Encounter Between Security Forces And Militants In Manipur – मणिपुर में सुरक्षा बलों और उग्रवादियों के बीच मुठभेड़
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प्रतीकात्मक तस्वीर
मणिपुर के विभिन्न हिस्सों से शुक्रवार को उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ की घटनाएं सामने आईं. यह घटना केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के जातीय संघर्ष से प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य के दौरे के एक दिन बाद हुई हैं. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार सुबह बिष्णुपुर जिले के चांदोलपोकपी, तांगजेंग, पोम्बिखोक और कामसन गांवों में उग्रवादियों ने सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ की.
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उग्रवादियों के हमले के बाद स्थानीय लोगों को तांगजेंग गांव छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. चुराचांदपुर जिले के बेथेल गांव में भी घरों को आग लगा दी गई. हालांकि, इन घटनाओं में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. मणिपुर में कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार होने पर 5 जिलों से कर्फ्यू खत्म कर दिया गया और अन्य जगहों पर लोगों को कर्फ्यू से ढील दी गई. लोगों को आवश्यक वस्तुओं की खरीद और कार्यालय के कार्यों के अलावा किसी अन्य उद्देश्य के लिए इकट्ठा होने की अनुमति नहीं होगी.
मणिपुर में हिंसा के बाद शांति कायम करने की कोशिशों का बड़ा असर हुआ है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की अपील के बाद प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर एक जून को हथियार सरेंडर किए गए हैं. गृह मंत्री ने अपील की थी कि जिनके पास भी हथियार हैं वो खुद ही आकर पुलिस को सौंप दें नहीं तो राज्य में हथियारों की जब्ती के लिए पुलिस जांच अभियान चलाएगी.
मणिपुर में ‘जनजातीय एकता मार्च’ के बाद जातीय हिंसा भड़क उठी थी. अनुसूचित जाति (एसटी) के दर्जे की मांग को लेकर मेइती समुदाय ने तीन मई को प्रदर्शन किया था जिसके बाद ‘जनजातीय एकता मार्च’ का आयोजन किया गया था. मणिपुर करीब एक महीने से जातीय हिंसा से प्रभावित है और राज्य में इस दौरान झड़पों में इजाफा देखा गया है. कुछ सप्ताह की खामोशी के बाद पिछले रविवार को सुरक्षा बलों एवं उग्रवादियों के बीच गोलीबारी भी हुई.
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