Explainer: कौन हैं स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री जिनको गोली मारी गई, क्यों उनसे नाराज चल रही थी देश की जनता Who is the Prime Minister of Slovakia who was shot Why were the people of the country angry with him
हाल में उनके कुछ फैसलों को लेकर लोगों में थी नाराजगीविपक्ष देशव्यापी प्रदर्शन करने वाला था प्रधानमंत्री के खिलाफ यूक्रेन युद्ध को लेकर उनके रुख के कारण लोगों में नाराजगी थी
स्लोवाकिया (Slovakia) के लोकप्रिय प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको (PM Robert Fico) को 15 मई को हैंडलोवा (Handlova) शहर में जान से मारने की कोशिश की गई. हत्या के प्रयास में रॉबर्ट फिको गोली लगने से घायल हो गए. उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां उनका ऑपरेशन किया गया. स्लोवाकिया के उपप्रधानमंत्री टॉमस ताराबा (Deputy Prime Minister, Tomas Taraba) ने बताया कि फिलहाल फिको की जिंदगी को कोई खतरा नहीं है. रॉबर्ट फिको को प्रधानमंत्री बने अभी छह महीने का समय ही हुआ था. लेकिन माना जाता है कि उन्होंने और उनके गठबंधन सहयोगियों ने स्लोवाकिया की संस्थाओं पर इस दौरान तगड़ा आघात किया. जिसकी वजह से देश की जनता उनसे नाराज थी.
स्लोवाकिया मीडिया द्वारा हमलावर की पहचान 71 वर्षीय कवि जुराज सिंटुला के रूप में की गई, जिसने पीएम रॉबर्ट फिको की हत्या का प्रयास किया था. स्थानीय मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार जुराज सिंटुला एक निजी सुरक्षा कंपनी का पूर्व कर्मचारी और एक कविता संग्रह का लेखक है. चार बार प्रधानमंत्री रहे और राजनीतिक दिग्गज फिको पर आरोप है कि उन्होंने स्लोवाकिया की विदेश नीति को क्रेमलिन (रूस) के पक्ष में खड़ा करने का काम किया.
चलीं 4 गोलियां, फिको के पेट में लगी
बताया जाता है कि हैंडलोवा शहर में हाउस ऑफ कल्चर के बाहर चार गोलियां चलाई गईं, जो फिको के पेट में लगीं. गोली लगने से पहले उन्होंने इसी जगह बैठक की थी. पुलिस ने संदिग्ध को हिरासत में लिया और घटना स्थल को सील कर दिया गया. प्रधानमंत्री के फेसबुक पेज पर एक आधिकारिक संदेश में कहा गया, “आज रॉबर्ट फिको की जिंदगी लेने की कोशिश की गई. उन्हें कई बार गोली मारी गई. फिलहाल, उन्हें हेलीकॉप्टर से बंस्का बायस्ट्रिका ले जाया जा रहा है, क्योंकि तत्काल सर्जरी की आवश्यकता के कारण सड़क के रास्त में बहुत लंबा समय लगेगा. अगले कुछ घंटे महत्वपूर्ण होंगे.”
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कौन हैं रॉबर्ट फिको, क्यों उनसे नाराज हैं लोग
– 59 साल के रॉबर्ट फिको का जन्म 1964 में तत्कालीन चेकोस्लोवाकिया में हुआ था. वह शादीशुदा हैं और उनका एक बच्चा भी है.
– साम्यवाद के पतन से पहले वह कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हो गए, 1986 में कानून की डिग्री हासिल की और 1992 में डेमोक्रेटिक लेफ्ट की पार्टी के साथ पहली बार स्लोवाकिया की संसद के लिए चुने गए.
– 1990 के दशक के दौरान, फिको ने यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय और यूरोपीय मानवाधिकार आयोग के समक्ष स्लोवाकिया का प्रतिनिधित्व करने वाले एक सरकारी एजेंट के रूप में कार्य किया.
– 1999 में, वह सेमर (डायरेक्शन) पार्टी के अध्यक्ष बने और तब से इसमें एक प्रमुख व्यक्ति रहे हैं. लोग अक्सर फिको और सेमर को वामपंथी-लोकलुभावन बताते हैं, हालांकि कुछ लोगों ने उनकी तुलना हंगरी के प्रधानमंत्री, दक्षिणपंथी राजनेता विक्टर ओर्बन से भी की है.
– फिको पिछले साल स्लोवाकिया में सत्ता में लौटे. वह पहले 2006 से 2010 तक और फिर 2012 से 2018 तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत रहे. उनके तीसरे कार्यकाल ने उन्हें स्लोवाकिया का सबसे लंबे समय तक शासन करने वाला सरकार प्रमुख बना दिया. स्लोवाकिया यूरोपीय संघ और नाटो का सदस्य है.
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– पांच साल तक विपक्ष में रहने के बाद, फिको की पार्टी ने पिछले साल रूसी समर्थक और अमेरिकी विरोधी बनकर संसदीय चुनाव जीता. फिको ने रूस के आक्रमण के बीच यूक्रेन को स्लोवाकिया को सैन्य समर्थन समाप्त कर दिया. उनका तर्क यह था कि नाटो और संयुक्त राज्य अमेरिका ने यूक्रेन को संघर्ष के लिए उकसाया है.
– चुनाव में जीत के बाद उनकी सरकार ने यूक्रेन को हथियारों की डिलीवरी तुरंत रोक दी. हजारों लोगों ने फिको की रूस समर्थक नीतियों और अन्य पहलों, जैसे दंड संहिता में संशोधन करने और सार्वजनिक मीडिया पर नियंत्रण लेने की योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
– फिको की वापसी ने स्लोवाकिया के पश्चिम-समर्थकों की चिंताएं बढ़ा दीं, क्योंकि उन्होंने ‘संप्रभु’ विदेश नीति, सख्त आव्रजन कानूनों को आगे बढ़ाने और एलजीबीटीक्यू अधिकारों के खिलाफ अभियान चलाने की कसम खाई थी.
– उन्हें पत्रकारों पर हमलों के लिए जाना जाता था और 2022 में कथित तौर पर एक आपराधिक समूह बनाने और सत्ता के दुरुपयोग के लिए आपराधिक आरोपों का सामना करना पड़ा.
– 2018 में, खोजी पत्रकार जान कुसियाक और उनकी मंगेतर की हत्या के बाद फिको और उनकी सरकार ने इस्तीफा दे दिया था. कुसियाक उच्च-स्तरीय राजनेताओं से जुड़े कर-संबंधी अपराधों पर रिपोर्टिंग कर रहे थे.
(एपी से इनपुट के साथ)
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FIRST PUBLISHED : May 16, 2024, 11:01 IST