Explainer: कितनी ताकतवर है नार्थ कोरिया की सेना, जो गई रूस की मदद के लिए, मिलेगा कितना पैसा


हाइलाइट्स

ये सैनिक आक्रामक अभियानों में माहिर हैं, उन्हें कई तरह की ट्रेनिंग दी जाती हैउत्तर कोरिया सेना में विशेष अभियान बल के तौर पर 2 लाख एलीट सैनिक हैंउत्तर कोरिया की सेना दुनिया की चौथी बड़ी सेना है, इसके पास 13 लाख सक्रिय सैनिक हैं

वैसे तो हाल में उत्तर कोरिया ने दो वजहों से दुनिया में खूब सुर्खियां बटोरी हैं. एक तो उसके परमाणु कार्यक्रम को लेकर और दूसरा उसके शासक किम जोंग उन के अजीबोगरीब फरमानों के लिए. लेकिन अब उससे जुड़ी ये खबर दुनियाभर फैली है कि उसके हजारों सैनिक यूक्रेन में युद्ध लड़ने में मदद करने के लिए रूस में आ रहे हैं.

उत्तर कोरिया की सेना दुनिया की चौथी बड़ी सेना है. इसे ताकतवर सेना माना जाता है. इसे नार्थ कोरिया पीपुल्स आर्मी भी कहा जाता है. इसमें कोई शक नहीं कि उत्तर कोरिया ने सेना के बल पर टिका हुआ देश है. हालांकि दशकों से उस पर लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों ने उसकी अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है.

वैसे ये कहना चाहिए कि जिस तरह उत्तर कोरिया एक देश के रूप में काफी रहस्यमय है, वैसी ही इसकी सेनाएं भी हैं. सात दशक पहले कोरियाई युद्ध के बाद से इसने कोई बड़ी लड़ाई नहीं लड़ी है. जब इसके सैनिक विदेश में पहली बड़ी लड़ाई के लिए विदेश चले गए, तो उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया ने उनके जाने या विदाई समारोह की कोई खबर नहीं दी.

सवाल – उत्तर कोरिया ने अपनी जो सैन्य टुकड़ी रूस भेजी है, उसकी खासियत क्या है?
– दक्षिण कोरिया का कहना है कि उत्तर कोरिया द्वारा रूस भेजे गए सैनिक उसके विशेष अभियान बल का हिस्सा हैं, जो उसकी सेना की पांच शाखाओं में एक हैं. ये सैनिक आक्रामक अभियानों में माहिर हैं. उन्हें “स्टॉर्म”, “लाइटनिंग” और “थंडरबोल्ट” जैसे नामों वाली इकाइयों में नियुक्त किया जाता है. फिर स्नाइपर के रूप में प्रशिक्षित किया जाता है. हमला करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है.

उत्तर कोरिया का विशेष अभियान बल दुनिया के सबसे बड़े बलों में एक है, जिसमें 200,000 सैनिक हैं जो अपने साथियों की तुलना में बेहतर ढंग से सुसज्जित, प्रशिक्षित और खिलाए जाते हैं.

ऐसा लगता है कि यूक्रेन की ओर जा रहे युवा उत्तर कोरियाई सैनिक उस पीढ़ी से हैं, जो 1990 के दशक में आए विनाशकारी अकाल के बाद बड़ी हुई है. रूस से होकर यात्रा करना शायद बाहरी दुनिया से उनका पहला सामना होगा, जो उनकी मातृभूमि की तुलना में कहीं अधिक स्वतंत्र और समृद्ध है।

सवाल – लेकिन कुछ लोग ये क्या कह रहे हैं कि ये सैनिक ज्यादा दमखम वाले नहीं हैं?
– दरअसल ये सवाल कुछ विशेषज्ञों ने उठाए हैं. उन्होंने रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों को दिखाने वाले वीडियो का हवाला देते हैं. उनका कहना है कि इन सैनिकों की तस्वीरें देखकर लगता है कि इनमें से कई की लंबाई कम और कद-काठी पतली है. वे इंजीनियरिंग कोर के हैं, ऐसा लगता है कि उन्होंने युद्ध-प्रशिक्षण मैदानों की तुलना में किम जोंग उन की निर्माण परियोजनाओं पर अधिक समय बिताया है.

सवाल – ये सैनिक अपने देश की वर्दी में क्यों नहीं हैं?
– दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून ने गुरुवार को कहा, “वे अपनी वर्दी नहीं पहन रहे हैं, बल्कि रूसी वर्दी में खुद को छिपा रहे हैं, उनके पास कोई संचालन नियंत्रण नहीं है, बल्कि वे केवल रूसी आदेशों का पालन कर रहे हैं.

सवाल – कोरियन पीपुल्स आर्मी कितनी ताकतवर है?
– खाद्यान्न की कमी के बावजूद, उत्तर कोरिया में 13 लाख सक्रिय सैनिक हैं. 76 लाख रिजर्व सैनिक हैं, जो उसकी आबादी का 30 फीसदी हैं, जो इसे दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सेना बनाता है. यहां हर पुरुष को आठ से 10 साल और महिलाओं को पांच साल तक सेवा करनी पड़ती है. इसके पास 4,300 टैंक, 8,800 तोपें, 810 लड़ाकू विमान और 70 पनडुब्बियां हैं.

अपनी “सैन्य-प्रथम” नीतियों के तहत, सशस्त्र बलों को सरकारी संसाधनों का सबसे बड़ा हिस्सा मिलता है. कुछ अनुमानों के अनुसार उत्तर कोरिया का वार्षिक सैन्य खर्च उसके सकल घरेलू उत्पाद के एक चौथाई के बराबर है. सेना खेतों, व्यापारिक कंपनियों, मछली पकड़ने और खनन कार्यों का अपना विशाल नेटवर्क चलाती है.

सवाल – कहा जाता है कि उत्तर कोरिया की सेना के पास पुराने किस्म के खराब क्वलिटी के हथियार हैं?
– एक दशक पहले तक तो ये बात कही जा सकती थी लेकिन किम जोंग उन के राष्ट्रपति बनने के बाद उत्तर कोरिया की सेना का काफी आधुनिकीकरण हुआ है. साथ ही उत्तर कोरिया ने परमाणु मिसाइलों का विकास करके और 5,000 टन रासायनिक हथियारों का भंडार बनाकर सेना के हथियारों से संबंधित कमज़ोरियों की भरपाई करने की कोशिश की है. उनकी आर्मी 6,800 हैकर से सुसज्जित भी है, जो दुश्मन के कंप्यूटर नेटवर्क पर हमला कर सकते हैं, साइबर वार में ट्रेंड हैं.

सवाल – उत्तर कोरिया की सेना कितनी प्रभावी हो सकती है?
– कुछ दशक पहले उत्तरी कोरिया के एलीट कमांडो ने दक्षिण कोरिया में तबाही मचाई थी. 1968 में वो दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति के निवास के करीब पहुंच गए थे, लेकिन उनकी हत्या में विफल रहे. अन्य कमांडो आक्रमणों में, कुछ उत्तरी कोरियाई सैनिकों ने दुश्मन द्वारा पकड़े जाने के बजाय खुद को मार डाला. कुछ सुरक्षित रूप से उत्तर की ओर वापस आ गए.

सवाल – उत्तर कोरिया में कोरियन पीपुल्स आर्मीा की भूमिका क्या है?
– सेना इस गरीब देश में कई लोगों के लिए जीवन रेखा है. सेना में अधिकारी बनने वाला शख्स सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी की सदस्यता की शर्त पूरी कर लेता है, जो देश में सर्वोच्च प्रतिष्ठा का प्रतीक है.

रूसी सेना की तरह, उत्तर कोरिया की केपीए में भी शीर्ष से नीचे तक की कमांड संरचना है.हालांकि अधिकांश सामान्य सैनिक पुरानी खाद्य कमी और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के प्रभावों को झेलते हैं. जब 2017 में एक उत्तर कोरियाई सैनिक दक्षिण में चला गया, तो डॉक्टरों ने पाया कि उसकी आंतें परजीवी कीड़ों से भरी हुई थीं.

सवाल – रूस भेजी गई नार्थ कोरिया की सेना के बारे में ये क्यों कहा जा रहा है कि इन्हें पैसे भी मिलेंगे?
– यूक्रेन का दावा है कि उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन ने युद्ध में कम से कम 11,000 सैनिकों को भेजने का फैसला किया है. यूक्रेन की सैन्य खुफिया एजेंसी के प्रमुख जनरल काइरिलो बुडानोव का कहना है कि वे रूस के सुदूर पूर्व में खाबरोवस्क क्षेत्र में और उसके आसपास चार रेंजों में प्रशिक्षण ले रहे हैं. दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसी का कहना है कि रूस उत्तर कोरियाई सैनिकों को प्रति माह लगभग 2,000 अमेरिकी डॉलर का भुगतान करेगा. हालांकि उत्तर कोरिया आमतौर पर विदेशों में भेजे जाने वाले अपने कर्मचारियों को दिए जाने वाले वेतन का अधिकांश हिस्सा अपने पास रख लेता है.

Tags: Kim Jong Un, North Korea, Russia, Russia ukraine war



Source link

x