Everything on the ground casts a shadow so why not an airplane
धरती पर मौजूद किसी भी चीज पर अगर प्रकाश पड़ता है तो उसकी एक परछाई बन जाती है. विज्ञान की भाषा में कहें तो पृथ्वी पर मौजूद हर उस चीज की परछाई बनती है, जिसमें द्रव्यमान होता है यानी जो अपारदर्शी होती है. वस्तु की साइज के हिसाब से ही उसकी परछाई भी बनती है यानी छोटी चीज की परछाई छोटी और बड़ी चीज की बड़ी होती है. हालांकि, प्रकाश के एंगल को बदल कर आप परछाई को वस्तु से बड़ा भी कर सकते हैं.
हवाई जहाज की परछाई
आपने गौर किया होगा कि दिन में जब कभी आसमान में प्लेन उड़ता है तो उसकी परछाई धरती पर नहीं बनती. ऐसे में सवाल उठता है कि द्रव्यमान तो प्लेन का भी होता है और आसमान में उड़ते समय इस पर भी सूरज की रौशनी पड़ती है फिर ऐसा क्यों होता है कि इसकी परछाई धरती पर नहीं बनती?
हवाई जहाज जब जमीन पर होता है तो उसकी परछाई आप आसानी से देख पाते हैं. लेकिन आसमान में उड़ने के बाद ऐसा नहीं होता. एक्सपर्ट इसके लिए प्रकाश के विवर्तन को जिम्मेदार बताते हैं. इसे ऐसे समझिए, जब प्रकाश सीधी रेखा में चलता है और किसी नुकीले सिरे से टकराता है तो किनारों पर से प्रकाश की किरणें थोड़ा सा मुड़ जाती हैं और प्रकाश का इस तरह मुड़ना ही ‘प्रकाश का विवर्तन’ कहलाता है.
पतंग की परछाई भी नहीं दिखती
ऐसा नहीं है कि सिर्फ हवाई जहाज की ही परछाई नहीं दिखती. आसमान में जब पतंग बहुत ऊंचाई पर उड़ता है तो उसकी भी परछाई हमें जमीन पर नहीं दिखाई देती. इसके लिए भी प्रकाश का विवर्तन ही जिम्मेदार होता है. हालांकि, जब आपकी पतंग एक तय ऊंचाई से नीचे होती है तो उसकी परछाई आप आसानी से जमीन पर देख सकते हैं. लेकिन इस परछाई का आकार पतंग की साइज और प्रकाश के एंगल पर निर्भर करता है.
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