Explainer: क्या वाकई में है कोई प्लैनेट 9, क्यों हो रही है इस पर बहस, नासा कैसे सुलझाएगा ये पहेली?


पिछले एक दशक से कई वैज्ञानिक दावा कर रहे हैं कि सौरमंडल में एक नौवा ग्रह भी है, जो नेप्च्यून के आगे मौजूद काइपर बेल्ट में मौजूद है. इसे वे प्लैनेट नाइन या प्लैनेट एक्स बताते हैं. पर अभी तक इसके होने या ना होने के दावे को प्रमाणित नहीं किया जा सका है. हाल ही में इस बहस के खत्म होने की उम्मीद वैज्ञानिक करने लगे हैं. इसकी वजह नासा का अगले साल शुरू होने वाली वेधशाला है, जिसके शक्तिशाली टेलीस्कोप के आंकड़े स्थिति साफ कर देंगे. पर आखिर ये प्लैनेट 9 है क्या और इसको लेकर इतनी बहस क्यों हो रही है, आइए ऐसे सभी सवालों के जवाब जानते हैं.

प्लैनेट 9 ही क्यों 10 या 11 क्यों नहीं?
अभी हमारे सौरमंडल (Solar System) में कुल 8 ग्रह हैं. साइंटिस्ट्स पहले प्लूटो को भी पूर्ण ग्रह मानते थे, लेकिन कुछ सालों पहले उन्होंने उसे पूर्ण ग्रह ना मान कर बौना ग्रह या डार्फ प्लैनेट की श्रेणी में कर दिया. इससे इतर एक बड़े ग्रह के होने का दावा है जो सौरमंडल का नौंवा ग्रह बताया जा रहा है.

कहां है या हो सकता है ये प्लैनेट 9?
सौरमंडल में नेप्च्यून ग्रह के आगे बर्फीले और अन्य चट्टानों  सहित कई पिंडों का समूह है जो एस्टेरॉयड पट्टी की तरह है. प्लूटो और उसके आकार के कई पिंड यहां पाए जाते हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि यहां नेप्च्यून के आकार का एक ग्रह मौजूद होना चाहिए जो बाकी ग्रहों की तरह ही सूर्य का चक्कर लगा रहा है.

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वैज्ञानिकों का मानना है कि नौंवा ग्रह काइपर बेल्ट में हो सकता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)

प्लैनेट 9 का संदेह
काइपर बेल्ट में कई वैज्ञानिकों को गुरुत्व संबंधी कुछ गड़बड़ियां देखने को मिली है. इसके आधार पर ही यह बहस शुरू हुई है कि हो ना हो ये किसी बड़े ग्रह के होने की वजह से है. लेकिन इन अटकलों पर विराम लगने की उम्मीद है और हो सकता है कि कुछ सालों में इस प्लैनेट 9 की गुत्थी साफ हो जाए.

गुत्थी सुलझने की उम्मीद
साल 2025 में नासा चिली में वेरा सी रूबिन वेधशाला या ऑबजर्वेटरी खुलने वाली है. इसमें दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल कैमरा लगेगा जो आकाश में सौरमंडल के पिडों का अवलोकन कर सकेगा. अगले साल ही अमेरिका के नेशनल साइंस फाउंडेशन एंड स्टैनफोर्ड- यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता इस वाइड एंगल टेलीस्कोप का उपयोग कर शोधकार्य शुरू कर देंगे.

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वेरा सी रूबिन वेधशाला के शक्तिशाली डिजिटल टेलीस्कोप के जरिए वैज्ञानिक प्लैनेट 9 की पहेली सुलझा सकेंगे. (तस्वीर: Vera C. Rubin Observatory)

अभी प्लैनेट 9 को लेकर क्या है दावा?
पिछले साल द एस्ट्रोनॉमिकल जर्नल में प्रकाशित हुए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने प्लैनेट 9 के होने के अब तक के सबसे मजबूत प्रमाण हासिल करने का दावा किया. उनके मुताबिक इस ग्रह का भार 1.5 से 3 गुना अधिक हो सकता है. वे इसकी संरचना के मामले में आश्वस्त नहीं है, लेकिन यह बर्फीला, या पथरीली पृथ्वी या फिर कोई सुपर प्लूटो हो सकता है. उनके मुताबिक इसकी सतह के अंदर महासागर भी हो सकते हैं. जापान की किनदाई यूनिवर्सिटी में प्लैनेटरी साइंस के एसोसिएट प्रोफेसर और अध्ययन के सह लेखक पैट्रिक सोफिया लिकावा उसकी धुरी दूसरे ग्रहों की तुलना में ज्यादा ही झुकी हो सकती है.

कैसे शुरू हुआ था प्लैनेट 9 का दावा
दो अमेरिकी वैज्ञानिकों माइक ब्राउन और कोन्सटेंटिन बैटिजिन ने 2014 में प्लैनेट नाइन के होने की प्रबल संभावना का दावा किया था और उसके बाद उनके शोधों ने उस दावे को मजबूती से ही पेश किया है. उनके मुताबिक यह सुपर अर्थ पृथ्वी से करीब 5 से 7 गुना भारी होनी चाहिए. इन दोनों के पहले भी कई सिद्धांत दिए जा चुके हैं कि काइपर बेल्ट में कुछ ऐसा है जो नेप्च्यून पार पिंडों की कक्षा को प्रभावित कर रहा है.

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सवाल यही है कि क्या जो अवलोकनों में गड़बड़ियां दिख रही हैं, क्या वास्तव में किसी बड़े ग्रह के गुरुत्व का असर है?  या यह कुछ और ही है. कुछ और की संभावना इतनी मजबूत नहीं है, जितनी की किसी ग्रह के होने की पर प्रमाणिक तौर पर कुछ कह पाना बहुत मुश्किल है, क्योंकि इन पिंडों का गहन अध्ययन भूसे में सुई को खोजने जैसा है.  फिर भी साइंटिस्ट्स के लिए ऐसा ग्रह सुदूर खोेज जा रहे एक्सोप्लैनेट्स से काफी मिलता जुलता होगा. जो कई पहेलियां सुलझा सकेगा. देखना ये है कि वेरा सी रूबिन वेधशाला के टेलीस्कोप यह काम कितना आसान कर पाते हैं.

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