Even A Small Congress Worker Can Defeat Smriti Irani In The Lok Sabha Elections This Time: Abhay Dubey – कांग्रेस का एक छोटा कार्यकर्ता भी स्मृति ईरानी को इस बार लोकसभा चुनाव में हरा सकता है : अभय दुबे


कांग्रेस का एक छोटा कार्यकर्ता भी स्मृति ईरानी को इस बार लोकसभा चुनाव में हरा सकता है : अभय दुबे

भाजपा ने ईरानी को अमेठी से पार्टी उम्मीदवार घोषित किया है, वहीं कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है.

लखनऊ:

कांग्रेस ने अमेठी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद स्मृति ईरानी को अपने निर्वाचन क्षेत्र में कराए गए कोई पांच काम गिनाने की चुनौती देते हुए बृहस्पतिवार को दावा किया कि कांग्रेस का एक छोटा कार्यकर्ता भी ईरानी को इस बार लोकसभा चुनाव में हरा सकता है. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभय दुबे ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि स्मृति ईरानी घबराई हुई हैं. अगर उन्होंने वहां काम किया होता, तो उन्हें डर नहीं लगता. कांग्रेस ने अमेठी में विकास की गाथा लिखी है.”

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अभय दुबे ने ईरानी को चुनौती दी कि वह पिछले पांच साल के दौरान सांसद के रूप में अमेठी में कराए गए केवल पांच विकास कार्यों को गिनायें. दुबे ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने अमेठी में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल), आयुध कारखाना, रेल नीर कारखाने और अस्पतालों का निर्माण कराया.” उन्होंने आरोप लगाया कि सांसद स्मृति ईरानी जिस प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र के बारे में बात कर रही हैं, वह केवल दो कमरों का है और उसमें बिजली का कनेक्शन भी नहीं है.

अबय दुबे ने ईरानी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘अमेठी के लोग आपको अपनी स्मृति में रखना भी नहीं चाहते हैं. यहां से चुनाव लड़ने वाला कोई छोटा कार्यकर्ता भी आपको हरा देगा.”

भाजपा ने जहां ईरानी को अमेठी से पार्टी उम्मीदवार घोषित किया है, वहीं कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. अमेठी में पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होगा. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी वर्ष 2004 से 2019 तक अमेठी से सांसद रहे थे मगर 2019 के आम चुनाव में वह ईरानी से हार गए.

बेंगलुरु में कथित तौर पर ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने के लिए तीन लोगों पर हुए हमले के बारे में पूछे गए सवाल पर दुबे ने कहा कि भगवान राम भाजपा को सदबुद्धि दें. उन्होंने कहा, ‘‘रामजी ने सत्ता छोड़ दी थी और वचन निभाने के लिए 14 साल के वनवास पर चले गए थे, लेकिन उनका (राम का) नाम लेकर भाजपा हर दिन अपने वादे तोड़ती है और सत्ता का आनंद लेती है.”

अभय दुबे ने कहा कि जनता मतदान के समय किए गए काम के आधार पर जनप्रतिनिधि की जवाबदेही तय करेगी, न कि जारी किए गए बयानों के आधार पर. चुनावी बॉन्ड के मुद्दे पर उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय रिजर्व बैंक ने मई 2017 में और चुनाव आयोग ने सितंबर 2017 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर चुनावी बॉन्ड योजना न लाने को कहा था, क्योंकि इससे और अधिक फर्जी कंपनियां और कालाधन पैदा होगा, लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी, क्योंकि उन्हें ‘चंदा दो धंधा लो’ करना था.”

अभय दुबे ने कहा कि चुनावी बॉन्ड को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले से भाजपा ‘बेनकाब’ हो गयी है और वह इस बात से ‘घबराई’ हुई है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग कांग्रेस को बैठक के लिए समय नहीं दे रहा है और इसकी निष्पक्षता सवालों के घेरे में है.

 



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