Evacuate Dont Wait Kejriwal Warns People As Yamuna River Swelled To Record-breaking Level – इंतजार न करें, जल्द खाली कर दें घर: निचले इलाकों में रहने वाले लोगों से केजरीवाल की अपील

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0c17h95g yamuna Evacuate Dont Wait Kejriwal Warns People As Yamuna River Swelled To Record-breaking Level - इंतजार न करें, जल्द खाली कर दें घर: निचले इलाकों में रहने वाले लोगों से केजरीवाल की अपील

इमरजेंसी मीटिंग के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ” यमुना के पास निचले इलाकों में रहने वाले लोगों से मेरी गुजारिश है. यमुना का पानी लगातार बढ़ रहा है. आप पानी और बढ़ने का इंतजार न करें. जितनी जल्दी हो घर खाली कर दें.” 

दिल्ली में हिमाचल और हरियाणा से आ रहा पानी

केजरीवाल ने कहा, “यमुना का जलस्तर 207.71 मीटर तक पहुंच चुका है, जो एक रिकॉर्ड है. दिल्ली में पिछले दो-तीन दिनों से बारिश नहीं हो रही है. यहां पानी हिमाचल प्रदेश और हरियाणा से आ रहा है. मैंने इस बारे में गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी है. उनसे आग्रह किया है कि दिल्ली आने वाले पानी का स्तर कम किया जाए. मैं निचले इलाके में रह रहे सभी लोगों से घर खाली करने का आग्रह कर रहा हूं. यमुना नदी के जलस्तर बढ़ने से कई इलाकों में लोग प्रभावित होंगे.”

1978 में यमुना का का जलस्तर 207.49 मीटर तक पहुंचा था, जो सबसे उच्च स्तर था. इस बार 45 साल का रिकॉर्ड टूटा है. यमुना का पानी रिंग रोड पर पहुंच गया है. बाढ़ के हालात को देखते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने गृह मंत्री अमित शाह को भी चिट्ठी लिखी है.

 हथिनीकुंड बैराज से धीमी गति से पानी छोड़ने की अपील

अमित शाह को लिखी चिट्ठी में अरविंद केजरीवाल ने हथिनीकुंड बैराज से धीमी गति से पानी छोड़ने की मांग की है. ताकि यमुना का जलस्तर तेजी से न बढ़े. बता दें कि हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से हर साल यमुना में पानी छोड़ा जाता है. कुछ दिन पहले दिल्ली में भारी बारिश के कारण हुए जलजमाव से हालात खराब हुए थे. 

केजरीवाल ने दिलाई 1978 में आई बाढ़ की याद

केजरीवाल ने चिट्ठी में आगे लिखा, “यमुना का जलस्तर 1978 में  207.49 मीटर था. उस वक्त दिल्ली में बाढ़ आ गई थी और काफी गंभीर स्थिति हो गई थी. अभी यमुना का स्तर 207.56 मीटर तक पहुंच गया है और अब कभी भी बाढ़ आ सकती है.”

वहीं, हरियाणा में बारिश से 7 जिलों में हालात खराब हो गए हैं. पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल और पानीपत जिलों के 239 गांव ऐसे हैं, जहां अभी भी बारिश का पानी भरा हुआ है. 

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