पैसों का क्या होता है?

चुनाव के दौरान पुलिस द्वारा जब्त किया गया कैश या नगदी आयकर विभाग को सौंप दी जाती है. यदि किसी व्यक्ति से कैश जब्त किया जाता है, तो वह बाद में इसे वापस पाने के लिए दावा कर सकता है. इसके लिए उसे यह साबित करना होता है कि पैसा उसका है और इसे अवैध तरीके से नहीं कमाया गया है. इसके लिए उसे उचित दस्तावेज और सबूत पेश करने होंगे, जैसे एटीएम ट्रांजैक्शन, बैंक की रसीद या पासबुक में एंट्री. अगर जब्त किए गए पैसे पर कोई दावा नहीं करता है, तो यह राशि सरकारी खजाने में जमा कर दी जाती है.

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