Explainer : गाज़ा पट्टी किसकी – पूरी कहानी, क्यों वहां के बिजली, पानी पर इज़रायल कंट्रोल, समझें सवाल-जवाब में
हाइलाइट्स
गाज़ा पट्टी पर फिलिस्तीनी प्राधिकरण की स्वशासित सरकार लेकिन पूरा इलाका आधिकारिक तौर पर इजरायल के कंट्रोल में
गाज़ा पट्टी कभी ब्रिटेन की रही तो कभी मिस्र तो अब इजरायल की लेकिन हमेशा अशांत और सुलगती ही रही
एक जमाना था जबकि गाज़ा पट्टी पर इजरायल का कब्जा और नियंत्रण था. फिर ये इलाका कैसे इजरायल के हाथों से चला गया या उसने खुद जाने दिया लेकिन अब ये पट्टी खुद इस देश के लिए मुश्किल का सबब बन चुकी है. ये जानते हैं कि आखिर किस स्थिति में इजरायल ने इस पर से अपना प्रशासनिक कंट्रोल खत्म करने पर खुद रजामंदी जाहिर की.
ग़ज़ा पट्टी इजरायल के दक्षिण-पश्चिम में स्थित एक 6-10 किमी चौड़ी और कोई 45 किमी लंबा क्षेत्र है. इसके तीन ओर इजरायल का कंट्रोल है. दक्षिण में मिस्र है. गज़ापट्टी का इतिहास तो 1948 में इस्राइल के निर्माण के साथ शुरू होता है. इजरायल निर्माण के बाद अरबों के लिए अर्मिस्टाइस रेखा बनाई गई जिसके तहत गजा पट्टी में सुन्नी मुस्लिमों को बसा दिया गया. ये तय किया गया कि इजरायल के अरब मुस्लिम यहां रहेंगे जबकि यहूदी इजरायल में. तब ये इलाका मिस्र के कंट्रोल में था.
सवाल – कैसे गाजा पट्टी मिस्र से इजरायल के कंट्रोल में आया?
– 1948 से लेकर 1967 तक इस पर मिस्र का अधिकार था. 1967 में 06 दिनों की भीषण लड़ाई के बाद इजरायल ने अरब देशों को निर्णायक रूप से हराते हुए मिस्र से ये पट्टी छीन ली. उसके बाद से कहने को तो ये इजरायल के कंट्रोल में है लेकिन वास्तव में इसमें हमास शासन करता है. ऐसा कैसे हुआ, इसकी भी एक कहानी है.
वैसे गाजा पट्टी 1918 से 1948 तक ब्रिटेन का हिस्सा था तो उससे पहले ओटोमन साम्राज्य का हिस्सा. 1993 में ओस्लो समझौते के माध्यम से गाजा में फिलिस्तीनी प्राधिकरण को सीमित स्वशासन दिया गया.
सवाल – आधिकारिक तौर पर गाज़ा किस देश के नियंत्रण में आता है?
– संयुक्त राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन और दुनिया की अधिकांश सरकारें गाज़ा पट्टी को इजरायल का ही मानती हैं. इसे फिलिस्तीनी प्राधिकरण द्वारा स्वशासित क्षेत्र माना जाता है. लेकिन इज़राइल गाज़ा पट्टी पर प्रत्यक्ष तौर पर बाहरी नियंत्रण रखता है तो गाजा के भीतर अप्रत्यक्ष नियंत्रण. इज़रायल इसके हवाई और समुद्री क्षेत्र ही नहीं बल्कि 07 भूमि क्रॉसिंग में 06 को कंट्रोल करता है.
सवाल – गाज़ा पट्टी पर बिजली,पानी और कई तरह की सुविधाओं पर इजरायल का अधिकार क्यों?
– गाज़ा पानी, बिजली, दूरसंचार और अन्य कई सुविधाओं के इस्तेमाल के लिए पूरी तरह इज़रायल पर निर्भर है. क्योंकि इज़रायल ने जानबूझकर इन चीजों का नियंत्रण खुद के पास रखा हुआ है. यहां तक कि खाने की भी बहुत सी चीजें गाज़ा में इजरायल से ही आती हैं. गाज़ा को बहुत सी चीजों के लिए अब भी इज़रायल की अनुमति की जरूरत पड़ती है.
शायद ऐसा इजरायल ने इसलिए किया है ताकि गाज़ा पट्टी के फिलिस्तीनी प्राधिकरण द्वारा स्वशासित होने के बाद भी उसका पूरा कंट्रोल बना रहे. वह उसे अपने तरीके से कंट्रोल करता रहे. गाहे बगाहे इसी वजह से इज़रायल इस इलाके के बिजली और पानी को बंद कर देता है. बहुत सी चीजों की खाने की सप्लाई रोक देता है, चूंकि हवाई और समुद्री क्षेत्र पर उसका नियंत्रण बना है, लिहाजा गाज़ा पट्टी के लोग बाहर खुद के जरिए ये सामान नहीं मंगा सकते.
सवाल – क्या इजरायल की सेना अब भी कभी भी गाज़ा पट्टी आ जा सकती है?
– हां, इज़राइल अपनी सेना के साथ गाजा में इच्छानुसार प्रवेश करने का अधिकार सुरक्षित रखता है. वो गाजा क्षेत्र के भीतर नो-गो बफर जोन बनाए रखता है.
सवाल – गाज़ा पट्टी जब 1967 में इजरायल के कंट्रोल में आया तो उसके बाद इस इलाके में असंतोष को क्यों बढ़ने लगा?
– जून 1967 में 06 दिनों के युद्ध के दौरान इज़राइल रक्षा बलों ने गाजा पट्टी पर कब्जा कर लिया. इसके बाद उसने यहां के ऐसे प्रतिबंध लगा दिए, ऐसे प्रावधान कर दिए कि असंतोष पनपने लगा.
गाजा के कृषि क्षेत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा क्योंकि पट्टी का एक-तिहाई हिस्सा इजराइल द्वारा हथिया लिया गया. यहां के कृषि कामों पर असर पड़ने लगा. यही नहीं गाजा से निर्यात होने वाले सभी सामानों पर भी कोटा लगा दिया, यहां ऐसा कुछ किया गया कि इजरायल का सामान तो बेरोकटोक यहां आए लेकिन यहां के सामान और कृषि सीमित होती चली जाए. इसे लेकर इजरायल और मिस्र के बीच एक समझौता भी हुआ.
सवाल – गाज़ा पट्टी में इंतिफादा यानि इजरायल विरोधी आंदोलन और हिंसा क्यों शुरू हुई?
– जिस तरह इजरायल ने गाजा की आत्मनिर्भरता को खत्म कर दिया और उसे नुकसान पहुंचाया, उसके बाद गाजा में विरोध प्रदर्शन, हिंसा शुरू हो गई. इसका दायरा बढ़ने लगा. मन से यहां के लोगों ने इजरायल के नियम कानूनों को मानने से मना कर दिया. इसके बाद इंतिफादा शुरू हुआ. इंतिफादा का मतलब विरोध आंदोलन के तौर पर लगाया जा सकता है.
सवाल – पहला इंतिफादा कब शुरू हुआ और ये कब तक चला?
पहला इंतिफादा 1967 से शुरू हुआ और 1993 तक तब तक चलता रहा जबकि तक कि गाजा पट्टी को खुद स्वशासन के लिए इजरायल ने मैड्रिड समझौता नहीं कर लिया. ये विरोध आंदोलन गाजा पट्टी, वेस्ट बैंक और फिलिस्तीनी लोगों के जरिए 20 सालों से कहीं ज्यादा समय तक जारी रहा.हालांकि लोगों का कहना है कि ये विरोध प्रदर्शन 1993 के ओस्लो समझौते तक जारी रहा.
सवाल – किस समझौते के बाद इजरायल ने गाज़ा पट्टी से हटना मंजूर किया और कब इजरायल का सैन्य कब्जा यहां खत्म हुआ?
– मई 1994 में जब फिलिस्तीनी-इजरायल समझौता हुआ, जिसे ओस्लो समझौते के रूप में जाना जाता है, उसमें गाजा पट्टी को फिलिस्तीनी नियंत्रण में तो देना इजरायल ने मंजूर कर लिया लेकिन वहां एक अलग नया फिलिस्तानी प्राधिकरण बनाकर. इसके लिए इस क्षेत्र में अलग से सरकार चलाने के लिए चुनाव कराए जाते हैं.
फरवरी 2005 में इजरायल ने गाजा पट्टी से इजरायली निवासियों को हटाना शुरू कर दिया. गाजा पट्टी और संयुक्त इजरायली-फिलिस्तीनी इरेज़ औद्योगिक क्षेत्र में सभी इजरायली बस्तियों को नष्ट कर दिया गया. 12 सितंबर 2005 को, इजरायली कैबिनेट ने औपचारिक रूप से गाजा पट्टी पर इजरायली सैन्य कब्जे को समाप्त करने की घोषणा की.
सवाल – हमास की पकड़ यहां कैसे मजबूत होती गई?
– माना जाता है कि वर्ष 2007 में गाजा पट्टी में हुए चुनावों में हमास ने जीत हासिल की. फिर तो धीरे धीरे इसने यहां अपनी पकड़ मजबूत बना ली. यहां के सरकारी आफिसों से लेकर सैन्य विंग तक हमास का पूरा कंट्रोल है. हालांकि संयुक्त राष्ट्र, इजरायल, अमेरिका और दुनिया के कई देश हमास को आतंकवादी संगठन मानते हैं. हमस इस क्षेत्र के पूर्ण आजादी की बात करता है. 2007 से लेकर अब तक इजराइल ने हमास के खिलाफ चार बड़े हमले किए हैं.
सवाल – बार-बार गाज़ा पट्टी और इजरायल के बीच संघर्ष क्यों होता है?
– गाजा पट्टी के लोग इजरायल पर उन्हें नाहक परेशान करने और नियंत्रण के नाम पर दमन और उनके लोगों को मारने का आरोप लगाते रहे हैं. इसी वजह से गाजा पट्टी पर शासन करने वाले हमास और इजरायल के बीच जबरदस्त तनाव रहता है. साथ ही एक बड़ी वजह अक्सा मस्जिद को लेकर भी है, जिसे अरब और गाजा के लोग अपने कंट्रोल में चाहते हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 10, 2023, 13:42 IST