Explainer: भारत में कैसे एक दिन में कर लेता है 90 करोड़ वोटों की गिनती, अमेरिका तक चकित, दुनिया में मिसाल


हाइलाइट्स

एलन मस्क के ‘एक्स’ संदेश के बाद भारत की चुनाव प्रक्रिया को बधाई रहा ग्लोबल मीडियाअमेरिका में कैलिफोर्निया प्रांत में वोटों की गिनती अब भी जारी, जिस पर हरकोई हैरानभारत में दुनियाभर में सबसे ज्यादा 90 करोड़ वोटर फिर काउंटिंग कुछ ही घंटों में कैसे

अमेरिकी तायकून एलन मस्क ने एक्स पर एक पोस्ट ट्वीट किया, भारत एक दिन में 64 करोड़ वोटों की काउंटिंग कर लेता है और हम अभी कैलिफोर्निंया में वोट गिन ही रहे हैं. दुनिया की सबसे बड़ी चुनावी प्रक्रिया की वोट काउंटिंग 4 जून 2024 को भारत में हुई. बल्कि संसदीय चुनावों में तब 90 करोड़ से ज्यादा वोटर्स ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था. वोट काउंटिंग की पूरी प्रक्रिया देशभर में मतगणना केंद्रों में एक ही दिन में पूरी हो गई. ये वाकई किसी चमत्कार से कम नहीं है. दुनिया के लिए ये अजूबा ही है. क्योंकि अमेरिका जैसा तकनीकी और सुविधा संपन्न देश भी ऐसा नहीं कर पाता. तभी एलन मस्क को हैरानी से एक्स पर ये बात लिखनी होती है.

अब हम जानते हैं कि भारत पिछले तीन दशकों से ऐसा कैसे कर रहा है, जबसे भारतीय चुनावों में इलैक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों की शुरुआत हुई.

भारत में वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों में करीब 10.5 लाख मतदान केंद्र (1.05 मिलियन) बनाए गए. इसमें 90 करोड़ मतदाताओं (900 मिलियन) ने वोट डाले.

2019 के लोकसभा चुनावों में पूरे भारत में करीब 20 लाख इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का इस्तेमाल किया गया. इसमें ईवीएम और वोटर वेरिफ़िएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) दोनों मशीनें शामिल थीं. एक ईवीएम अधिकतम 2,000 वोट रिकॉर्ड कर सकती है. उन्हें लगभग 90 करोड़ मतदाताओं के विशाल निर्वाचन क्षेत्र के लिए लगाया गया.

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भारतीय चुनाव प्रक्रिया की पीठ थपाथपाता हुआ एलन मस्क का एक्स संदेश, जो आज पूरी दुूनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है. (courtesy X)

आपको ये भी बता दें कि लोकसभा चुनावों के बाद देश में 543 से ज्यादा मतगणना केंद्र थे, जिन्होंने 4 जून को ही तकरीबन सारे 543 सीटों के परिणाम घोषित कर दिये. हर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में एक या एक से अधिक काउंटिंग सेंटर्स की व्यवस्था की गई.

एलन मस्क ने ज्योंकि ये एक्स पोस्ट की, दुनियाभर के मीडिया में इस पर रिएक्शन देते हुए भारत की चुनावी प्रक्रिया की तारीफ होने लगी. कैलिफोर्निया राज्य में वोटों की गिनती में देरी पर कटाक्ष करते हुए, अरबपति एलन मस्क ने इस तथ्य की सराहना की कि भारत ने एक दिन में 640 मिलियन वोटों की गिनती की.
संयुक्त राज्य अमेरिका में कुछ राज्य अब भी 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के लिए वोटों की गिनती कर रहे हैं, जिससे कई लोग हैरान हैं कि इस देरी के पीछे क्या कारण है.

मस्क की यह टिप्पणी तब आई जब एक दिन पहले पता चला कि कैलिफोर्निया राज्य में चुनाव के दो सप्ताह से अधिक समय बाद भी मतपत्रों की गिनती जारी है. इस सप्ताह की शुरुआत में, कैलिफोर्निया के चुनाव अधिकारियों ने सूचित किया कि राज्य में अभी भी 300,000 से अधिक मतपत्रों की गिनती बाकी है.

इस देरी का एक कारण यह है कि राज्य बहुत बड़ा है और ज़्यादातर मतपत्र डाक से डाले जाते हैं. एसोसिएटेड प्रेस का कहना है कि डाक से आए मतपत्रों की गिनती में देरी इसलिए होती है क्योंकि प्रत्येक मतदाता को व्यक्तिगत रूप से सत्यापित और संसाधित किया जाना होता है.

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भारत में आमतौर पर वोटिंग के कुछ घंटों बाद सभी ईवीएम जिला मुख्यालय तक पहुंच चुकी होती हैं और फिर उन्हें स्ट्रांग रूम में रखकर सीलबंद कर दिया जाता है. (फोटो – न्यूज18)

सवाल – भारत में वोटिंग के बाद ईवीएम को कितनी देर में कलेक्शन सेंटर तक पहुंच जाना चाहिए?
– भारत में एक संसदीय क्षेत्र में कई पोलिंग बूथ होते हैं. आमतौर पर इन पोलिंग बूथ की दूरी अधिक से अधिक चार से पांच घंटे की होती है. शाम को करीब 5-6 बजे तक वोटिंग बंद होने के बाद ही ईवीएम को सक्षम अधिकारियों की देखरेख में सीलबंद किया जाता है. फिर उन्हें जिला मुख्यालय पर पहुंच जाता है. आमतौर पर अगले दिन सुबह दस बजे तक सभी ईवीएम जिला मुख्यालय पर पहुंच जाते हैं. फिर इनकी गिनती करने के बाद उन्हें जिला मुख्यालय पर ही मौजूदा स्ट्रांग रूम में रख दिया जाता है.

सवाल – वोटिंग के कितने दिनों बाद काउंटिंग शुरू होती है?
– भारत में चुनाव कई चरणों में होते हैं लेकिन आखिरी चरण की वोटिंग के तीसरे दिन वोट काउंटिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है. ये प्रक्रिया खास तरीके से जिला मुख्यालय पर बनाए गए सुरक्षाबंद वोटकाउंटिंग सेंटर्स पर होती है. इसमें परिणाम उसी दिन आ जाते हैं. हालांकि इस काम उस पूरे देश में लाखों सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है.

सवाल – वोट काउंटिंग शुरू होने के बाद कब तक परिणाम आ जाता है?
– आमतौर पर लोकसभा चुनावों में उसी दिन रात 8-9 बजे तक हर केंद्र पर परिणाम आ जाता है यानि वोटों की गिनती हो चुकी है लेकिन कभी कभी कुछ केंद्रों में देर भी हो जाती है.

सवाल – क्या भारत में सभी निर्वाचन क्षेत्रों में वोटों की गिनती का काम एकसाथ ही शुरू होता है?
– भारत में मतों की गिनती विकेंद्रीकृत तरीके से 543 निर्वाचन क्षेत्रों में एक साथ और एक समय पर शुरू होती है. भारत ने इस सिस्टम को वर्ष 1952 के पहले आम चुनावों के बाद लगातार इवाल्व किया है. इन मतपत्रों में डाक मतपत्रों की गिनती भी होती है.

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देश के सभी काउंटिंग सेंटर्स पर सुबह ठीक 08 बजे वोटों की गिनती का काम शुरू हो जाता है. पहले डाक से आए मतपत्रों की गिनती होती है और फिर ईवीएम में कैद वोटों की गिनती की जाने लगती है.

सवाल – वोटिंग प्रक्रिया कैसे शुरू होती है और कैसे होती है?
– देश के सभी काउंटिंग सेंटर्स पर सुबह ठीक 08 बजे वोटों की गिनती का काम शुरू हो जाता है. पहले डाक से आए मतपत्रों की गिनती होती है और फिर ईवीएम में कैद वोटों की गिनती की जाने लगती है. रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) की देखरेख में, मतगणना आम तौर पर एक बड़े हॉल में होती है. प्रत्येक राउंड के बाद परिणाम रिकॉर्ड किए जाते हैं. घोषित किए जाते हैं. 23 नवंबर को भी झारखंड और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों में कुछ ही घंटों में 9 करोड़ वोटों की गिनती का काम पूरा हो गया. वैसे अकेले महाराष्ट्र राज्य की जनसंख्या कैलिफोर्निया से करीब चार गुना ज्यादा है.

सवाल – अमेरिकी राज्यों को देरी का सामना क्यों करना पड़ रहा है?
– वोटों की गिनती में देरी कई तरह के कारकों के कारण हो सकती है, जिसमें मेल-इन और प्रोविजनल बैलेट को प्रोसेस करने के प्रोटोकॉल, पुनर्गणना प्रक्रिया और विभिन्न राज्यों में लॉजिस्टिक चुनौतियाँ शामिल हैं. यह ध्यान देने योग्य है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में एक व्यापक संघीय वोट-काउंटिंग प्रक्रिया नहीं है.

सवाल – स्ट्रांग रूम का वोट काउंटिंग से कितनी देर पहले खोला जाता है और वहां से ईवीएम को काउंटिंग सेंटर्स पर पहुंचाया जाता है?
– जिस दिन मतगणना होती है, उस दिन सुबह 7 बजे के करीब चुनाव लड़ रहे सभी दलों के उम्मीदवारों या उनके प्रतिनिधियों की मौजूदगी में स्ट्रांग रूम का ताला खोला जाता है. इस दौरान रिटर्निंग ऑफिसर और चुनाव आयोग के स्पेशल ऑब्जर्वर भी मौजूद रहते हैं. वही ताला खोलते हैं. इस दौरान पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाती है.

सवाल – मतगणना कैसे होती है?
– मतगणना के लिए ईवीएम की कंट्रोल यूनिट काउंटिंग वाली टेबल पर लाई जाती है. इसकी निगरानी सीसीटीवी कैमरों और वीडियोग्राफी से होती है. टेबल पर रखने के बाद हर एक कंट्रोल यूनिट की यूनिक आईडी और सील का मिलान किया जाता है, फिर इसे हर उम्मीदवार के पोलिंग एजेंट को भी दिखाया जाता है. इसके बाद कंट्रोल यूनिट में एक बटन दबाने के बाद हर उम्मीदवार का वोट EVM में उसके नाम के आगे दिखने लगता है.

सवाल – वोटों की गिनती कौन करता है?
हर एक मतगणना केंद्र के एक हॉल में कुल 15 टेबल लगी होती है. इसमें 14 टेबल काउंटिंग के लिए और एक टेबल रिटर्निंग ऑफिसर के लिए होती है, कौन सा कर्मचारी किस टेबल पर काउंटिंग करेगा, ये बहुत सीक्रेट रखा जाता है, जिस दिन मतगणना होती है, उस दिन सुबह हर जिले का निर्वाचन अधिकारी रैंडम तरीके से कर्मचारियों को हॉल और टेबल अलॉट करता है.

सवाल – मतगणना कक्ष के अंदर कौन-कौन जा सकता है?
– चुनाव आयोग के मुताबिक मतगणना केंद्र के प्रत्येक हॉल में हर टेबल पर उम्मीदवार की तरफ से एक एजेंट मौजूद रहता है. किसी एक हॉल में 15 से ज्यादा एजेंट नहीं हो सकते हैं. प्रत्येक उम्मीदवार अपने एजेंट का चयन खुद करता है और जिला निर्वाचन अधिकारी को उनका नाम, तस्वीर और आधार कार्ड शेयर करता है.

सवाल – रिजल्ट कब घोषित किए जाते हैं और उसके बाद की प्रक्रिया क्या होती है?
– वोटों की गिनती पूरी हो जाने जिला चुनाव अधिकारी रिजल्ट घोषित करता है और एक सर्टिफिकेट जारी करता है. इस सर्टीफिकेट की कॉपी को दिल्ली में राष्ट्रीय चुनाव आयोग को भेजा जाता है. राष्ट्रीय चुनाव आयोग लगातार आ रहे इन चुनावी रिजल्ट संबंधी सर्टिफिकेट के जरिए जीते हुए लोगों की सूची तैयार करता रहता है. आमतौर पर अगले दिन वह देशभऱ के सभी निर्वाचित उम्मीदवारों की सूची लोकसभा सचिवालय को भेज देता है.

Tags: 2024 Lok Sabha Elections, Elon Musk, US Presidential Election 2024, Vote counting



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