Engineer From Bihar Built A Floating House, Bricks Made From Cow Dung Have Been Used In It. – बिहार का ये गोबर की ईंट से बना इको फ्रेंडली फ्लोटिंग हाउस है चर्चा में, जानें कितनी लगी लागत


बिहार का ये गोबर की ईंट से बना इको फ्रेंडली

इसमें गाय की गोबर से बने ईंट, फूस, मिट्टी और बांस का इस्तेमाल किया गया है.

Floating House:  बिहार के आरा के रहने वाले एक युवा इंजीनियर ने पानी के ऊपर तैरता हुआ अनोखा घर बनाकर पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल पेश कर दिया है. यह घर जलवायु परिवर्तन के हिसाब से बनाया गया है. यह फ्लोटिंग हाऊस आरा मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर दूर महुली गंगा नदी के ऊपर निर्मल धारा में बहता हुआ दिखाई दे रहा है.

इस घर को इंजीनियर प्रशांत कुमार और उनकी टीम ने बनाया है. इसका मक़सद ईको टूरिज्म को बढ़ावा देना है. इंजीनियर प्रशांत कुमार की मानें तो तकरीबन 6 लाख की लागत से इस घर का निर्माण किया गया है. जिसमें गाय की गोबर से बने ईंट, फूस, मिट्टी, चुना और बांस के बल्ले जैसे कई प्राकृतिक सामाग्रियों का इस्तेमाल किया गया है. जबकि घर के अंदर का फ्रेम लोहे से बनाया गया है.

इस फ्लोटिंग हाउस में दो कमरे हैं. इसमें एक किचन भी है, टॉयलेट के साथ-साथ आंगन भी मौजूद है. इस घर में 6-7 लोग बहुत ही आराम से रह सकते हैं.

इस फ्लोटिंग हाऊस को कहीं भी खींच कल लाया और ले जाया जा सकता है. इस घर को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आ रहे हैं. कई सोशल मीडिया इंन्फ्लुएंशर इस घर के साथ सेल्फी ले रहे हैं. साथ ही साथ कई लोग रील्स भी बना रहे हैं.

घर बनाने का क्या है मक़सद?

प्रशांत कुमार ने बताया कि इस घर को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए बनाया गया है. बाढ़ के दौरान लोगों को आसरा मिल जाए इसलिए फ्लोटिंग हाऊस का निर्माण किया गया है. प्रशांत ने बताया है कि टूरिज्म को बढ़ाने के मकसद से भी इसका निर्माण किया गया है. इसके संबंध में स्थानीय अधिकारियों से बातचीत हो रही है.

मौसम के हिसाब से बना है ये घर

मौसम परिवर्तन को ध्यान में रखकर इस घर की बनावट की गई है. प्रशांत कुमार ने दावा किया है कि इस घर को मौसम के हिसाब से बनाया गा है. गर्मी में लोगों को यह घर ठंडा रखेगा, वहीं सर्दी में कमरा गर्म रहेगा.



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