European Space Agency said that 2024 YR4 asteroid is in danger know how to measure the size of asteroids moving in space


अंतरिक्ष की दुनिया रहस्यों से भरी है, ये बात तो हम सभी जानते हैं. इन्हीं रहस्यों को सुलझाने के लिए वैज्ञानिक लगातार काम भी कर रहे हैं. लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि वैज्ञानिक स्पेस में घूमने वाले एस्टेरॉयड का साइज कैसे नापते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि इसकी रफ्तार मापने के लिए किस यंत्र का इस्तेमाल किया जाता है. 

 धरती पर बढ़ रहा संकट

बता दें कि यूरोपीय स्पेस एजेंसी के मुताबिक वैज्ञानिकों ने एक ऐसा एस्टेरॉयड खोजा है, जिसके पृथ्वी से टकराने का खतरा है. इस एस्टेरॉयड का नाम 2024 YR4 है. 22 दिसंबर 2032 को इसके हमारे ग्रह से टकराने की 2.2 फीसदी संभावना है. वहीं नए आकलन के बाद इसका जोखिम 1.2 फीसदी बढ़ गया है. इसको लेकर खगोलविदों को डर है कि जैसे-जैसे अवलोकन साझा किया जाएगा, वैसे-वैसे खतरे का प्रतिशत भी बढ़ सकता है. 

एस्टेरॉयड को लेकर रिसर्च जारी

गौरतलब है कि इससे पहले जब एस्टेरॉयड एपोफिस को 2004 में जब खोजा गया था, तो इसके पृथ्वी से टकराने की सबसे ज्यादा संभावना थी. लेकिन 2021 में वैज्ञानिकों ने कक्षा के सटीक विश्लेषण के बाद अपनी राय को संशोधित किया था. बता दें कि खगोलविद 2024 YR4 का जितना ज्यादा निरीक्षण करेंगे, वे इसके आकार और ट्रैजेक्टरी के बारे में जानकारी अपडेट करते रहेंगे. इसको लेकर स्पेस एजेंसी ने भी कहा है कि जितना ज्यादा हम अवलोकन करते हैं, उतना ही ज्यादा हम एस्टेरॉयड की ट्रैजेक्टरी को समझ सकते हैं. वैज्ञानिकों ने कहा कि इससे हम यह समझ पाएंगे कि एस्टेरॉयड के पृथ्वी से टकराने या दूर होने की कितनी संभावना कितनी है.

कैसे नापी जाती है एस्टेरॉयड की रफ्तार?  

अब सवाल ये है कि वैज्ञानिक आखिर कैसे किसी एस्टेरॉयड की रफ्तार मापते हैं. आज हम आपको उसके बारे में बताएंगे. बता दें कि वैज्ञानिक कोणीय वेग का इस्तेमाल किसी वस्तु की गति को समझने और उसका अभिकेन्द्रीय त्वरण निकालने में किया जाता है. बता दें कि कोणीय वेग, घूमने वाली किसी वस्तु की स्थिति में बदलाव की दर को कहते हैं. इसे रेडियन प्रति सेकंड में मापा जाता है.

एस्टेरॉयड से मच सकती है तबाही?

कई बार ये सवाल सामने आता है कि क्या धरती पर एस्टेरॉयड से तबाही मच सकती है? इसका जवाब है हां. बता दें कि साल 1908 में साइबेरिया के तुंगुस्का नदी क्षेत्र में 30 मीटर चौड़ा एस्टेरॉयड गिरा था, जिससे 2,150 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का जंगल तबाह हो गया था. वहीं साल 2013 में रूस के चेल्याबिंस्क में 20 मीटर चौड़ा एस्टेरॉयड वायुमंडल में विस्फोट हुआ था. इससे 1,000 से ज्यादा लोग घायल हुए और 7,000 इमारतें तबाह हुई हैं. एस्टेरॉयड के खतरों से निपटने के लिए कई तरह के सिस्टम तैयार किये गये हैं. 

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