Election Commissions Advisory, Political Parties Should Stop Collecting Information About Voters Under The Guise Of Survey – चुनाव आयोग की एडवाइजरी, सर्वे की आड़ में वोटर्स की जानकारी लेना बंद करें राजनीतिक दल


चुनाव आयोग की एडवाइजरी, सर्वे की आड़ में वोटर्स की जानकारी लेना बंद करें राजनीतिक दल

चुनाव आयोग की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है.

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव लड़ रहे राजनीतिक दलों को चुनाव आयोग ने एक एडवाइजरी जारी की है. आयोग ने जारी अपनी एडवाइजरी में सख्त हिदायत दी है कि वो सर्वे के नाम पर मतदाताओं से चुनाव के बाद फायदे वाले स्कीम से जुड़ा पंजीकरण कराना बंद करें. आयोग का मानना है कि ऐसे सर्वे से वोटिंग प्रभावित होती है. चुनाव आयोग ने कहा है कि इस तरह की गतिविधियों को गंभीरता से लिया गया है. पार्टियां और उम्मीदवार सर्वे की आड़ में मतदाताओं का विवरण मांग रहे हैं. इसे तुरंत बंद कर देना चाहिए.

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आयोग ने कहा कि इसके जरिए मतदाताओं को पंजीकरण के लिए आमंत्रित किया जाता है, जो एक तरह से प्रलोभन है. ऐसे मामले में चुनाव आयोग ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. चुनाव आयोग की ओर से जारी एडवाइजरी में जिन गतिविधियों को तुरंत बंद करने का निर्देश दिया गया है, उनमें ये गतिविधियां शामिल हैं :

  • समाचार पत्रों में विज्ञापन के जरिए वोटर्स को मोबाइल पर मिस्ड कॉल देकर या टेलीफोन नंबर पर कॉल कर लाभ के लिए खुद को पंजीकृत करने के लिए कहना,
  • गारंटी कार्डों के लिए पैम्फलेट द्वारा व्यक्तिगत लाभ चाहने वालों से उनका विवरण जैसे नाम, उम्र, पता, मोबाइल नंबर, बूथ संख्या, निर्वाचन क्षेत्र का नाम और संख्या आदि मांगना,
  • मतदाताओं की जानकारी जैसे नाम, राशन कार्ड नंबर, पता, फोन नंबर, बूथ नंबर, बैंक खाता नंबर, मांगने वाले फॉर्म का वितरण कराना,
  • वेब प्लेटफॉर्म या वेब/मोबाइल एप्लिकेशन का प्रचार या प्रसार का इस्तेमाल राजनीतिक दलों/उम्मीदवारों द्वारा करना और इसके जरिए मतदाताओं का विवरण जैसे नाम, पता, फोन नंबर, बूथ नंबर, निर्वाचन क्षेत्र का नाम और नंबर आदि मांगा जाना,
  • लोगों से उन्हें मिल रही लाभकारी योजनाओं के साथ-साथ नाम, पति/पिता का नाम, संपर्क नंबर, पता आदि के बारे में जानकारी जुटाना.



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